मोतियाबिंद का टेस्ट खुद कैसे करें? - Cataract Self Test in Hindi
आमतौर पर चालीस साल की उम्र होते ही आंखों से धुंधला दिखना शुरू हो जाता है। दरअसल ये मोतियाबिंद होता है, लेकिन बहुत सारे लोग इसे इग्नोर करके, एडजस्ट करते हैं। क्या आप भी यही करते हैं ? आइए इस लेख में जानते हैं कि कैसे आप खुद से टेस्ट कर सकते हैं कि आपको मोतियाबिंद है या नही।
मोतियाबिंद क्या होता है ?
हमारी आंख में लेंस होता है जिसकी मदद से हम चीजों को देखते हैं। जब हमारी उम्र बढ़ती है तो इसमें मौजूद प्रोटीन इकट्ठा होने लगता है और लेंस पर बादल जैसा छा जाता है। जिससे हमें धुंधला दिखने लगता है। धुंधला दिखने के अलावा मोतियाबिंद होने के कई और लक्षण हैं।
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मोतियाबिंद के लक्षण
शुरू में आपको बिल्कुल पता नही चलता है लेकिन जैसे जैसे आपकी उम्र के साथ मोतियाबिंद बढ़ता है आपको कई लक्षण नजर आना शुरू हो जाते हैं। मोतियाबिंद के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं :
- रंग बुझे बुझे दिखते हैं। रंगों की चमक हल्की दिखाई पड़ती है।
- किसी प्रकाश स्त्रोत को देखने पर आंखों में समस्या होती है और उसके अगल बगल लाइट के छल्ले दिखते हैं।
- धुंधलेपन के साथ साथ अक्सर चीजें हल्की पीली और बुझी हुई सी दिखती हैं।
- रात में गाड़ियों के हेडलाइट से आंखों चौंधिया जाती हैं।
- अंधेरे में देखने में प्रॉब्लम होती है।
मोतियाबिंद का टेस्ट खुद से कैसे करें?
खुद से मोतियाबिंद की जांच आसानी से की जा सकती है। दैनिक जीवन में आने वाली आंख से जुड़ी कुछ दिक्कतों के आधार पर हम यह चेक कर सकते हैं।
अगर आपको नीचे दिए गए लक्षण दिखते हैं तो आपको मोतियाबिंद हो सकता है :
- अगर आपको सूर्य की चमक से दिक्कत होती है
- यदि आपको रात में गाड़ी चलाने में समस्या आती है
- यदि आपको अखबार पढ़ने में दिक्कत आती है
- अगर आपको ट्रैफिक सिग्नल या दूर की चीज देखने में प्रॉब्लम आती है
- अगर आपको बिना चश्मों के दूर की चीजें देखने में अच्छा लगता है
- यदि आपको बिना चश्मे के नजदीक की चीजें देखनी अच्छी लगती है।
हम खुद की जांच के आधार पर कन्फर्म नही हो सकते कि मोतियाबिंद है और कौन से स्टेज का है। लेकिन हमें सेल्फ टेस्टिंग से इतना पता चल चुका होता है कि हमें आंख की प्रॉब्लम है या नही।
अगर सेल्फ टेस्टिंग से आपको पता चल जाता है तो विस्तार से चेकअप करवाने के लिए नेत्र चिकित्सक के पास जाना होगा। जहां डॉक्टर आपकी आंखों का डायग्नोसिस करके पूरी रिपोर्ट तैयार करते हैं और रिपोर्ट के आधार पर आपकी आंखों का इलाज होता है।
मोतियाबिंद का डायग्नोसिस कैसे किया जाता है?
जब आप खुद से अपने मोतियाबिंद का टेस्ट करके ऑप्थलमोलॉजिस्ट यानी आंख के डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपका डायग्नोसिस करते हैं। डायग्नोसिस में आपकी आंखों का चेकअप बहुत ही विस्तार से किया जाता है। डॉक्टर्स कई इंस्ट्रूमेंट जैसे माइक्रोस्कोप आदि का प्रयोग करके आपके आंख का पूरा परीक्षण करते हैं।
मोतियाबिंद के डायग्नोसिस में मुख्य रूप से ये जांच किए जाते हैं
- अगर पहले से ही आपको कुछ बीमारी है जिससे आपकी दृष्टि पर और असर पड़ रहा है तो आपकी हिस्ट्री चेक की जाती है।
- आपकी दृष्टि की स्पष्टता चेक की जाती है जिससे आपके मोतियाबिंद की गंभीरता पता चल सके।
- रिफ्रेक्शन भी चेक किया जाता है ताकि आपके चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस को बदला जा सके।
- आपके प्राकृतिक लेंस को चेक किया जाता है और मोतियाबिंद का पता लगाया जाता है।
- आंख की पुतली को डाइलेट करके रेटीना की जांच की जाती है।
- आंख का प्रेशर भी चेक किया जाता है।
- इन सब के साथ रंग और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता को भी चेक किया जाता है।
समय पर मोतियाबिंद सर्जरी क्यों जरूरी है?
२७ स्टडी में ऐसा पाया गया कि जिन्होंने सर्जरी कराने के लिए ६ महीने से ज्यादा इंतजार किया उन्हे सर्जरी के बाद फायदे कम देखने को मिले। जैसे उनकी दृष्टि में कम सुधार देखा गया। वहीं जिन्होंने ६ महीने के अंदर सर्जरी करवा ली, उन्हे इनके मुकाबले अच्छे रिजल्ट्स मिले।
अगर मोतियाबिंद का ऑपरेशन नही हुआ और इसे वैसे ही छोड़ दिया गया तो गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। जैसे ओपन एंगल या एंगल क्लोजर ग्लूकोमा हो सकता है। ग्लूकोमा को ठीक करना संभव नहीं है, इसे केवल बढ़ने से रोका जा सकता है।
इसलिए मोतियाबिंद का ऑपरेशन सही समय पर होना बहुत ही आवश्यक है। खासकर मैच्योर मोतियाबिंद का इलाज जल्द से जल्द होना जरुरी होता है।
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अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
मोतियाबिंद हो जाए तो क्या करें?
यदि आपको मोतियाबिंद हो जाता है, तो नेत्र चिकित्सक आपको चश्मे लगाने की सलाह देता है। लेकिन अगर आपका मोतियाबिंद पुराना हो चुका है, तो इसका एकमात्र उपचार सर्जरी है।
क्या मोतियाबिंद हमेशा दिखाई देता है?
वैसे तो मोतियाबिंद को डॉक्टर माइक्रोस्कोप से ही देखते हैं लेकिन मोतियाबिंद जब गंभीर होने लगता है तब आपको हल्का नीला रंग दिखाई दे सकता है।
मोतियाबिंद कितने साल में विकसित होता है?
७०% जनसंख्या में मोतियाबिंद की शुरूआत ४० वर्ष की उम्र से देखी गई है। ६० वर्ष के बाद इसके लक्षण अधिक दिखाई देने लगते हैl
आप कैसे जान सकते हैं कि आपका मोतियाबिंद ज्यादा हो रहा है?
हमे अगर जानना है कि मोतियाबिंद ज्यादा हो रहा है तो इसका सबसे मुख्य लक्षण यह है कि आपकी आंखों की देखने की क्षमता कम हो जाती है यानी धुंधलापन बढ़ जाता है और आंखों से पानी निकलना शुरू हो जाता है l
आंखों से धुंधलापन क्यों दिखाई देता है?
अगर आपको आंखों से धुंधलापन दिखाई देता है, तो आपको ये नेत्र रोग हो सकते हैं – निकट दृष्टि दोष, दूर दृष्टि दोष, मोतियाबिंद और अन्य।
घर पर मोतियाबिंद की जांच कैसे करें?
कुछ लक्षणों से मोतियाबिंद की जांच घर पर किया जा सकता है। जैसे कि- कम दिखना, या धुँधला दिखना, रात में ड्राइव करते समय आंखे चौंधिया जाना, प्रकाश की ओर देखने पर छल्ले दिखना आदि।
मोतियाबिंद की शुरुआत कैसी दिखती है?
मोतियाबिंद की शुरुआत में आपको चीजें साफ नहीं दिखाई देंगी। धुंधलापन, रंग फीके दिखना, अक्षर साफ न दिखाई पड़ना, तेज रोशनी से दिक्कत होना आदि लक्षण मोतियाबिंद की ।
.मोतियाबिंद कितनी तेजी से बढ़ता है?
आमतौर पर उम्र से संबंधित मोतियाबिंद ये कई वर्षों में विकसित होता है, इसलिए ये अपेक्षाकृत धीमी प्रक्रिया से विकसित होता है। मोतियाबिंद कितनी जल्दी विकसित होता है, ये व्यक्ति के आधार पर भिन्न होता है।
मोतियाबिंद सर्जरी से पहले कौन से जांच जरूरी हैं?
मोतियाबिंद सर्जरी से पहले ऑप्थेल्मोस्कोपी नामक जांच होती हैं, इसके अलावा विजुअल एक्यूट टेस्ट, अल्ट्रासाउंड (US) बायोमेट्री (A-Scan) और आंशिक पार्शियल कोहेरेन्स इंटरफेरोमीटर (PCI), इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (EKG), कम्पलीट ब्लड काउंट (CBC), कैरोमेट्री टेस्ट और ब्लड शूगर की जांच भी की जाती है l
क्या मोतियाबिंद में धुँधला दिखता है?
मोतियाबिंद का मुख्य लक्षण धुंधला दिखना ही है l इसके अलावा रात में बहुत कम दिखना और ड्राइव करते समय आंखे चौंधिया जाती है। रंगों का फीका दिखना और रोशनी के आसपास छल्ले दिखना मोतियाबिंद के लक्षण हैं।
मोतियाबिंद में कौन सा लेंस लगाया जाता है?
आमतौर पर मोतियाबिंद सर्जरी में ये लेंस लगाई जाती हैं – मोनोफोकल, टोरिक लेंस, मल्टीफोकल लेंस और मोनोविज़न।
मोतियाबिंद पकने के बाद क्या होता है?
मोतियाबिंद पकने के बाद ग्लूकोमा होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है इसलिए मोतियाबिंद का ऑपरेशन पकने से पहले ही करवाना ज्यादा अच्छा रहता है।
आंखों का धुंधलापन कैसे दूर करें?
आंखों का धुंधलापन दूर करने के घरेलू उपायों में आंखों को ल्यूब्रिकेट करने, एयर क्वालिटी में सुधार लाने, धूम्रपान बंद करना आदि से मदद मिल सकती है।
Updated on : 14 September 2022
समीक्षक
Dr. Aman Priya Khanna
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
लेखक
An enthusiastic writer with an eye for details and medical correctness. An avid reviewer and publisher. She emphasises authentic information and creates value for the readers. Earlier, she was involved in making ...View More
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