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गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) गर्भावस्था की आयु को मापने में मदद करती है। यह गर्भधारण और बच्चे के जन्म के बीच की अवधि है। इस दौरान बच्चा मां के गर्भ में बढ़ता और विकसित होता है। इसका उपयोग गर्भावस्था की देय तिथि का अनुमान लगाने और भ्रूण के विकास की निगरानी के लिए किया जाता है। जो शिशु 37 सप्ताह से पहले पैदा हुए हैं, उन्हे प्रीमेचयूर माना जाता है, और 42 सप्ताह के बाद पैदा होने वाले शिशुओं को पोस्टमैच्योर कहा जाता है। समय से पूर्व एक शिशु का जन्म होना अभी भी नवजात और शिशु में मृत्यु दर और रुग्णता का एक प्रमुख कारण है।
नवजात शिशुओं में कई बार विभिन्न कारणों और अलग-अलग समय पर समस्याएं विकसित हो सकती हैं जैसे कि जन्म से पहले जिस वक़्त भ्रूण बढ़ रहा होता है, श्रम और प्रसव के दौरान और जन्म के बाद। यहीं पर गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) की महत्वता आती है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि गर्भावधि (जेस्टैशन) क्या होता है, गर्भकालीन आयु क्या होती है? (Gestational age meaning in Hindi), गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) या (average gestational age) का क्या महत्व है? और कैसे स्क्रीनिंग परीक्षण गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) के माध्यम से सही समय पर करने से भ्रूण के विकास पर और नवजात की सेहत को प्रभावित कर सकते हैं। गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) की गणना कैसे करते हैं यह जानने के लिए पढ़ते रहें।गर्भाधान और जन्म के बीच के समय को गर्भावधि (जेस्टैशन) कहते है। गर्भकालीन आयु, मां के आखिरी मासिक धर्म के पहले दिन और प्रसव के दिन के बीच के हफ्तों की संख्या होती है। इस समय की गणना को अक्सर डॉक्टरों द्वारा प्राप्त हिस्ट्री एवं अन्य सूचनाओं के अनुसार समायोजित किया जाता है, जिसमें शुरुआती अल्ट्रासाउंड स्कैन जो गर्भावधि उम्र के बारे में अतिरिक्त जानकारी देते है, भी शामिल होते हैं।


गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास की निगरानी, मतलब बच्चा ठीक प्रकार से बढ़ रहा है, जिस समय पर जो अंग बनना चाहिए, वह बन रहा है, इसके लिए उपयोग किया जाता है और यही वजह है कि गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) जन्म के समय नवजात शिशु की शारीरिक परिपक्वता (फिज़िकल मेचयुरिटी) की डिग्री को दर्शाता है।
एक बेहतरीन प्रसवपूर्व देखभाल (प्रीनैटल केयर) प्रदान करने के लिए गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) का निर्धारण बेहद महत्वपूर्ण है।
| नवजात शिशु (age of gestation formula) | गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) |
| समयपूर्व (प्रीटर्म) | बच्चे का जन्म 37 सप्ताह, 0 दिन और 38 सप्ताह, 6 दिन के बीच हुआ है। |
| पूर्ण अवधि (फुल टर्म) | बच्चे का जन्म 39 सप्ताह, 0 दिन और 40 सप्ताह, 6 दिन के बीच हुआ है। |
| देर से अवधि (लेट टर्म) | बच्चे का जन्म 41 सप्ताह, 0 दिन और 41 सप्ताह, 6 दिन के बीच हुआ है। |
| पोस्टटर्म | 42 सप्ताह या उससे अधिक के गर्भकाल में बच्चे का जन्म हुआ है। |
जैसा कि अब आप गर्भकालींन आयु (Gestational age in Hindi) के महत्व के बारे मे अच्छी तरह जान गए हैं। आइए अब देखते हैं कि गर्भकालीन आयु का अनुमान (एस्टिमेशन ऑफ Gestational age in Hindi) या गणना कैसे की जाती है। गर्भकालीन आयु (average gestational age) की गणना 2 तरीकों से की जाती है, बच्चे के जन्म से पहले या उसके जन्म के बाद।
दोनों तरीकों का विवरण नीचे दिया गया है:
| गर्भकालीन आयु | विवरण |
| अप्रोप्रीएट फॉर जेसटेशनल ऐज (ए.जी.ए) |
|
| स्माल फॉर जेसटेशनल ऐज (एस.जी.ए) | ए.जी.ए से कम वजन वाले शिशुओं गर्भकालीन आयु (एस.जी.ए) के लिए को छोटा माना जाता है। |
| लार्ज फॉर जेसटेशनल ऐज (एल.जी.ए) | ए.जी.ए से अधिक वजन वाले शिशुओं को गर्भकालीन आयु (एल.जी.ए) के लिए बड़ा माना जाता है। |
ए.जी.ए शिशुओं में समस्याओं और मृत्यु की दर उन शिशुओं की तुलना में कम होती है जो अपनी गर्भकालीन आयु के लिए छोटे या बड़े होते हैं।
गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) और वजन वर्गीकरण (तालिका 2) डॉक्टरों को विभिन्न जटिलताओं के जोखिम को निर्धारित करने में सहायता करते हैं। जैसे:
प्रसव की अनुमानित तिथि (ई. डी. डी) जन्म की संभावित तिथि (देय तिथि) होती है। ई. ड़ी. डी. की गणना करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है:
जब मासिक धर्म नियमित और समकालिक रूप से रिकॉर्ड किए जाते हैं तो ऐसे में मासिक धर्म इतिहास पर भरोसा करना आसान हो जाता है।
गर्भकालीन आयु का सटीक आकलन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गर्भावस्था के प्रबंधन को निर्देशित करने में मदद करता है। गर्भकालीन आयु का आकलन करने के विभिन्न तरीके है, आईए इस तालिका के माध्यम से पता लगाए।
शारीरिक परिपक्वता के घटकों में स्तन, त्वचा, लानुगो (मुलायम बाल), पैरों के तलवे, कान/आंख और जननांगों पर सिलवटें शामिल हैं। न्यूरोमस्क्यूलर घटकों में मुद्रा, हाथ हटना, चौकोर कलाई, पोपलीटल कोण, स्कार्फ साइन और एड़ी से कान तक शामिल हैं।
जब गर्भाधान की तिथि अज्ञात होया याद न हो और मासिक धर्म चक्र अनियमित, अविश्वसनीय हो, या उनके बारे में जानकारी उपलब्ध न हो, तो अल्ट्रासोनोग्राफी प्रसव की अनुमानित तिथि का एकमात्र स्रोत हो सकता है।
पहली तिमाही में भ्रूण के अल्ट्रासोनोग्राफिक माप से गर्भकालीन आयु का सबसे सटीक अनुमान मिलता है वो भी तब जब अन्य जानकारी की कमी या अविश्वसनीयता होती है।
गर्भधारण गर्भाधान और जन्म के बीच की अवधि है। इस अवधि के दौरान, बच्चा मां के गर्भ में बढ़ता और विकसित होता है। गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) एक विकासशील भ्रूण की आयु को संदर्भित करती है, जिसे मां के अंतिम मासिक धर्म के पहले दिन से हफ्तों या महीनों में मापा जाता है। यह अनुमान है कि गर्भावस्था कितनी दूर है, और अक्सर भ्रूण के विकास को ट्रैक करने और मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए प्रयोग की जाती है। हालाँकि, पिछले मासिक धर्म/लास्ट मेंस्ट्रुअल पीरियड (एल. एम. पी) के आधार पर गर्भकालीन आयु का निर्धारण करना गलत हो सकता है अगर माँ को अनियमित मासिक धर्म होते है।
गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) भ्रूण की परिपक्वता पर चर्चा करने के लिए प्रसूति-विज्ञानियों और नियोनेटोलॉजिस्टों के बीच सार्वभौमिक मानक है। यह एक बेहतरीन तरीका है यह निर्धारित करने के लिए कि गर्भावस्था के दौरान भ्रूण और मां के विभिन्न स्क्रीनिंग टेस्ट और आकलन कब किए जाएं। गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भकालीन आयु [Gestational age in Hindi] का आकलन किया जा सकता है, और मूल्यांकन के कई तरीके मौजूद हैं। अगर आपको अपनी गर्भकालीन आयु (Gestational age in Hindi) के विषय में कोई भी संदेह है, तो देर ना करें, आज ही आप HexaHealth पर प्रोफेशनल केयर टीम से संपर्क कर सकते हैं और अपने प्रश्नो के सही जवाब पा सकते हैं।अंतिम सामान्य मासिक धर्म (एल. एम. पी ) के पहले दिन से शुरू होकर,उसे पहला दिन मानते हुए इस प्रकार से अनुमानित देय तिथि की गणना की जा सकती है:
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Last Updated on: 9 September 2024

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