बवासीर कैसे होता है? - जानें शुरुआती संकेत फोटो के साथ

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Written by Hexahealth Care Team, last updated on 18 July 2023
बवासीर कैसे होता है? - जानें शुरुआती संकेत फोटो के साथ

एक ऐसे परिदृश्य की कल्पना करें जहां आराम से बैठना एक चुनौती बन जाता है, और असुविधा आपकी अवांछित साथी बन जाती है। पाइल्स, जिसे बवासीर भी कहा जाता है, इस कष्टकारी दृश्य को हकीकत में बदल सकता है।

यह समझने से कि बवासीर कैसे होती है, आपको निवारक उपाय करने और इन कष्टप्रद सूजी हुई रक्त वाहिकाओं को हमेशा के लिए अलविदा कहने में मदद मिल सकती है। इस लेख में हम जानेंगे के बवासीर क्या है, कैसे होता है, और कैसे ठीक हो सकती है।

बवासीर क्या है?

बवासीर गुदा और मलाशय के अंदर और बाहर सूजी हुई, बढ़ी हुई नसें हैं। यह सूजन काफी दर्दनाक और असुविधाजनक हो सकती हैं। कही बार यह मलाशय से रक्तस्राव का कारण बन सकती हैं।

बवासीर मलाशय के अंदर या बाहर  या दोनो जगह हो सकता है। बवासीर प्रकार हैं:

  1. आंतरिक - इस प्रकार के बवासीर में अंदर की नसों में सुझन होती है। आंतरिक बवासीर दर्दनाक नहीं होते पर इनमे अक्सर खून निकलता है।

  2. बाहरी - बाहरी बवासीर गुदा के आसपास की त्वचा के निचली नसों के सुझन से बनती हैं। खुजली और दर्द इस प्रकार के बवासीर में आम है। कभी-कभी, इनमे खून बह सकता हैं। 

  3. प्रक्षेपित - दोनों आंतरिक और बाहरी बवासीर नीचे उतर सकते हैं, जिसका अर्थ है कि वे आपके गुदा के बाहर फैलते और फूलते हैं। इस प्रकार के बवासीर दर्दभरे भी होते है और इनमे से खून भी निकल सकता है।

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बवासिर का कारण

बवासीर कैसे होता है, ये जानने के लिए ये समझना जरूरी है, की बवासीर किस कारण से होता है।

आम तौर पर, मलाशय के नसों पर तनाव बवासीर का मुख्य कारण है। बवासीर के होने के कारणों को समझना महत्वपूर्ण है ताकि सही उपाय अपनाकर इस समस्या से निपटा जा सके। कुछ मुख्य कारण यहा दिए गए है।

  1. कम फाइबर वाला भोजन 

खाने में  कम फाइबर आपके मल को सख्त बनाता है। सख्त मल अक्सर कब्ज का कारण बनता है। इसके परिणाम स्वरूप नसे फूलकर बवासीर बन जाता है। 

  1. शौच के लिए जोर लगाना

कब्ज की वजह से या बिना कब्ज के भी, अगर आप अक्सर मलत्याग के दौरान जोर लगाते है, तो इससे भी तनाव बढ़कर बवासीर होता है।

  1. शौच में लंबे समय तक बैठे रहना

अगर आप शौच में लंबा समय बिताते है तो आपको बवासीर होने का जोखिम हो सकता है। जब बहुत देर तक शौच करने बैठते है, तो उस क्षेत्र में रक्त के प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो जाती है।
इससे रक्त वाहिकाओं में खून एकत्रित हो जाता हैं और वे फूलकर बड़ी हो जाती हैं। 

  1. भारी वस्तु उठाना

एक और गतिविधि जिससे बवासीर होने की संभावना बढ़ती है, वह है अधिक वजन वाली वस्तु को उठाना। जब आप भारी वस्तु या चीज़ उठाते है, तो इसके तनाव से मलाशय के नसों पर दबाव पड़ता है

  1. दीर्घकालिक कब्ज़

बवासीर एक आम कारण दीर्घकालिक (क्रोनिक) कब्ज है। कब्ज के दौरान शौच में आपको ज्यादा तनाव देना पड़ता है। जिससे पेट और श्रोणी तल में दबाव बढ़ता है, जिसके असर से मलाशय के नसों पर दबाव पड़ता है।
यह एक प्रकार के वेरीकोज नसे है जो मलाशय के नसों में देखा जाता है।

  1. दीर्घकालिक दस्त

कब्ज की तरह, लंबे समय से चल रहा दस्त भी बवासीर का कारण बन सकता है। बार बार होनेवाले दस्त से गुदा रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ता है।
इससे नसों में सूजन अति है, जो उनके फुलने का कारण बन सकता है।

  1. मोटापा

किसी भी प्रकार का दबाव जो पेट या पैरो पर तनाव बनाता है वो बवासीर का कारण बन सकता है, जिसमे

मोटापा भी शामिल है। आपका वजन जब बढ़ता है तो उसके साथ में आपके पेट और श्रोणी भाग में तनाव बढ़ता है।
इसका असर आपके मलाशय के नसों पर पड़ता है, और वह फूल जाती है।

  1. गर्भावस्था

महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान अक्सर बवासीर की दिक्कत होती है। इसका कारण है बढ़ता गर्भाशय और बढ़ते शिशु के वजन।
जैसे जैसे गर्भावस्था बढ़ती है शिशु का वजन बढ़ने लगता है, साथ में ग्रभजल और इनके लिए गर्भाशय भी बड़ा होने लगता है।
ये सब मालशय की रक्त नसों  पर अधिक तनाव डालती है, जिससे बवासीर होता है।

  1. बढ़ती उम्र 

बढ़ती उम्र के साथ जैसे अन्य मांसपेशियां और संयोजी ऊतक कमज़ोर पड़ जाते है, मलाशय के ऊतकों में भी यही बदलाव होता है। 

यह कमजोर मांसपेशियां बवासीर को सख्त रूप से पकड़ नही पाती, जिससे वह और उभर के निकलता है और स्थानच्युत (प्रोलैप्स) हो जाता है।

  1. वंशानुगत बवासीर 

अगर आपके परिवार में किसीको बवासीर है, तो आपको बवासीर जमहोने की संभावना बढ़ जाती है।

बवासीर के लक्षण

बवासीर असुविधा और परेशानी का कारण बन सकता है, जो मलाशय या गुदा के निचले हिस्से को प्रभावित करता है। समय पर चिकित्सा सहायता और उचित प्रबंधन के लिए बवासीर के लक्षणों को पहचानना आवश्यक है।

  1. खुजली और जलन - बवासीर के कारण गुदा क्षेत्र के आसपास खुजली और जलन हो सकती है, जिससे असुविधा होती है और खुजलाने की इच्छा होती है।

  2. दर्द - बवासीर में दर्द और परेशानी हो सकती है, खासकर मल त्याग के दौरान या लंबे समय तक बैठे रहने पर।

  3. खून बहना - मल त्यागने के बाद टॉयलेट पेपर पर या टॉयलेट कटोरे में चमकीला लाल रक्त आना बवासीर का एक सामान्य लक्षण है।

  4. सूजन और गांठें - बवासीर के कारण गुदा के आसपास सूजन हो सकती है और कुछ मामलों में, गुदा द्वार के पास छोटी गांठें महसूस हो सकती हैं।

  5. बलगम स्राव - बवासीर के कारण गुदा से बलगम का स्राव हो सकता है, जिससे गीलापन और जलन हो सकती है।

  6. उभार या प्रोलैप्स - कुछ मामलों में, आंतरिक बवासीर गुदा के माध्यम से फैल सकती है या फैल सकती है, जिससे अधिक असुविधा और दर्द हो सकता है।

बवासीर का रोकथाम

बवासीर का एक मुख्य कारण सख्त मल है, जो नसों के फूलने का कारण बनता है। इसलिए जीवन शैली और खान पान में बदलाव करने से बवासीर होने से रोका जा सकता है।:

खान पान के बदलाव

  1. अपने भोजन में फाइबरयुक्त खाने को समायोजित करे

  2. सब्जियां जैसे ब्रोकोली, बीन्स,कद्दू, आलू इन्हे भोजन में सम्मिलित करे

  3. ताजे फल जैसे नाशपाती, सेब, रसभरी, और  आलू बुखारा बवासीर में मदद करते है

  4. गेहूं और जई का चोकर, साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थ और ताजे फल हो।

  5. फाइबर पूरक जैसे मेटम्यूसिल, सिट्रूसेल, या फाइबर कॉन इनको खाने में समविष्ट करे

  6. हर दिन पर्याप्त पानी और अन्य तरल पेय ले। इनके साथ मिलकर फाइबर मल को नरम करता है और शौच करना आसान होता है।

जीवनशैली में बदलाव

  1. शौच करते समय ज्यादा जोर न लगाए, इससे आपके मलाशय के नसों पर दबाव नहीं पड़ेगा

  2. लंबे समय तक शौचालय में न बैठे, जिससे नसे फूलने की जोखिम कम हो जायेगी [3] 

  3. जब भी शौच करने की ईच्छा हो तुरंत जाए, ज्यादा देर प्रतीक्षा न करे और आराम से शौच करे। 

  4. हर दिन एक निर्धारित समय  पर शौच करने जाए, जैसे कि भोजन के बाद कुछ मिनटों के लिए । इससे एक नियमित आंत्र आदत स्थापित होगी और दबाव या जोर लगाने की अवश्यकता नही होगी।

  5. व्यायाम चाहे वो मध्यम एरोबिक व्यायाम,या २०-३० मिनट तेज चलना, आंत्र समारोह को प्रोत्साहित करता है।

बवासीर का निदान

आम तौर पर एक चिकित्सक आपके लक्षणों और शारीरिक परीक्षा के आधार पर बवासीर का निदान करता है। इसके अलावा की जानेवाली नैदानिक परीक्षाओं में शामिल है

  1. गुद परीक्षा - इसमें उंगलियों द्वारा गुद परीक्षण किया जाता है। जिसमें चिकित्सक सूजन वाली नसों को, दस्ताने वाली उंगली पर जेल लगाकर महसूस करते है।

  2. मलाशय विक्षण (एनोस्कॉपी) - इसमें चिकित्सक मलाशय विक्षक नामक यंत्र द्वारा गुदा और मलाशय की परत जहा अक्सर नसे फूलती है उसका वीक्षण करता है।

  3. अवग्रहान्त्रदर्शन (सिग्मायोडोस्कोपी) - इसमे चिकित्सक बृहदान्त्र और मलाशय के निचले हिस्से जिसे सिग्मॉइड कोलोन कहते है, इसका वीक्षण करने के लिए अवग्रहान्त्रदर्शि का उपयोग करते है।

बवासीर का इलाज

जब बवासीर के लक्षण बद्तर होने लगे तब वो रोज मर्रा की जिंदगी में तकलीफ दे सकते है। इसलिए बवासीर का इलाज करना बेहद जरूरी हो जाता है।
यहा कुछ इलाज के तरीके दिए गए है, जिससे आप समझ पायेंगे के बवासीर कैसे ठीक होती है। जिस में शामिल है

  1. रबर बैंड बांधव (लिगेशन), एक प्रक्रिया है जिसमे एक छोटे से रबर बैंड को बवासीर के तल के आस पास लगा दिया जाता है।

  2. विद्युत जमावट या इलेक्ट्रोकोएग्यूलेशन नामक इस चिकित्सा परक्रिया में बवासीर में रक्त के प्रवाह को विद्युत प्रवाह के जरिए रोका जाता है। 

  3. इन्फ्रारेड जमावट ऐसी चिकित्सा है, जिसमें छोटी एषणी (प्रोब) को मलाशय में डालकर गर्मी द्वारा बवासीर का इलाज होता है ।

  4. स्क्लेरोथेरेपी की चिकित्सा में एक रसायन को सुई द्वारा सूजी हुई नस में डालकर बवासीर के ऊतक को नष्ट कर देता है।

  5. सर्जिकल उपचार में शामिल हैं: 

    1. बवासीर उच्छेदन जिसमे सूझी और बाहर निकली हुए बवासीर को हटा दिया जाता है।

    2. बवासीर स्टेपलिंग में स्टेपलिंग यंत्र द्वारा आंतरिक बवासीर को हटा दिया जाता है। जिससे प्रक्षेपित आंतरिक बवासीर गुदा के अंदर वापस खींचा जाता है।

निष्कर्ष

बवासीर एक ऐसी स्थिति है जो मलाशय के नसों पर दबाव पड़ने से होता है। दर्द, खुजली, जलन, और मालशय के आसपास गांठे इसके आम लक्षण है। इसका निदान और इलाज सही समय पर होने से जटिलताएं टाली जा सकती है। इसीलिए चिकित्सक से मिलना आवश्यक है। 

इस लेख में आप जान गए होंगे के बवासीर कैसे होती है, उसके लक्षण क्या है और बवासीर कैसे ठीक होती है। 

यदि फिर भी आपके मन में बवासीर से जुड़े और भी कोई सवाल है तो HexaHealth के परिणित समूह से संपर्क करे। इसके अलावा यहाँ आपको उपचार से सबंधित सही और सटीक जानकारी भी दी जाएगी।

पाइल्स पर अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

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अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

बवासीर क्या होता है?

बवासीर मलाशय (गुदा) के आस-पास स्थित नसों में सूजन और विकार होता है। इससे गुदा में दर्द, खुजली और खून आने की समस्या हो सकती है।

बवासीर के लक्षण क्या होते हैं?

बवासीर के लक्षण इस उसके प्रकार पर निर्भर होते है।

जैसे बाहरी बवासीर में

  1. गुदद्वार के आसपास एक या अधिक गांठे

  2. गुदागुहा के पास में खुजली होना

  3. बैठेने पर गुदा में दर्द

  4. मलाशय से रक्तस्राव

बवासीर कैसे होता है?

बवासीर उन विषमित परिस्थितियों में हो सकता है जब मलद्वारा या गुदा के आस-पास के नसों में दबाव बढ़ जाता है। प्रमुख कारण हैं:

  1.  अधिक समय तक बैठे रहना 

  2. अप्रयुक्त भोजन 

  3. कब्ज 

  4. अव्यवस्थित भोजन 

  5. शारीरिक नियंत्रण की कमी, 

  6. गर्भावस्था 

  7. बढ़ी उम्र

बवासीर के इलाज में कौन से दवाएं इस्तेमाल होती हैं?

आम तौर पर बवासीर के इलाज के लिए निम्न दवाईयां इस्तेमाल की जाती है:

  1. दर्द और सूजन के लिए बिना स्टेरोइडवाली सुझनरहित दवा (नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स)

  2. विच हेज़ल या बिना परछे के मिलनेवाली (ओवर-द-काउंटर) मलहम 

  3. दर्द निवारक दवा जैसे एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन, नेपरोक्सन, और एस्पिरिन

बवासीर से बचने के उपाय क्या होते हैं?

कुछ उपाय इस प्रकार है:

  1. शौच के लिए ज्यादा वक्त न  बैठे, तीन से पांच मिनिट में शौच पूरा कर शौचालय से बाहर आए 

  2. मालत्याग करते वक्त जोर डालना टाले, जिससे मलाशय के नसों पर दबाव नहीं बढ़ेगा

  3. जब शौच की ईच्छा हो तो तुरंत जाएं ज्यादा देर करने से बवासीर होने की जोखिम बढ़ जाती है

  4. पानी खूब पिए, जिससे मल नरम रहेगा और आसानी से शौच होगा

  5. अधिक फाइबर वाले खाद्य खायें

बवसीर कैसे ठीक होती है?

बवासीर कैसे ठीक होती है, यह आपकी उम्र, आपकी सेहत, बवासीर की गंभीरता, और उसके प्रकार पर निर्भर करता है।

  1. बवासीर का दर्द में गरम पानी का सेक और बर्फ का सेक करने से आराम मिलता है 

  2. बवासीर का मलहम भी इस दर्द से राहत देता है

  3. स्वस्थ खान पान और दबाव आनेवाली गतिविधियां नही करने से भी बवासीर ठीक होने में मदद होती है

बवासीर के लिए कौन सी चिकित्सा विधि अधिक सेहतमंद होती है?

बवासीर के लिए बिना दवा और बिना शल्य चिकित्सा के किए जानेवाला इलाज अधिक सेहतमंद है।

जैसे

  1. खान पान में योग्य बदलाव

  2. फाइबर के अनुपूरक

  3. सही शौच के तरीके अपनाना

  4. शरीर को चुस्त और सक्रीय रखना

बवासीर का सही इलाज करने के लिए कौन से टेस्ट कराए जाते हैं?

यह जानने के लिए आपको बवासीर है या नही आपका चिकित्सक कई टेस्ट कर सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  1. शारीरिक परीक्षा जिसमें गुदा और मलाशय की जांच किवकातो है, साथ में सूजी हुई रक्त वाहिकाओं की परीक्षा की जाती है।

  2. गुदा वीक्षण, इसमें एक पतली नली डालकर आंतरिक बवासीर को जांचा जाता है।

  3. मलाशय वीक्षण, इसमें एक रोशनी वाली नली डालकर पूरे मलाशय की जांच की जाती है।

  4. सिग्मोइडोस्कोपी द्वारा आंतो के अन्दर के हिस्सों का परीक्षण किया जाता हैं।

बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को कैसे खान-पान करना चाहिए?

बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को अधिक फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाने चाहिए जैसे:

  1. अपने खाने में उच्च फाइबर चोकर जैसे अनाज, कटा हुआ गेहूं इन्हे सम्मिलित करे 

  2. फल जैसे नाशपाती, सेब, रसभरी, और सुखा आलू बुखारा इन्हे अपने दैनिक खाने में इस्तेमाल करे

  3. पकी सब्जियां जैसे हरी मटर, कोलार्ड साग, कद्दू, शकरकंद, और आलू भी बवासीर के लिए सही है

  4. पके हुए फलियां जैसे नेवी सेम, पिंटो सेम, और राजमा इन्हे भी भोजन में सम्मिलित करे

बवासीर के इलाज में परहेज क्या होते हैं?

यदि बवासीर पुरानी कब्ज के वजह से है, तो कोशिश करें कि कम या बिना फाइबर वाले पदार्थ न खाए। जैसे:

  1. पनीर

  2. फास्ट फूड

  3. आइसक्रीम

  4. चिप्स

  5. मांस

  6. प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ

  7. तैयार खाद्य

  8. जमा हुआ खाद्य

बवासीर का सही इलाज करने के लिए क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

बवासीर का सही इलाज करने के लिए यह सवाधानिया बरतें:

  1. जब शौच जाने की इच्छा हो तब तुरंत शौच करने जाएं, टाले नही। 

  2. खूब सारा पानी और फाइबरयुक्त खाना खाए, जिससे कब्ज की संभावना कम होगी।

  3. नियमित व्यायाम करे।

बवासीर के इलाज में कितने समय तक दवाई लेनी चाहिए?

बवासीर के इलाज में कितने समय तक दवा लेनी है, यह निम्न बातों  पर निर्धारित होता है;

  1. आपके लक्षण

  2. लक्षणों की तीव्रता

  3. आपका शारीरिक स्वास्थ

सन्दर्भ

हेक्साहेल्थ पर सभी लेख सत्यापित चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त स्रोतों द्वारा समर्थित हैं जैसे; विशेषज्ञ समीक्षित शैक्षिक शोध पत्र, अनुसंधान संस्थान और चिकित्सा पत्रिकाएँ। हमारे चिकित्सा समीक्षक सटीकता और प्रासंगिकता को प्राथमिकता देने के लिए लेखों के संदर्भों की भी जाँच करते हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी विस्तृत संपादकीय नीति देखें।


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  2. बवासीर और उनके बारे में क्या करना है [इंटरनेट]। हार्वर्ड स्वास्थ्य। 2021।link
  3. बवासीर। पाचन तंत्र [इंटरनेट]। 2000;link
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  6. कोटरनवार वी.एस. बवासीर के प्रबंधन में रसौषधि [इंटरनेट]।link
  7. हेल्थडायरेक्ट ऑस्ट्रेलिया। बवासीर। 2023;link
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  10. कंटर्स ए। बवासीर [इंटरनेट] को रोकने के लिए 5 सरल तरीके। क्लीवलैंड क्लिनिक। 2022।link

Updated on : 18 July 2023

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