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गर्भावस्था के दौरान एमनियोटिक द्रव के बहुत कम हो जाने (oligohydramnios in hindi) को ओलिगोहाइड्रामनिओस कहते है। ऑलिगोहाइड्रामनिओस को अंतर - गर्भाशय वृद्धि/विकास अवरोध (रेस्टरिक्शन) के साथ जोड़ा गया है।
ओलिगोहाइड्रामनिओस (oligohydramnios in hindi) के कारण गर्भावधि उम्र के लिए एमनियोटिक द्रव की मात्रा कम हो जाती है। आइए इस लेख मे जानते है कि ऑलिगोहाइड्रामनिओस क्या है? (oligohydramnios in hindi) एमनियोटिक द्रव के कितने कम हो जाने को ऑलिगोहाइड्रामनिओस कहते है, (oligohydramnios meaning in hindi) यह क्यों होता है, इसके लक्षण क्या है, इसका भ्रूण के ऊपर या माँ के ऊपर क्या असर पड़ता है, निदान (डायग्नोसिस), रोकथाम, दवा, उपचार और पढिए, अन्य महत्वपूर्ण विवरण।
रोग का नाम |
ओलिगोहाइड्रामनिओस |
लक्षण | योनि से लगातार तरल पदार्थ का रिसाव, माँ को ऐसा नहीं लगता कि बच्चा पर्याप्त हिलता-डुलता है। माँ का पर्याप्त वजन नहीं बढ़ रहा है। |
कारण | फीटल (भ्रूण) की वजह से, प्लेसेंटल समस्याएं, मातृ जटिलताएं, झिल्लियों का रिसाव या टूटना, पोस्ट डेट प्रेग्नेंसी |
निदान | बच्चा कितना अच्छा विकास कर रहा है। बच्चे के गुर्दे और मूत्र मार्ग की संरचना को भी दिखा सकता है। बच्चे के मूत्राशय में मूत्र दिखा सकता है। एएफ़आई इंडेक्स के माध्यम से ओलिगोहाइड्रामनिओस को डायग्नोस किया जाता है |
किसके द्वारा इलाज | गयनेकोलॉजिस्ट |
इलाज के विकल्प |
जब गर्भावस्था के दौरान एमनियोटिक द्रव की मात्रा बच्चे की गर्भकालीन आयु से कम होती है, तो इसे ओलिगोहाइड्रामनिओस कहा जाता है। गर्भावस्था के समय गर्भाशय में भ्रूण के आसपास के तरल पदार्थ को एमनियोटिक द्रव कहते हैं। इसके जरूरी कार्य इस प्रकार हैं:
एमनियोटिक द्रव का उत्पादन गर्भाधान (इंप्रेग्नेशन) के लगभग 12 दिनों के बाद एमनियोटिक थैली बनने के तुरंत बाद शुरू हो जाता है।
द्रव की मात्रा 36 सप्ताह तक अपने चरम तक बढ़ जाती है। उसके बाद, एमनियोटिक द्रव का स्तर कम होने लगता है और 40 सप्ताह के बाद काफी घट जाता है।
34 हफ्ते में यह लगभग 800 मिलीलीटर और 40 हफ्ते में लगभग 600 मिलीलीटर होता है। अगर 32-36 सप्ताह के गर्भ में द्रव की मात्रा 500 मिलीलीटर से कम है, तो ओलिगोहाइड्रामनिओस कहा जा सकता है।
ओलिगोहाइड्रामनिओस को हल्का /माइल्ड (mild oligohydramnios in hindi), माडरेट (मध्यम) (moderate oligohydramnios meaning in hindi) और गंभीर चरन (बहुत कम द्रव)(severe oligohydramnios meaning in hindi) मे बांटा जा सकता है।
एमनियोटिक द्रव को एमनियोटिक द्रव इंडेक्स (ए. एफ. आई) के द्वारा चरन् मे बांटा जाता है जिसे कि आगे सूचि मे विस्तार से बताया है:
ओलिगोहाइड्रामनिओस के चरन | ए. एफ. आई का मूल्य (वैल्यू) |
हल्का (माइल्ड) (mild oligohydramnios in hindi) | 5.1 और 7.9 सेंटीमीटर के बीच में |
मोडरेट (मध्यम) (moderate oligohydramnios meaning in hindi) | 3.1 और 5.0 सेंटीमीटर के बीच में |
सिवीयर (गंभीर/ बहुत कम द्रव)(severe oligohydramnios meaning in hindi) | 3.0 या 3.0 सेंटीमीटर से कम |
बहुत कम एमनियोटिक द्रव की वजह से बच्चे में स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं, या किसी अंतर्निहित स्थिति का संकेत हो सकता है। इसका सीधा असर या तो बच्चे के विकास पर पड़ता है, या माँ मे प्रसव के दौरान जटिलताएँ पैदा कर सकता हैं।
ज्यादातर ग्राभवती महिलायों को यह एहसास नहीं होता कि उनका एमनियोटिक द्रव सामान्य से कम है। हालाँकि, चिकित्सक को इसका संदेह हो सकता है यदि:
यदि किसी महिला को पूर्व गर्भधारण में कम एमनियोटिक द्रव था, तो अगली गर्भावस्था में दुबारा कम एमनियोटिक द्रव का खतरा भी बढ़ जाता है।
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कम एमनियोटिक द्रव या ओलिगोहाइड्रामनिओस फीटस, माँ या प्लसेन्टा (जो उन्हे जोड़ के रखता है), की वजह से हो सकता है, इन तीनों में अगर कोई परेशानी होती है तो वह कम द्रव की वजह (oligohydramnios in hindi) बन जाता है।
जैसा की हमें पता चल गया है कि एमनियोटिक द्रव मुख्य रूप से भ्रूण के मूत्र से बना होता है, कम एमनियोटिक द्रव की मात्रा, या ओलिगोहाइड्रामनिओस, आमतौर पर या तो भ्रूण के कम मूत्र उत्पादन या गर्भाशय से एमनियोटिक द्रव के रिसाव की तरफ संकेत देता है।
ओलिगोहाइड्रामनिओस अक्सर 8% गर्भवती महिलाओं में मिलता है लेकिन सिर्फ 4% में कम स्तर का निदान किया जाता है।
यह ज़्यादतर गर्भवती महिलयों को आखिरी तिमाही के दौरान होता है। यह ध्यान रहे कि 42 सप्ताह के गर्भ तक पहुंचने के बाद तो तरल पदार्थ आधे से कम हो जाता हैं तो पोस्ट-डेट प्रेग्नन्सी में एमनियोटिक द्रव के कम स्तर खतरा हो सकता है।
कई कारक कम एमनियोटिक द्रव में योगदान कर सकते हैं, जैसे:
ओलिगोहाइड्रामनिओस को रोकने के लिए ज्यादातर कुछ भी नहीं किया जा सकता है, समय पर निदान और डॉक्टर से उपचार जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है। हालाँकि, कई निवारक उपाय हैं जो स्थिति के जोखिम या गंभीरता को कम करने में मदद कर सकते हैं। इनमें से कुछ उपायों में शामिल हैं:
अगर कम द्रव के लक्षण हैं, तो डॉक्टर एक विस्तृत स्वास्थ्य इतिहास पूछेंगे। उसके बाद अल्ट्रा-साउन्ड करके निर्धारित किया जाता है:
नाल में रक्त के प्रवाह की जांच के लिए डॉप्लर प्रवाह अध्ययन [विशेष प्रकार के अल्ट्रासाउंड] की आवश्यकता हो सकती है।
एक बार निदान हो जाने के बाद, ओलिगोहाइड्रामनिओस का कारण जानने के लिए पूरी तरह से जांच और माँ का इतिहास लिया जाना चाहिए। झिल्लियों के समय से पहले फटने को देखने के लिए नाइट्रीज़िन टेस्ट, फ़र्निंग टेस्ट किया जाना चाहिए।
यदि किसी महिला के गर्भावस्था के दौरान ओलिगोहाइड्रामनिओस (Oligohydramnios) कम हो जाता है, तो उसके और उनके बच्चे के लिए जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए, एक अनुभवी डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण होता है। यहां हम बता रहे हैं कि डॉक्टर के परामर्श की तैयारी कैसे करें।
डॉक्टर के परामर्श की तैयारी करते समय रोगी निम्नलिखित कार्य कर सकता है:
रोगी डॉक्टर से निम्नलिखित की उम्मीद कर सकता है:
रोगी डॉक्टर से निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकता है:
एमनियोटिक द्रव के कम स्तर का उपचार गर्भावधि उम्र पर आधारित होता है। उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि महिला अपनी गर्भावस्था में कितनी दूर है और यदि उसे गर्भावस्था की कोई अन्य जटिलताएँ हैं।
यदि अभी तक गर्भ काल पूरा नहीं हुआ है:
यदि एक गर्भवती महिला अपनी पूर्ण अवधि की गर्भावस्था के करीब है:
तो आमतौर पर प्रसव करने की सलाह ही दी जाती है
अन्य उपचार जिनका उपयोग किया जा सकता है उनमें शामिल हैं:
प्रोसीजर (तकनीक) | मूल्य |
एमनियोइंफ्यूजन | ₹ 6,370 |
भारत में एमनियोइंफ्यूजन की कीमत लगभग ₹6370 रुपये हो सकती है। हालांकि, उपचार का तरीका और प्रक्रियाओं का चयन रोगी की स्वास्थ्य स्थिति और इलाज करने वाले डॉक्टर की राय पर निर्भर करता है।
गर्भावस्था के पहले छह महीनों में कम एमनियोटिक द्रव अधिक गंभीर होता है। ऑलिगोहाइड्रामनिओस (oligohydramnios in hindi) की जटिलताएं इस प्रकार हैं:
यदि किसी महिला को गर्भावस्था के अंतिम तिमाही (28 से 40 सप्ताह) में ओलिगोहाइड्रामनिओस (oligohydramnios in hindi) का निदान किया जाता है, तो निम्नलिखित जटिलताएँ हो सकती हैं:
गर्भवती महिला को निम्नलिखित लक्षणों में से किसी का अनुभव होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
हालांकि ओलिगोहाइड्रामनिओस के इलाज के लिए कोई विशिष्ट आहार नहीं है, यह महत्वपूर्ण है कि एक महिला एक स्वस्थ, संतुलित आहार का पालन करे जो उसके और उसके बच्चे के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करे। यहाँ कुछ सामान्य आहार अनुशंसाएँ दी गई हैं:
ओलिगोहाइड्रामनिओस (oligohydramnios in hindi) एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के आसपास बहुत कम एमनियोटिक द्रव होता है। ओलिगोहाइड्रामनिओस के मां और भ्रूण पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिसमें समय से पहले प्रसव, मृत जन्म और भ्रूण संकट का जोखिम भी शामिल है।
ओलिगोहाइड्रामनिओस का उपचार स्थिति की गंभीरता और अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। माँ और भ्रूण दोनों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए ऑलिगोहाइड्रामनिओस का शीघ्र पता लगाना और प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है। यदि आप गर्भवती हैं और अपने एमनियोटिक द्रव के स्तर के बारे में चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है।
यदि आपको ओलिगोहाइड्रामनिओस (oligohydramnios in hindi), गंभीर ओलिगोहाइड्रामनिओस (severe oligohydramnios in hindi), या अन्य संबंधित प्रश्नों के बारे में कोई संदेह है, तो HexaHealth में हमारी व्यक्तिगत देखभाल टीम से संपर्क करने में संकोच न करें। हम आपके सभी प्रश्नों को हल करने में आपकी सहायता करेंगे। यदि आप ओलिगोहाइड्रामनिओस या गर्भावस्था से संबंधित अन्य जानकारी के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आप हमारी वेबसाइट HexaHealth पर भी जा सकते हैं।ओलिगोहाइड्रोमनिओस (oligohydramnios in hindi) से संबंधित कुछ मिथक हैं। कुछ मिथक हैं:
मौखिक तरल पदार्थ या पानी का सेवन बढ़ाने से माँ का पुनर्जलीकरण करके एमनियोटिक द्रव के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। कई अध्ययनों ने बताया है कि पीने का पानी उन लोगों में एमनियोटिक द्रव के स्तर को बढ़ाने में मददगार हो सकता है जो गर्भवती हैं।
हालांकि, महिला को ओलिगोहाइड्रामनिओस के उपचार के रूप में अपने पानी का सेवन बढ़ाने के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
Last Updated on: 15 March 2023
A specialist in Obstetrics and Gynaecology with a rich experience of over 21 years is currently working in HealthFort Clinic. She has expertise in Hymenoplasty, Vaginoplasty, Vaginal Tightening, Labiaplasty, MTP (Medical Termination...View More
She is a B Pharma graduate from Banaras Hindu University, equipped with a profound understanding of how medicines works within the human body. She has delved into ancient sciences such as Ayurveda and gained valuab...View More
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