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रेटिनल डिटेचमेंट क्या है? - जानें लक्षण, कारण और कारगर इलाज के बारे में

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Dr. Aman Priya Khanna
Retinal Detachment in Hindi

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Retinal Detachment in Hindi
Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna Written by Pranjali Kesharwani

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रेटिना डिटैचमेंट या डिटैच्ड रेटिना एक आपातकालीन स्थिति है जिसमें रेटिना की परत (आंख के पिछले हिस्से में टिश्यू की लाइट-सेंसिटिव झिल्ली या परत) अपनी सही जगह से दूर हो जाती है या खिसक जाती है। रेटिना सामान्य दृष्टि यानी आंखों की रोशनी को बहाल रखने के लिए कॉर्निया और लेंस के साथ-साथ आंख और मस्तिष्क के अन्य हिस्सों के साथ मिलकर काम करता है।

जब रेटिना आंख के पिछले हिस्से से अलग हो जाता है, तो यह रेटिना की टिश्यूज को ब्लड वेसल्स यानी ब्लड की सप्लाई करने वाली नसों की परत से अलग कर देता है। ऐसे हालात में रेटिना तक ऑक्सीजन और अन्य जरूरी पोषण नहीं पहुंच पाते हैं। अगर इलाज नहीं किया जाता है, तो आंख की ऐसी स्थिति दृष्टि (देखने की क्षमता) को प्रभावित कर सकती है और अंधेपन का कारण बन सकती है। आइए चित्रों, लक्षणों, कारणों, निदान, रोकथाम, उपचार के साथ-साथ और बहुत कुछ की मदद से रेटिनल डिटैचमेंट के बारे में पढ़ें।

रोग का नाम

रेटिनल डिटैचमेंट (आंख का पर्दा हटना या खिसकना)

वैकल्पिक नाम

डिटैच्ड रेटिना

लक्षण

धुंधला दिखना, आंशिक रूप से आंखों की रोशनी खोना, अचानक फ्लोटर्स (तैरते या हिलते काले धब्बे) का दिखना, आंखों के किनारों से वस्तुओं का अंधेरे जैसा दिखाई देना, दृष्टि के हिस्से को काला करना या छाया करना

कारण

रेटिना में छोटा सा छेद, रेटिना में मौजूद टिश्यू का बढ़ना, आंखों में सूजन, आंख में चोट लगना, बढ़ती उम्र में आंखों में धब्बों से बिगड़ते हालात, रेटिना के पीछे का कैंसर

निदान

रेटिना की जांच, अल्ट्रासाउंड इमेजिंग, फ्लोरेसिन एंजियोग्राफी, ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (OCT), ऑप्थल्मोस्कोपी

इलाज

नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑफ्थैल्मोलॉजिस्ट) द्वारा

उपचार के विकल्प

स्क्लेरल बकल सर्जरी, न्यूमेटिक रेटिनोपेक्सी, लेजर (थर्मल) थेरेपी या क्रायोपेक्सी (फ्रीजिंग), विट्रेक्टॉमी

रेटिनल डिटैचमेंट क्या है?

रेटिना डिटैचमेंट या रेटिना का अलग होना एक आपातकालीन स्थिति है जिसमें रेटिना की परत (आंख के पिछले हिस्से में टिश्यू यानि ऊतक की प्रकाश-संवेदनशील परत) अपनी सामान्य स्थिति से दूर हो जाती है। रेटिना डिटैचमेंट का जल्द से जल्द इलाज किया जाना चाहिए ताकि आंखों की रोशनी हमेशा के लिए खत्म हो जाने के खतरे को कम किया जा सके।

रेटिनल डिटैचमेंट के प्रकार

रेटिनल डिटैचमेंट एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसे स्थिति के कारणों के आधार पर अलग-अलग तरीके से समझा जा सकता है। रेटिना डिटैचमेंट तीन प्रकार के होते हैं:

  1. रेगमैटोजेनस रेटिनल डिटैचमेंट: इस प्रकार का डिटैचमेंट रेटिना में एक छोटे से छेद, खरोच या कटने की वजह से होता है। यह आंख के भीतर मौजूद तरल पदार्थ (जिलेटिन जैसा) को छेद या खरोच के जरिए आगे बढ़ने में मदद करता है और फिर यह तरल पदार्थ रेटिना के नीचे इकट्ठा हो जाता है। यह तरल पदार्थ रेटिना को दूर धकेलता है और इसे आंख के पीछे से अलग करता है। रेगमेटोजेनस डिटैचमेंट आमतौर पर बुजुर्ग लोगों में देखा जाता है।
  2. ट्रैक्शनल रेटिनल डिटैचमेंट: इस तरह का डिटैचमेंट तब होता है जब रेटिना की सतह पर स्कार टिश्यू या दूसरे टिश्यू विकसित हो जाते हैं। ये इतने बढ़ते हैं कि रेटिना अपनी लेयर यानी आंख के पिछले हिस्से से खिसक कर अलग हो जाती है। यह समस्या आमतौर पर डायबिटीज (मधुमेह) के मरीजों में देखी जाती है। लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर लेवल आंखों में मौजूद ब्लड वेसल्स (रक्त वाहिकाओं) को नुकसान पहुंचा सकता है और इसके परिणामस्वरूप रेटिना की सतह पर स्कार टिश्यू बन सकते हैं। ये स्कार बड़े हो सकते हैं, जिससे आंख के पिछले हिस्से से रेटिनल डिटैचमेंट हो सकता है।
  3. एक्सयूडेटिव रेटिनल डिटेचमेंट: इस प्रकार के डिटैचमेंट में, रेटिना के बिना कटे-फटे या बिना किसी छेद के रेटिना के नीचे फ्लूइड यानी तरल पदार्थ जमा हो जाता है। इस फ्लूइड के बनने के मुख्य कारणों में शामिल हैं:

आंखों में सूजन, जिसके कारण ब्लड वेसल्स यानी रक्त वाहिकाएं लीक हो जाती हैं या आंखों के पीछे सूजन हो जाती है

  1. आंख में चोट
  2. बढ़ती उम्र में आंखों में धब्बों से नुकसान
  3. रेटिना के पीछे का कैंसर

रेटिनल डिटैचमेंट के लक्षण

रेटिना डिटैचमेंट होने पर किसी किस्म के दर्द का एहसास नहीं होता है। लेकिन चेतावनी के संकेत आमतौर पर डिटैचमेंट होने या हालात बिगड़ने से पहले दिखाई देते हैं। रेटिना डिटैचमेंट के संकेतों और लक्षणों में शामिल हैं:

  1. धुंधला दिखना
  2. आंशिक रूप से आंखों की रोशनी खोना 
  3. फोटोप्सिया (एक या दोनों आंखों में रोशनी की चमक देखना)
  4. बहुत सारे फ्लोटर्स (काले धब्बे, धागे या मलबे के छोटे टुकड़े जो आंखों के सामने तैरते या बहते हैं) देखना
  5. परिधीय दृष्टि में कमी यानी आंखों के किनारों से बहुत कम दिखना (साइड विजन)
  6. एक छाया जैसा पर्दा जो दृष्टि के भाग को ढक देता है

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रेटिनल डिटैचमेंट के कारण

रेटिना डिटैचमेंट तब होता है जब रेटिना को उसकी सामान्य स्थिति (सही जगह) से दूर खींच लिया जाता है। रेटिनल डिटैचमेंट के कई कारण होते हैं, लेकिन सबसे आम कारण उम्र बढ़ना या आंख में चोट लगना है। रेटिना डिटैचमेंट के अन्य कारणों में शामिल हैं:

  1. रेटिना में छोटा सा छेद
  2. रेटिना पर स्कार टिश्यू का बनना
  3. आंखों में सूजन
  4. आंखों में संरचनात्मक बदलाव
  5. आंखों में उम्र से संबंधित धब्बे आने से नुकसान 
  6. रेटिना के पीछे का कैंसर

रेटिनल डिटैचमेंट के जोखिम से जुड़े कारण

किसी को भी रेटिना डिटैचमेंट की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन रेटिना डिटैचमेंट के बिगड़ने का जोखिम कई वजहों से बढ़ सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  1. बुढ़ापा: 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों में अधिक आम है
  2. रेटिना डिटैचमेंट का पारिवारिक इतिहास
  3. आंख की पुरानी चोट
  4. इंट्राओकुलर सर्जरी (आंखों की सर्जरी)
  5. एक्स्ट्रीम मायोपिया यानी अत्यधिक निकट दृष्टि दोष (नजदीकी दृष्टि)
  6. पोस्टीरियर विटेरस डिटेचमेंट (आंख के बीच में मोटा तरल पदार्थ जो रेटिना को उसकी जगह से दूर खींचता है)
  7. डायबिटीज यानी मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी (मधुमेह के कारण होने वाली आंख की स्थिति)
  8. झिल्ली को हुआ नुकसान (रेटिना का पतला होना)
  9. रेटिनोस्किसिस (रेटिना दो परतों में अलग हो जाती है)

रेटिनल डिटैचमेंट की रोकथाम

चूंकि रेटिनल डिटैचमेंट का सबसे आम कारण उम्र बढ़ना है, इसलिए इसे रोकने का कोई कारगर तरीका नहीं है। हालांकि, अगर मरीज नीचे बताए गए उपाय करता है, तो वह रेटिना डिटैचमेंट के जोखिम को कम कर सकता है।

  1. आंखों की नियमित देखभाल करें: आंखों की नियमित जांच आंखों की बेहतर तरीके से देखभाल करने में मदद करता है। जिन लोगों को निकट दृष्टिदोष (मायोपिया) की समस्या होती है, ऐसे लोगों में रेटिनल डिटैचमेंट का खतरा अधिक होता है। 
  2. सुरक्षित रहें: खेल खेलते समय या जोखिम भरे काम करते समय सुरक्षा चश्मे (सेफ्टी गॉगल्स) या दूसरे सुरक्षात्मक गियर का इस्तेमाल करें।
  3. जल्दी उपचार करवाएं: अगर मरीज को रेटिना डिटैचमेंट के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना चाहिए।

रेटिनल डिटैचमेंट का पता कैसे लगाया जाता है?

डॉक्टर आमतौर पर रेटिना की जांच के लिए आंख को फैलाकर रेटिनल डिटैचमेंट का पता लगा पाएंगे। डॉक्टर आंख में आई ड्रॉप डालेंगे जो पुतली को फैला (चौड़ा कर) देगा। जिसके बाद डॉक्टर रेटिना पर काफी करीब से नजर डाल  सकेंगे। फैली हुई आंखों की जांच के बाद डॉक्टर नीचे बताए गए उपायों में से कुछ अतिरिक्त परीक्षणों की भी सलाह दे सकते हैं।

  1. फ्लोरेसिन एंजियोग्राफी: डॉक्टर रेटिना में खून के बहाव की जांच करने के लिए कुछ डाई और एक कैमरे का इस्तेमाल करेंगे।
  2. टोनोमेट्री: आंखों के अंदर दबाव की जांच करने के लिए डॉक्टर यह परीक्षण करते हैं।
  3. रेटिनल जांच: इस डायग्नोस्टिक टेस्ट में डॉक्टर तेज रोशनी वाले एक डिवाइस और आंख के पिछले हिस्से की जांच के लिए एक विशेष माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल करते हैं। डिवाइस पूरी आंख का एक विस्तृत दृश्य उपलब्ध करवाता है, जिससे डॉक्टर को रेटिना के छेद, कटना-फटना या डिटैचमेंट देखने में आसानी होती है।
  4. ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (OCT): डॉक्टर इस इमेजिंग के लिए आई ड्रॉप से आंखों को फैलाते हैं। परीक्षण के लिए एक ओसीटी मशीन का इस्तेमाल किया जाता है जो रेटिना के भीतर की परतों को अलग करने और रेटिना की मोटाई को मापने के लिए आंखों को स्कैन करता है।
  5. ओकुलर अल्ट्रासाउंड: इस परीक्षण के दौरान, डॉक्टर इसे स्कैन करने के लिए आंख के सामने धीरे से एक डिवाइस रखतें हैं। इसके बाद वह बंद आंखों से आईबॉल्स यानी पूरी आंख को स्कैन करने के लिए उसी डिवाइस का इस्तेमाल करेंगे। 

डॉक्टर के परामर्श के लिए कैसे तैयारी करें?

  1. लक्षणों की लिस्ट तैयार करें और इस लिस्ट में वैसे लक्षणों को भी शामिल करें जो आपकी स्थिति से संबंधित नहीं लग रहे हैं। 
  2. उन प्रासंगिक घटनाओं की लिस्ट तैयार करें जो आपकी स्थिति से संबंधित हो सकती हैं।
  3. मरीज को डॉक्टर को उन दवाओं और सप्लीमेंट्स की सूची बतानी चाहिए जो वे लेते हैं।

    नीचे बताए गए सवाल भी डॉक्टर से पूछे जाने चाहिए:
    1. मेरे लिए कौन सा इलाज सबसे बेहतर है?
    2. मैं इस स्थिति में आराम से कैसे रह सकता हूं?
    3. क्या आपको लगता है कि मेरी कोई और स्थिति है?
    4. क्या मुझे अपनी हालत के लिए किसी विशेषज्ञ के पास जाने की जरूरत है?
    5. सर्जरी की जरूरत क्यों पड़ती है?

रेटिनल डिटैचमेंट का इलाज

मरीज की उम्र, उसके स्वास्थ्य की स्थिति, रेटिना कितनी डिग्री के एंगल पर अलग हुआ है या खिसका है और रेटिना डिटेचमेंट किस प्रकार का है, इन सब के आधार पर डॉक्टर रेटिनल डिटैचमेंट को ठीक करने के लिए नीचे बताए गए उपचार विधियों में से किसी एक की सलाह दे सकते हैं। 

सर्जरी की मदद से रेटिनल डिटैचमेंट का इलाज

  1. लेजर (थर्मल) थेरेपी या क्रायोपेक्सी (फ्रीजिंग): डॉक्टर टियर यानी छेद को सील करने के लिए मेडिकल लेजर या फ्रीजिंग टूल का इस्तेमाल करेंगे। डिवाइस की मदद से एक स्कार (निशान) भी बनाएंगे जो रेटिना को वापस अपनी जगह पर रखेगा।
  2. न्यूमेटिक रेटिनोपेक्सी: जब डिटैचमेंट बहुत कम होता है तब इस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर आंख में गैस का बुलबुला डालेंगे ताकि रेटिना को वापस अपनी जगह पर लाने में मदद मिल सके। फिर रेटिना को लेजर की मदद से सील कर दिया जाता है।
  3. स्क्लेरल बकल: डॉक्टर आंख की वॉल को रेटिना के खिलाफ धीरे से ऊपर की ओर धकेलेंगे।
  4. विट्रोक्टोमी: इस विधि का इस्तेमाल सबसे बड़े छेद और ज्यादा बड़े डिटैचमेंट को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह रेटिना की सतह पर जम चुके जेल या स्कार टिश्यू को हटाने के लिए किया जाता है।

सर्जरी का नाम

सर्जरी का खर्च

विट्रोक्टोमी

₹५०, ००० से ₹७०, ०००

रेटिनल डिटैचमेंट के जोखिम और जटिलताएं

रेटिनल डिटैचमेंट एक आपातकालीन स्थिति है और इसके लिए चिकित्सकीय ध्यान देने की जरूरत होती है। अगर रेटिनल डिटैचमेंट का इलाज नहीं किया जाता है तो यह निम्नलिखित जटिलताओं को जन्म दे सकता है:

  1. स्थायी दृष्टि हानि (पूरी तरह से दिखना बंद हो जाना)
  2. मोतियाबिंद का बनना (आंख के लेंस की स्पष्टता में कमी)
  3. ग्लूकोमा (आंख में बढ़ा हुआ दबाव)
  4. संक्रमण
  5. विट्रियस कैविटी में ब्लीडिंग (रक्तस्राव)

डॉक्टर के पास कब जाएं?

रोगी डॉक्टर से परामर्श कर सकता है यदि वह अनुभव करता है:

  1. धुंधला दिखना
  2. आंशिक रूप से आंखों की रोशनी खोना
  3. ढेर सारे फ्लोटर्स देखना
  4. परिधीय दृष्टि में कमी यानी आंखों के किनारों से बहुत कम दिखना)

रेटिनल डिटैचमेंट के लिए आहार (डायट)

आहार रेटिनल डिटैचमेंट का इलाज नहीं कर सकता है, लेकिन डॉक्टर रेटिना के टियर (छेद या कटना-फटना) को रोकने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर कुछ आहार लेने की सलाह दे सकते हैं। नीचे कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है जो रेटिना के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेंगे।

गहरे हरे और पत्तेदार सब्जियां जिनमें गोभी के साथ-साथ पालक, चार्ड और कोलार्ड के साग शामिल हैं। ये ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन से भरपूर होते हैं और रेटिना को अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस पोषण की जरूरत होती है।

  1. विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों में संतरा, सेब, आड़ू, टमाटर और अंगूर शामिल हैं।
  2. ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों में सैल्मन और टूना शामिल हैं
  3. जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों में अंडे और सैल्मन (एक किस्म की मछली) शामिल हैं।
  4. विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थों में अखरोट, बादाम और हेजलनट्स शामिल हैं।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

रेटिनल डिटैचमेंट एक गंभीर स्थिति है जिसमें आपका रेटिना (आंख के पिछले हिस्से में मौजूद नर्व टिश्यूज की लाइट-सेंसिटिव लेयर) अपनी असल जगह से दूर हो जाती है या खिसक जाती है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह अंधापन का कारण बन सकता है।

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रेटिनल डिटैचमेंट का सबसे आम कारण उम्र बढ़ना है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी आंख में विट्रियस यानी कांच जैसी बनावट में बदलाव हो सकता है और यह सिकुड़ सकता है, जिससे आपकी रेटिना अपनी सामान्य स्थिति से दूर हट सकती है।

 

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आपकी दृष्टि में बिंदुओं या लकीरों का दिखना, आपकी दृष्टि में रोशनी की चमक, आपकी दृष्टि में अंधेरा या छाया का हिलना और दृष्टि का अचानक धुंधला होना रेटिनल डिटैचमेंट के चेतावनी संकेत हैं।

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रेटिनल डिटैचमेंट रेटिनल कोशिकाओं को ब्लड वेसल्स यानी रक्त वाहिकाओं से अलग करता है जो ऑक्सीजन और पोषण प्रदान करते हैं। इसके इलाज में जितना ज्यादा देर किया जाता है, आपके प्रभावित आंख की रोशनी हमेशा के लिए खत्म हो जाने का खतरा भी उतना ही ज्यादा बढ़ जाता है।

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रेटिनल डिटैचमेंट की जांच के लिए, आपका डॉक्टर कुछ आई ड्रॉप्स की मदद से आपकी पुतली को फैलाएगा (चौड़ा करेगा) और फिर आपके रेटिना की जांच करेगा। आमतौर पर इस जांच में किसी किस्म का दर्द नहीं होता है। कभी-कभी डॉक्टर रेटिनल डिटैचमेंट की जांच के लिए आपकी पलकों को दबा सकते हैं, जो कुछ लोगों के लिए थोड़ा असहज हो सकता है।

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सामान्य तौर पर, केवल आंख को मलने या रगड़ने से रेटिनल डिटैचमेंट नहीं होगा। अगर कोई व्यक्ति आंख पर दबाव डालता है और उसे बहुत जोर से रगड़ता है, तो यह आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है या रेटिनल डिटैचमेंट का कारण बन सकता है। हालांकि, आंखों को बहुत ज्यादा मलने या रगड़ने से आपके कॉर्निया को भी नुकसान पहुंच सकता है या आंखों में जलन हो सकती है।

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डिटैच्ड रेटिना अपने आप ठीक नहीं होगा। कुछ लोगों को अपनी आंखों की रोशनी वापस नहीं मिलती है, खासतौर से तब जब समस्या बहुत ज्यादा बिगड़ चुकी हो। अपनी आंखों की रोशनी को बनाए रखने के लिए जितनी जल्दी हो सके चिकित्सा देखभाल हासिल करना महत्वपूर्ण है।

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हां, रेटिनल डिटैचमेंट आमतौर पर अनायास या अचानक होता है। इसके जोखिम से जुड़े कारणों में उम्र, निकट दृष्टिदोष, आंखों की सर्जरी या कोई पुरानी चोटआ और परिवार के किसी सदस्य को रेटिनल डिटैचमेंट की समस्या होना शामिल हैं। बिना किसी परेशानी के हमारे अनुभवी डॉक्टरों के साथ परामर्श के लिए हेक्साहेल्थ की टीम से संपर्क करें।

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ज्यादातर मामलों में, एक डिटैच्ड रेटिना को ठीक करने के लिए सर्जिकल प्रक्रियाएं जरूरी होती हैं। रेटिनल डिटैचमेंट के इलाज के लिए लेजर सर्जरी (फोटोकैग्यूलेशन) और फ्रीजिंग (क्रायोपेक्सी) सबसे आम सर्जिकल उपाय हैं।

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ज्यादातर स्पेशलिस्ट आई सेंटर्स (विशेषज्ञ नेत्र केंद्र) में, दस में से नौ रेटिनल डिटैचमेंट को एक ही ऑपरेशन द्वारा सफलतापूर्वक ठीक किया जाता है। कुछ मामलों में दूसरे ऑपरेशन की भी जरूरत पड़ सकती है।

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रेटिनल डिटैचमेंट का इलाज करने के लिए सर्जिकल प्रक्रियाओं की जरूरत हो सकती है। सर्जरी के बाद, आपको थोड़े समय के लिए अस्पताल में रहने की जरूरत पड़ सकती है और आपकी दृष्टि में सुधार होने में कुछ सप्ताह लग सकते हैं।

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रेटिनल डिटैचमेंट सर्जरी में आमतौर पर किसी किस्म का दर्द नहीं होता है, लेकिन जब कभी भी आपको कोई सनसनाहट महसूस हो तो आपको तुरंत अपने सर्जन/डॉक्टर को सूचित करना चाहिए। सिर या आंखों को हिलाने से बचने के लिए आप बिना बोले ही इसका संकेत दे सकते हैं।

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हां, सभी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं रेटिनल डिटेचमेंट के उपचार को कवर करती हैं। बिना परेशानी के एप्रूवल और कैशलेस सुविधा सुनिश्चित करने के लिए हमारी टीम द्वारा आपकी ओर से कागजी कार्रवाई की जाती है। एक साधारण कैशलेस और परेशानी मुक्त अनुभव के लिए हेक्साहेल्थ से संपर्क करें।

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रेटिना डिटैचमेंट सर्जरी की लागत बदलती रहती है। चुने गए अस्पताल के प्रकार, अनुशंसित तकनीक, उम्र और अन्य स्वास्थ्य कारकों के आधार पर रोगी की चिकित्सा स्थिति आदि पर विचार करते हुए सर्जरी के खर्च में बदलाव आता है। मूल्य पारदर्शिता के लिए हेक्साहेल्थ से संपर्क करें।

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  1. मिथक: रेटिनल डिटैचमेंट की समस्या दुर्घटनाओं के बाद ही होती है।
    तथ्य: नहीं, किसी भी स्वस्थ व्यक्ति में रेटिनल डिटैचमेंट की समस्या भी विकसित हो सकती है।
  2. मिथक: रेटिनल डिटैचमेंट की समस्या धीरे-धीरे बढ़ती है।
    तथ्य: नहीं, रेटिनल डिटैचमेंट की समस्या तेजी से बढ़ती है और इसे एक आपातकालीन स्थिति भी माना जाता है।
  3. मिथकः रेटिनल डिटैचमेंट बार-बार नहीं होता है।
    तथ्य: रेटिनल डिटैचमेंट की समस्या बार-बार हो जाने की आंशका बहुत ज्यादा होती है। बार-बार हो जाने वाले टियर (छेद या कटना-फटना) या डिटैचमेंट के लिए कई सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
  4. मिथक: रेटिनल डिटैचमेंट सर्जरी के बाद मेरी दृष्टि में तेजी से सुधार होगा।
    तथ्य: रेटिनल डिटैचमेंट के लिए सर्जरी के बाद, दृष्टि में हमेशा सुधार नहीं होता है क्योंकि दृष्टि में सुधार एक बहुत ही धीरे चलने वाली प्रक्रिया है।
  5. मिथक: रेटिनल सर्जरी के बाद केवल कुछ पोस्टऑपरेटिव फॉलो-अप परीक्षण ही पर्याप्त होंगे।
    तथ्य: नहीं, एक नेत्र रोग विशेषज्ञ (ऑफ्थैल्मोलॉजिस्ट) रेटिनल डिटैचमेंट सर्जरी के बाद वर्षों तक मरीज के साथ फॉलो-अप परीक्षण करते रहेंगे और आमतौर पर, बार-बार सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है।
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Last Updated on: 12 December 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Pranjali Kesharwani

Pranjali Kesharwani

Bachelor of Pharmacy (Banaras Hindu University, Varanasi)

2 Years Experience

She is a B Pharma graduate from Banaras Hindu University, equipped with a profound understanding of how medicines works within the human body. She has delved into ancient sciences such as Ayurveda and gained valuab...View More

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