मोतियाबिंद के आंकड़े - Cataracts Statistics in Hindi
मोतियाबिंद के आंकड़े: मोतियाबिंद दुनियाभर में अंधेपन का एक मुख्य कारण है। भारत में भी मोतियाबिंद से अक्सर लोगों की दृष्टि में समस्या होती है। हालांकि इसके उपचार के बाद पेशेंट की दृष्टि वापस आ जाती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मोतियाबिंद ५०% से ८०% मामलों में दोनों आंखों के अंधेपन के लिए जिम्मेदार है।
आइए इस लेख में देखते हैं भारत और विश्व के कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े।
मोतियाबिंद क्या है?
जब आंखों के लेंस पर प्रोटीन का बादल छा जाता है, तो आपकी आंख, प्रकाश को पहले की तरह फोकस नहीं कर पाती है। ऐसे में आपकी आंखों को कोई भी चीज धुंधली दिखने लगती है। इस रोग को मोतियाबिंद कहा जाता है। इस स्थिति में आपको धुंधली छवि दिखती है।
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प्रौढ़ लोगों में मोतियाबिंद के आंकड़े
नेशनल ब्लाइंडनेस एंड विजुअल इम्पेयरमेंट सर्वे के अनुसार ५० से अधिक उम्र के लोगों में ६६.२ प्रतिशत लोग मोतियाबिंद से पीड़ित हैं।
- पुरुषों में यह समस्या प्रायः ५० वर्ष के बाद ही देखी जा रही हैl
- हालांकि महिलाओं के अपेक्षा पुरुषों की हालत ठीक नजर आ रही है l
- लेकिन ५० वर्ष के बाद पुरुषों में भी अंधेपन का प्रमुख कारण मोतियाबिंद ही है l
- भारत में ५० वर्ष से अधिक की आबादी में मोतियाबिंद पेशेंट की संख्या २००१ में ७.७५ मिलियन से बढ़कर २०२० में ८.२५ मिलियन हो जाएगी।
निष्कर्ष बताते हैं कि अनुमानित ३.८ मिलियन व्यक्ति भारत में हर साल मोतियाबिंद से अंधे हो जाते हैं l
महिलाओं में मोतियाबिंद के आंकड़े
- पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मोतियाबिंद होने की संभावना ६९% अधिक होती है l
- एक अध्ययन के अनुसार, लिंग असमानता और कुछ हद तक जैविक कारकों के कारण भारतीय महिलाओं में अंधे होने की संभावना पुरुषों की तुलना में ३५ प्रतिशत अधिक है।
- आंकड़ों से पता चलता है कि अंधापन (३५ फीसदी) और मोतियाबिंद (३३ फीसदी) में लिंग भी एक मुख्य कारण है।
- पुरुषों की तुलना में महिलाओं की केवल २७ प्रतिशत सर्जरी होने की संभावना रहती है l
मोतियाबिंद पर क्या हैं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़े
मोतियाबिंद पर क्या हैं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़े कुछ इस प्रकार है:
- आर्थिक रूप से विकसित देशों (जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, जापान) में सामान्य सीएसआर ४००० से १०,००० प्रति एक व्यक्ति तक होता है।
- ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज की स्टडी ने दिखाया कि २०१० में १०.८ मिलियन लोग मोतियाबिंद से पीड़ित थे।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान लगाया है कि २०२५ तक ४० मिलियन लोग मोतियाबिंद से पीड़ित होंगे।
- दुनियाभर में मोतियाबिंद से हर साल लगभग ३.८ मिलियन लोग प्रभावित होते हैं।
- २०१६-१७ में, अंधेपन को कम करने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम में मोतियाबिंद पर ध्यान दिया।
- विश्व स्तर पर, कम से कम २.२ बिलियन लोगों को निकट या दूर दृष्टि दोष है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के लोगों में अंधापन २५% ही कम हुआ है।
मोतियाबिंद सर्जरी दर क्या होता है?
प्रति मिलियन जनसंख्या पर एक वर्ष में कितने मोतियाबिंद ऑपरेशन किए गए, मोतियाबिंद सर्जरी दर यानी सीएसआर उसी संख्या को बताता है। प्रति वर्ष कितने लोगों को मोतियाबिंद हुआ है , सीएसआर की मदद से इसका आंकड़ा निकाला जाता है l
भारत में सीएसआर के आंकड़े
भारत में १९८९-१९९० में मोतियाबिंद सर्जरी दर १३४२ प्रति मिलियन था जबकि २००१ में यह ३६२० प्रति मिलियन था। यह २००५ में और बढ़कर ४५०० प्रति मिलियन जनसंख्या हो गई। भारत के कई बड़े शहरों ने प्रति मिलियन पर ४००० के मोतियाबिंद के आंकड़े पार कर लिए है, राज्य के आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो इन राज्यों का मोतियाबिंद सर्जरी दर निम्नलिखित है:
- गुजरात का सीएसआर ८४४० है यानी यहां प्रति मिलियन लोगों में से ८४४० लोगों का ऑपरेशन हो जाता है।
- पुद्दुचेरी : ७४४०
- तमिलनाडु : ५९२०
- आंध्र प्रदेश : ५२६०
- दिल्ली : ५०९०
- पंजाब : ४९५०
- महाराष्ट्र : ४८४०
- कर्नाटक : ४५६०
- हरियाणा : ४१८०
मोतियाबिंद की सर्जरी में पैसों की समस्या
रिपोर्ट के अनुसार, २२.१ फीसदी अंधेपन के मामलों का कारण पैसों का न होना था। १८.४ फीसदी मामलों के पीछे जागरूकता की कमी थी, जिन्हें सर्जरी की कोई जरूरत महसूस नहीं हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग २२% भारतीय मोतियाबिंद सर्जरी का खर्च नहीं उठा सकते हैं। मोतियाबिंद के १६% पेशेंट डर के कारण सर्जरी से बचते हैं।
ये भी देखें: मोतियाबिंद का टेस्ट खुद कैसे करें?
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Updated on : 16 September 2022
समीक्षक
Dr. Aman Priya Khanna
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
लेखक
An enthusiastic writer with an eye for details and medical correctness. An avid reviewer and publisher. She emphasises authentic information and creates value for the readers. Earlier, she was involved in making ...View More
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