Test Duration
5 Minutes
------ To ------10 Minutes
Test Cost
₹ 99
------ To ------₹ 200
लिवर मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसके कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं। यह पोषक तत्वों को संसाधित करता है, हानिकारक पदार्थों का विषहरण करता है, आवश्यक पोषक तत्वों को संग्रहीत करते हुए विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है। इसके अलावा लिवर अपशिष्ट उत्पादों को खत्म करने में मदद करता है। लिवर का सही से काम करना समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
लिवर की कोशिकाओ के अंदर एसजीओटी (सीरम ग्लूटामिक-ऑक्सालोएसेटिक ट्रांसएमिनेज़) नामक एन्ज़ाइम पाया जाता है। अगर किसी वजह से लिवर की कोशिकाये क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो यह एन्ज़ाइम रक्त मे लीक हो जाता है। इस कारणवश इसका स्तर रक्त मे बढ़ जाता है, जिसे रक्त परीक्षण द्वारा मापा जा सकता है।
एसजीओटीपरीक्षण | विवरण |
वैकल्पिक नाम |
|
आवश्यक शर्तें (उपवास की आवश्यकता आदि) | अगर यह काम्प्रीहेन्सिव मेटाबोलिक पैनल (सीएमपी) का हिस्सा है तो १० से १२ घंटे के उपवास की जरूरत होती है अन्यथा लिवर फ़ंक्शन टेस्ट में उपवास की कोई जरूरत नहीं है। |
परीक्षण किसके द्वारा किया जाता है | जनरल प्रैक्टिशनर या गेस्ट्रो-एन्टेरोलॉजिस्ट |
पैरामीटर कवर किए गए | ८ से ३३ यू/एल (यूनिट प्रति लीटर) |
रिपोर्ट आने का समय | चौबीस घंटों के भीतर |
एसजीओटी एक प्रकार का एंजाइम है जो लिवर के साथ शरीर के काफी उत्तकों में पाया जाता है जैसे हृदय, मस्तिष्क, अग्न्याशय, गुर्दे, मांसपेशिया। यदि हमारे शरीर की कोशिकाएं जहां एसजीओटी एंजाइम पाया जाता है, उन्हें चोट पहुंचती है, तो एसजीओटी हमारे रक्त में प्रवेश कर सकता है। इस कारणवश रक्त में इसकी मात्रा बढ़ जाती है।
एसजीओटीपरीक्षण मुख्यत लिवर के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देने के लिए इस्तेमाल होता है। यह लिवर प्रोफाइल परीक्षण का हिस्सा होता है, जिसे नियमित जांच के रूप मे इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यह लीवर की समस्याओं का निदान या निगरानी करने में मदद कर सकता है। लिवर प्रोफाइल के अंतर्गत एएसटी के साथ-साथ बहुत सारे दूसरे एंजाइम की जांच की भी की जाती है। कभी-कभी डॉक्टर इसे अकेले ही करने का आदेश भी दे सकते हैं।
एसजीओटी परीक्षण के द्वारा रक्त के नमूने मे एएसटी एन्ज़ाइम की मात्रा मापी जाती है। इससे महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है और टेस्ट के उद्देश्य इस प्रकार है:
लिवर की सेहत की जानकारी - टेस्ट के माध्यम से नियमित जांच के दौरान लिवर के स्वास्थ्य का आकलन किया जा सकता है।
बीमारी का निदान - ज्यादातर स्तिथियों में एसजीओटीटेस्ट लिवर की स्थिति और अन्य चिकित्सीय स्थितियों की जांच, और निदान में काम आता है।
उपचार के बाद निगरानी - इस टेस्ट के माध्यम से पता लगाया जा सकता है कि मरीज पर दवाये असर कर रही है या नहीं।
उच्च जोखिम वाले रोगियों में स्वास्थ्य जांच - एसजीओटी परीक्षण लिवर की स्थिति जानने मे कुछ लोगों मे बहुत काम आता है, खासकर कि जिनमे लिवर की क्षति होने के जोखिम कारक मौजूद होते है।
एसजीओटी परीक्षण विभिन्न अंगों के स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने का एक सरल और सुरक्षित तरीका है, खासकर लिवर के स्वास्थ्य के लिये उपयोगी होता है। इसके कई फायदे हो सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
गैर-आक्रामक रक्त परीक्षण - इसमें शरीर में किसी भी सर्जिकल प्रक्रिया या उपकरण के प्रवेश की कोई आवश्यकता नहीं होती। बल्कि इसमें हाथ की नस से एक नमूना लेना होता है।
सुरक्षित और अल्पकालिक - यह टेस्ट बहुत सुरक्षित होता है। इसे करने मे पाँच मिनट से कम समय लगता है।
छोटा सा नमूना - रक्त के एक छोटे से नमूने से एसजीओटीटेस्ट हो जाता है।
निदान मे सहायक - यह परीक्षण न सिर्फ लिवर की बीमारी के जोखिम वाले लोगों में जांच के काम आता है, बल्कि लक्षण सामने आने पर यह लिवर की स्तिथियों का निदान भी करने में सहायक सिद्ध हुआ है।
उपचार की जाँच - इसके अलावा इलाज के दौरान लिवर के स्वास्थ्य की निगरानी भी करता है।इससे जाना जा सकता है कि दवाये और उपचार काम कर रहा है या नहीं।
वैसे तो एसजीओटी टेस्ट से पहले कोई खास तैयारी की जरूरत नहीं होती है। फिर भी, इस परीक्षण से पहले निम्न बातें अपने डॉक्टर से साझा करे:
मेडिकल इतिहास - अपने डॉक्टर को अपने मेडिकल इतिहास के बारे मे सब कुछ बताए। अगर पहले से कोई बीमारी है, खासकर की लिवर की बीमारी है, तो उसके बारे मे विस्तार से बताए।
हाल-ही मे हुए संक्रमण का इतिहास - अगर हाल ही में कोई संक्रमण हुआ तो आपने कौन सी दवा का सेवन किया था।
दवाये - अगर वर्तमान में कोई दवा या किसी प्रकार के अनुपूरक का सेवन कर रहे हैं, तो डॉक्टर को जरूर बताए।
उपवास - इस टेस्ट से पहले उपवास की कोई जरूरत नहीं होती है।
शराब - टेस्ट के 24 घंटे पहले से शराब का सेवन ना करें, इससे परीक्षण के परिणाम पर प्रभाव पड़ सकता है।
कैफीन को कम करे - कैफीन (कॉफी) का सेवन भी टेस्ट से पहले, कम कर देना चाहिए, ताकि लिवर के एन्ज़ाइम पर असर न पड़े।
आरामदायक कपड़े पहने - टेस्ट के दौरान आरामदायक और ढीले कपड़े पहने ताकि रक्त का नमूना आराम से लिया जा सके।
इस एसजीओटीपरीक्षण में रक्त का नमूना इकट्ठा करने की प्रक्रिया में पांच मिनट से कम समय लगता है। इस प्रक्रिया को करते समय निम्नलिखित चरणो का पालन किया जाता है:
सबसे पहले नर्स मरीज को आराम से कुर्सी पर बैठा कर बाह की जांच करते हैं।
फिर उसके बाद बांह के चारों ओर एक इलास्टिक बैंड कसकर बांध देंगे ताकि नस ढूंढ सके।
ज्यादातर कोहनी के दूसरी तरफ बाह के अंदरूनी हिस्से की नस में से खून निकाला जाता है।
जिस क्षेत्र से रक्त का नमूना लेना है, उस क्षेत्र को स्पिरिट से साफ करके कीटाणुरहित किया जाता है।
एक छोटी सी सूई नस में डालकर रक्त का नमूना लेकर ट्यूब में इकट्ठा कर लिया जाता है। सुई डालने की वजह से हल्की सी चुभन महसूस होती है।
परीक्षण के लिए पर्याप्त मात्रा में रक्त इकट्ठा होते ही सुई को निकाल कर रूई से हल्का दबाव डाला जाता है।
एसजीओटीपरीक्षण के लिए रक्त का नमूना इकट्ठा करने के बाद इसे तुरंत ही परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेज दिया जाता है।
परीक्षण के तुरंत बाद कुछ सावधानियां बरतना बहुत मत्वपूर्ण होता है, ताकि किसी प्रकार की परेशानी न हो। इनमे निम्नलिखित का अधिक महत्व है:
शरीर में जिस जगह से सुई के माध्यम से रक्त निकाला जाता है, उस जगह पर रुई और स्वैब से दबाकर सफाई से पट्टी लगा दी जाती है, ताकि रक्तस्राव न हो। इससे संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।
मरीज को कुछ देर आराम करने का और पानी पीने का निर्देश दिया जाता है। इससे मरीज को किसी प्रकार की कमजोरी महसूस नहीं होती है।
अगर परीक्षण से पहले उपवास रखा गया होता है, तो मरीज को खाना खाने की हिदायत जी जाती है।
एसजीओटी टेस्ट की रिपोर्ट में सामान्य रेंज दी जाती है। स्वस्थ व्यक्ति मे आमतौर पर एसजीओटी का स्तर इसी के बीच मे आता है। अगर यह स्तर इस सीमा मे नहीं आता है तो उसे असामान्य स्तर माना जाता है जिसके लिए तुरंत ही चिकित्सक से मिलकर मार्गदर्शन लेना चाहिए।
एसजीओटी की सामान्य सीमा हर प्रयोगशाला में भिन्न हो सकती है। फिर भी, रक्त परीक्षण के लिए एक सामान्य संदर्भ सीमा ८ से ३३ यू/एल (यूनिट प्रति लीटर) होती है।
बढ़ा हुआ एसजीओटी का स्तर अक्सर लिवर की बीमारी का संकेत होता है। इसकी पुष्टि करने के लिए डॉक्टर हिपेटिक फ़ंक्शन टेस्ट के अन्य एन्ज़ाइम का स्तर भी जाँचते हैं।
कई करणों वजह से यह स्तर बढ़ जाता है जिसमें निम्नलिखित शामिल है:
जिगर की बीमारी - जिगर की क्षति या जिगर की बीमारी मे लिवर पर सूजन आ जाती है जिसकी वजह से लीवर कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इस कारण एसजीओटी एन्ज़ाइम जो कोशिका के अंदर होता है, वह रक्त प्रवाह में लीक हो जाता है। इसी वजह से रक्त में इस एंजाइम का स्तर बढ़ जाता है। निम्न समस्याओ मे एसजिओटी का स्तर बढ़ जाता है:
इसके अलावा एसजीओटी किडनी, मांसपेशियां, हृदय और मस्तिष्क मे भी पाया जाता हैं, इसलिए अगर किसी वजह से इन अंगों मे कोई समस्या होती है। तो भी, इस एन्ज़ाइम का स्तर इन स्तिथियों के बाद भी बढ़ सकता है, जैसे:
हेमोक्रोमैटोसिस - शरीर में बहुत अधिक आयरन हो जाता है, जो लिवर, दिल और अगनाशय की कोशिकाओ को क्षति पहुचा सकता है।
दिल का दौरा पड़ने से और हृदय की प्रक्रियाओ के बाद भी एसजीओटी बढ़ जाता है।
ऑपरेशन के बाद भी कुछ समय के लिये एसजीओटी का स्तर बढ़ जाता है।
गर्भावस्था में भी एसजीओटी का स्तर बढ़ जाता है।
परीक्षण के परिणाम के आधार पर स्वास्थ्य समस्या का निदान करने के बाद ही चिकित्सक इलाज की योजना बनाते हैं। अगर परिणाम मे एसजीओटी के स्तर सामान्य आते हैं, तो इसका मतलब होता है कि लिवर की सेहत ठीक है और उसमे कोई खास समस्या नहीं है। ऐसी स्तिथि में किसी उपचार योजना की जरुरत नहीं होती है।
यदि रिपोर्ट में एसजीओटी का स्तर असामान्य आया है तो डॉक्टर लिवर की स्तिथि की पूरी जानकारी के लिये अतिरिक्त परीक्षणों की सलाह देते हैं। इन परीक्षण में अन्य रक्त परीक्षण (लिवर फ़ंक्शन टेस्ट,प्लैट्लट की गिनती, कोऐग्युलेशन पैनल), इमेजिंग परीक्षण और बायोप्सी शामिल हो सकते है।
इसके बाद लक्षणों को ध्यान में रखते हुए परिणाम के आधार पर डॉक्टर उपचार की योजना बनाते है। यह उपचार निम्नलिखित हो सकते हैं:
जीवनशैली मे बदलाव - चिकित्सक मरीज को स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम की सलाह देंगे। सही डाइट और व्यायाम से लिवर के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
संतुलित आहार - आहार में प्रोटीन, फाइबर, और पौष्टिक तत्वों को शामिल करने के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें - अत्याधिक शराब के सेवन से लिवर की कोशिकायो को क्षति पहुचती है।
आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक उपचार - कुछ लोग लिवर की समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक उपचार का भी सहारा लेते हैं। परंतु, इसके लिए बहुत जरूरी है कि उपचार वैद्य या होम्योपेथी प्रैक्टीशनर की निगरानी मे ही लिया जाए।
दवाएँ - डॉक्टर लिवर के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कुछ दवाओं के इस्तेमाल की सलाह दे सकते है।
नियमित मॉनिटरिंग - डॉक्टर मरीज के लिवर स्वास्थ्य को नियमित अंतराल पर मॉनिटर करेते हैं और स्थिति के अनुसार सलाह देते हैं।
सर्जिकल प्रक्रिया - लिवर सिरोसिस जैसी स्थिति मे डॉक्टर लिवर ट्रांसप्लांटेशन की सलाह दे सकते हैं।
परीक्षण के लिए रक्त का नमुना लेने में कोई जोखिम नहीं होता है। रक्त वाहिका का आकार हर व्यक्ति में अलग होता है। इसकी वजह से कभी-कभी व्यक्ति की नस आराम से मिल जाती है और रक्त निकालने में कोई मुश्किल नहीं होती है। इसके विपरीत कुछ लोगों में रक्त लेना थोड़ा कठिन हो सकता है।
रक्त निकाले जाने से जुड़े कुछ जोखिम निम्नलिखित हैं:
संक्रमण
बेहोश या चक्कर आना
रक्तस्राव
नसों को ढूंढते समय कई बार पंक्चर करना
त्वचा के नीचे रक्त एकत्रित होकर हेमेटोमा बनना
एसजीओटी टेस्ट की कीमत ज्यादातर ₹ ९९ से लेकर ₹ २०० तक हो सकती है। इस टेस्ट की कीमत विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है जैसे:
कीमत विभिन्न शहरों और विभिन्न प्रयोगशालाओ मे भिन्न हो सकती है।
अगर सरकारी अस्पताल से जुड़ी प्रयोगशाला है, तो वहाँ टेस्ट की कीमत प्राइवेट प्रयोगशाला की तुलना मे कम हो सकती है।
इसके अलावा अगर टेस्ट करने के लिए तकनीशियन को घर बुलाया जाता है, तो भी कीमत बढ़ जाती है।
टेस्ट | कीमत |
एसजीओटी टेस्ट | ₹ ९९ - ₹ २०० |
एसजीओटी परीक्षण, लिवर के स्वास्थ की जानकारी निकालने का एक बहुत सरल और सुरक्षित तरीका है। इस परीक्षण में एक छोटा स नमूना लिया जाता है। रक्त में बढ़ा हुआ एसजीओटी का स्तर लिवर की कोशिकाओ की क्षति की ओर इशारा करता है।
अगर आपके द्वारा कराए गए परीक्षण के परिनाम बढ़े हुए आए है और आप सलाह लेना चाहते हैं। देर न करे, तुरंत ही एसजीओटी परीक्षण से संबंधित विषय पर बात करने के लिए आप HexaHealth की पर्सनल केयर टीम से संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाईट पर भी जा सकते हैं।
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एसजीओटी परीक्षण व्यक्ति के रक्त में एस्पार्टेट ट्रांसफ़ेज़ नामक एन्ज़ाइम की मात्रा को मापता है। ज्यादातर मामलों में, डॉक्टर इस टेस्ट का आदेश, लिवर के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए उपयोग करता है।
एसजीओटी टेस्ट का पूरा नाम सीरम ग्लूटामिक-ऑक्सालोएसेटिक ट्रांसएमिनेज़ है। यह परीक्षण लिवर और दिल की स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इस टेस्ट को करने के लिए रक्त का नमूना लिया जाता है।
ज्यादातर स्तिथियों में एसजीओटीटेस्ट लिवर की स्थिति और अन्य चिकित्सीय स्थितियों की जांच या निदान के काम आता है। अगर रक्त मे एस जी ओ टी के स्तर में बढ़ोतरी होती है, तो यह सूचित कर सकता है कि लिवर या दिल की समस्या हो सकती है।
एसजीपीटी टेस्ट एक लिवर फ़ंक्शन टेस्ट है, जो कि एक रक्त परीक्षण होता है। नर्स द्वारा रक्त का नमूना इकट्ठा करके इसे प्रयोगशाला भेज दिया जाता है। यह टेस्ट एसजीओटी के साथ मिलकर लिवर की स्थिति की सटीक जानकारी देता है।
एसजीओटी टेस्ट में शामिल किए जाने वाले परिणामों में इसके सामान्य और असामान्य स्तर आते हैं। इस परीक्षण की नॉर्मल या सामान्य रेंज ८ से ३३ यू/एल होती है। इस सीमा के बाहर आने वाले परिणाम आसमान्य माने जाते हैं।
सबसे पहले लिवर के रोग एसजीपीटी टेस्ट में उच्च स्तर का कारण बनते हैं। अन्य कारण में निम्नलिखित शामिल है:
जिगर पर स्कार होना जिसे सिरोसिस कहते हैं
जिगर के ऊतकों की मृत्यु
दिल का दौरा
हेमोक्रोमैटोसिस (शरीर में बहुत अधिक आयरन का होना)
हेपेटाइटिस (वायरस के संक्रमण की वजह से लिवर में सूजन आकार उसका आकार बढ़ जाता है)
यकृत इस्किमिया (यकृत में रक्त के प्रवाह में कमी होना)
लिवर कैंसर या ट्यूमर
ऐसी दवाओं का उपयोग जो लिवर के लिए विषैली हों, विशेषकर शराब का सेवन करना।
एसजीओटी टेस्ट का सामान्य स्तर की रेंज ८ से ३३ यू/एल के बीच में होती है। यह स्तर व्यक्ति की आयु, लिंग, और स्वास्थ्य स्तिथि के आधार पर भिन्न हो सकता है।इसके अलावा यह अलग-अलग प्रयोगशाला मे भी भिन्न आ सकता है। सामान्य स्तर इस बात की ओर इशारा करता है कि लिवर की समस्या नहीं है।
एसजीओटी टेस्ट के लिए एक किट की जरूरत होती है। यह किट नर्स या टेकनिशियन के पास होती है, जिसमें रक्त का नमूना इकट्ठा करने के लिए सामग्री होती है। एक टेस्ट ट्यूब, टौरनीकुएट, स्पिरिट स्वैब, और बाद में बांधने के लिए पट्टी आदि समान इस किट में होता है।
एसजीपीटी टेस्ट के परिणाम आने में एक से दो दिन लगते हैं। परिणाम का अर्थ समझाने मे चिकित्सक मरीज की मदद करते है। जानकारी देने के उपरांत परिणाम के आधार पर स्वास्थ्य सलाह देंगे।
एसजीओटी टेस्टकी रिपोर्ट मेंसामान्य रेंज दी जाती है जो की स्वस्थ व्यक्ति मे आमतौर पर ८ से ३३ यूनिट्स/लीटर के बीच होती है। इसका मतलब होता है कि लिवर मे कोई खास समस्या नहीं है। अगर एसजीओटी का स्तर इस सामान्य सीमा से बाहर है, तो उसे असामान्य कहते है।
एसजीपीटी टेस्ट की कीमत एसजीओटी टेस्ट के बराबर ही होती है। यह ज्यादातर ₹ ९९ से ₹ २०० तक हो सकती है। यह कीमत विभिन्न शहरों और प्रयोगशाला मे भिन्न हो सकती है। अगर सरकारी अस्पताल से जुड़ी प्रयोगशाला है, तो वहाँ टेस्ट की कीमत प्राइवेट प्रयोगशाला की तुलना मे कम हो सकती है।
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