Test Duration
30 Minutes
------ To ------60 Minutes
Test Cost
₹ 1,400
------ To ------₹ 2,800
ईईजी टेस्ट का पूरा नाम इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम परीक्षण है। हर व्यक्ति के मस्तिष्क के ठीक से काम करने लिए कोशिकायो में संतुलित रूप से संचार होना बहुत जरूरी होता है। अगर कोशिका संचार में विघ्न पड़ता है, तो ये बीमारी या असामान्य स्थिति का संकेत हो सकता है। इसी कोशिका संचार से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने के लिए ईईजी टेस्ट का प्रयोग किया जाता है।
इस परीक्षण में मरीज के मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि का मूल्यांकन किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि सामान्य विद्युत गतिविधि प्रभावी संचार के लिए आवश्यक होती है।
ईईजी परीक्षण | विवरण |
वैकल्पिकनाम | मस्तिष्क तरंग परीक्षण (ब्रैन वेव टेस्ट) |
आवश्यकशर्तें (उपवास कि आवश्यकता आदि) | परीक्षण से आठ घंटे पहले तक कैफीन युक्त पेय का सेवन न करें और रात को अपने बाल भी धोकर साफ कर लें |
परीक्षण किसके द्वारा किया जाता है | न्यूरोलोजिस्ट |
पैरामीटर कवर किए गए | ईईजी टेस्ट |
रिपोर्ट आने का समय | परीक्षण के ४८ घंटों के भीतर |
ईईजी मस्तिष्क के सिगनल या संकेतों को रिकार्ड करता है। इस परीक्षण में मरीज के मस्तिष्क की तरंगों, या विद्युत गतिविधि में असामान्यताओं का पता लगाया जाता है। इसकी प्रक्रिया के दौरान बहुत सारे इलेक्ट्रोड (पतली तारों वाली छोटी धातु से बनी डिस्क होती हैं) को सिर पर चिपकाया जाता हैं। ये इलेक्ट्रोड मस्तिष्क कि कोशिकाओं की गतिविधि से उत्पन्न होने वाले छोटे विद्युत आवेशों का पता लगाते हैं।
इन्हीं आवेशों को बढ़ाकर कंप्यूटर स्क्रीन पर एक ग्राफ़ के रूप में देखा जाता है। इसी रिकॉर्डिंग को कागज पर मुद्रित किया जा सकता है, जिसे डॉक्टर बाद मे देखकर उसकी व्याख्या करते हैं।
ईईजी का मूल्यांकन तरंग रूप पर निर्भर करता है। तरंगों का आकार आवृत्ति के आधार पर होता है। आमतौर पर, सबसे ज्यादा ईईजी परीक्षण मिर्गी से संबंधित दौरे की गतिविधि की जांच करने के लिए उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा यह निम्नलिखित स्तिथियों मे इस्तेमाल होता है:
मस्तिष्क से संबंधित स्वास्थ्य स्थितियों की निगरानी करने के लिए।
कुछ अस्पष्ट लक्षणों जैसे बार-बार् बेहोशी, उलझन, या भूलने की तकलीफ का कारण जानने के लिए इस्तेमाल होता है।
मस्तिष्क से संबंधित स्थितियों की स्थिति की जाँच करके निदान करने के लिए जैसे:
अल्जाइमर रोग या मनोभ्रंश कि समस्या
दिमागी चोट
मस्तिष्क का संक्रमण जैसे एन्सेफलाइटिस
ट्यूमर
कुछ मनोविकार
नींद संबंधी विकार जैसे नार्कोलेप्सी
सर्जिकल प्रक्रियाओं के दौरान मस्तिष्क में रक्त प्रवाह की निगरानी करने के काम आता है।
इसके अलावा कोमा मे मरीज के मस्तिष्क की गतिविधि का परीक्षण करने के लिए इस्तेमाल होता है।
इस परीक्षण के माध्यम से बहुत सारी मस्तिष्क कि स्थितियों के बारे मे पत्ता चलता है। ईईजी परीक्षण के निम्न फायदे होते हैं:
सर्वप्रथम तो यह एक गैर आक्रामक (नॉन-इनवेसिव) विधि होती है, यानि किसी सर्जिकल प्रक्रिया की जरूरत नहीं पड़ती है। एलेक्ट्रोड को सिर के ऊपर चिपकाकर ही प्रक्रिया हो जाती है, शरीर के अंदर उपकरण डालने की जरूरत नहीं पड़ती है।
मस्तिष्क से संबंधित बहुत सारी स्वास्थ्य स्थितियों जैसे एपिलेप्सी, नींद संबंधी समस्याएं, मस्तिष्क मे चोट, और ट्यूमर मे इन के लिए उपयोगी सिद्ध होता है:
निदान के लिए जांच के काम आता है।
दवाई या प्रक्रिया के बाद उस मस्तिष्क कि ‘स्थिति कि निगरानी करने मे काम आता है।
ईईजी मस्तिष्क की कार्यप्रणाली के अध्ययन के लिए एक मूल्यवान शोध उपकरण भी होता है।
इस प्रक्रिया मे मरीज को दर्द या किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती है।
मरीजों को ईईजी प्रक्रिया से पहले उपवास रखने की या विशिष्ट आहार प्रतिबंधों से गुजरने की आवश्यकता नहीं होती है।
ईईजी परीक्षण मस्तिष्क कि विभिन्न स्थितियों की जानकारी देता है। इसके कई प्रकार होते हैं जैसे:
रूटीन/नियमित ईईजी:
नियमित ईईजी स्कैन में लगने वाला समय: २३ मिनट
प्रक्रिया के दौरान - ईईजी टेक्नोलॉजिस्ट निम्न सलाह दे सकता है:
अलग तरह से सांस लेने को कह सकता है।
चमकती रोशनी को देखने के लिए कह सकता है।
परोलोंग्ड़ (लंबे समय तक चलने वाला) ईईजी:
प्रक्रिया का समय अंतराल: इस ईईजी परीक्षण में १ घंटा १५ मिनट लगता है। हालांकि, कुछ प्रकार कई दिनों तक भी चल सकते हैं।
परोलोंग्ड़ ईईजी के फायदे -
यह ईईजी नियमित ईईजी की तुलना में अधिक जानकारी देता है।
दौरे संबंधी विकारों के निदान या प्रबंधन के लिए लंबे समय तक चलने वाले ईईजी परीक्षण का उपयोग किया जाता है।
इसमे ईईजी वीडियो का उपयोग किया जाता हैं।
एंबुलेटरी ईईजी:
प्रक्रिया मे लगने वाला समय: एंबुलेटरी ईईजी एक से तीन दिनों तक चलती है।
यह परीक्षण घर पर या ईईजी निगरानी यूनिट में हो सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए इलेक्ट्रोड एक छोटे ईईजी रिकॉर्डर से जोड़ डी जाती है, और मरीज आने दिनचर्या के सारे काम कर सकता है। अगर दौरा पड़ता है या कोई घटना होती है जिसके लिए इस प्रक्रिया का प्रयोग किया जा रहा है तो, मरीज या उसका संबंधी एक बटन दबाकर उसे रिकार्ड कर सकते है।
वीडियो ईईजी: तकनीशियन ईईजी के दौरान मरीज की वीडियो रिकॉर्डिंग करता है। इसके माध्यम से डॉक्टर पता लगा सकता है, कि जब दौरा पड़ता है या कोई अन्य मस्तिष्क संबंधी घटना हुई है, तो मरीज क्या कर रहा हैं।
स्लीप ईईजी: यह ईईजी परीक्षण मरीज के सोते समय किया जाता है। सोते हैं तो एक तकनीशियन ईईजी परीक्षण करता है। यह स्लीप ईईजी, नींद संबंधी विकारों के परीक्षण के किये जा सकते हैं।
परीक्षण से पहले डॉक्टर इसकी प्रक्रिया को विस्तार से मरीज को समझा देते हैं। इसके बाद एक सहमति प्रपत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जाता है, जो ईईजी किप्रक्रिया करने की अनुमति देता है। फॉर्म को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाइए और यदि कुछ स्पष्ट न हो तो मरीज को प्रश्न पूछने चाहिए।
इसपरीक्षणसेपहलेनिम्नबातेंअपनेडॉक्टरसेसाझाकरे:
अगरवर्तमानमेकोईदवायाकिसीप्रकारकेअनुपूरककासेवनकररहेहैं।
बिना डॉक्टर कि सलाह के कोई भी दवा बंद नहीं करें।
ईईजी परीक्षण करने से पहले की तैयारी
ईईजी परीक्षण करने से पहले डॉक्टर से अपना मेडिकल इतिहास बताकर सारी जानकारी प्राप्त कर ले। इसके लिये कुछ तैयारी की आवश्यकता होती है, जिसके लिये निम्न बातों पर ध्यान देकर उनका पालन करना चाहिए:
ईईजी परीक्षण से एक रात पहले बालों को अच्छी तरह धो लें और इस के बाद बालों पर या स्केल्प पर कंडीशनर या स्टाइलिंग उत्पाद का उपयोग न करें।
परीक्षण से आठ घंटे पहले तक कैफीन युक्त भोजन या पेय का सेवन बिल्कुल न करें। कॉफी, या काली चाय मे मौजूद कैफीन टेस्ट पर असर डाल सकते है।
परीक्षणसेपहलेमरीजकोकिसी प्रकार का उपवासनहीं करना चाहिए क्योंकि इससे रक्त शर्करा का स्तर काफी नीचे पहुँचने का खतरा हो सकता है।
इस परीक्षण को अस्पताल या क्लिनिक मे किया जाता है। ईईजी को होने में ३० से ६० मिनट लगते हैं। मरीज कि स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर डॉक्टर द्वारा ईईजी परीक्षण का प्रकार निर्धारित किया जाता है।
एक ईईजी प्रक्रिया में निम्न चरणों का अनुसरण किया जाता है:
सबसे पहले मरीज को आराम करने वाली कुर्सी पर या बिस्तर पर लेटने के लिए कहा जाता है।
इसके बाद, तकनीशियन गोंद या पेस्ट के माध्यम से सिर पर लगभग 23 इलेक्ट्रोड लगाता है।
आप अपनी आँखें खुली या बंद करके आराम करते हैं और बिल्कुल हिलना डुलना नहीं होता है।
सक्रिय प्रक्रियाओं का मस्तिष्क पर असर देखने के लिए मरीज को चमकदार रोशनी मे देखने के लिए या अलग तरह से सांस लेने के लिए कहा जा सकता है।
यदि मरीज को दौरा पड़ता है, तो टेक्नोलॉजिस्ट गतिविधि को रिकार्ड में नोट कर लेगा।
प्रक्रिया का समय उसके प्रकार पर निर्भर करता है।
नींद संबंधी विकार के मूल्यांकन के लिए सोते समय ईईजी किया जा सकता है।
एंबुलेटरी ईईजी के दौरान पोर्टेबल ईईजी रिकॉर्डर के बारे मे विस्तार से बता कर मरीज को घर भेज दिया जाता है।
रिकॉर्डिंग का विश्लेषण एक न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है। ईईजी परीक्षण के परिणाम, परीक्षण के ४८ घंटों के भीतर आ जाते हैं।
ईईजी परीक्षण पूरा हो जाने के बाद मरीज को उठने की अनुमति दी जाती है। इस दौरान निम्न चरणों का पालन किया जाता है:
परीक्षण के खत्म हो जाने पर टेक्निशियन इलेक्ट्रोड को हटा कर इलेक्ट्रोड पेस्ट को गर्म पानी, एसीटोन या विच हेज़ल से धो कर अच्छे से साफ कर देते हैं।
यदि ईईजी परीक्षण करने के लिए मरीज को कोई नींद आने कि दवा दी गई है, तो उसको तब तक आराम करने की आवश्यकता हो सकती है जब तक कि दवा का असर खत्म न हो जाए।
इसके अलावा मरीज को घर तक ले जाने के लिए कोई साथ मे जरूर होना चाहिए।
जिस जगह पर इलेक्ट्रोड लगाए गए थे, कभी-कभी उस जगह पर त्वचा में जलन या लालिमा पैदा हो सकती है। परंतु, यह कुछ घंटों में अपने आप ठीक हो जाता है।
ईईजी द्वारा मस्तिष्क के तरंग पैटर्न का पता चलता है। यह ईईजी परीक्षण दो प्रकार के परिणाम दे सकता है:
सामान्य - सामान्य परिणाम का मतलब है कि परीक्षण के दौरान दौरे या अन्य असामान्य तरंग पैटर्न नहीं आया है। हालाँकि, यदि किसी मरीज को दौरे या मिर्गी का इतिहास रहा है तो भी सामान्य परिणाम आ सकता है। [2]
असामान्य परिणाम - ईईजी पर असामान्य पैटर्न आने के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जिनमे शामिल है:
अत्यधिक शराब का सेवन करना या मादक द्रव्यों के सेवन संबंधी विकार (नशीली दवाओं का दुरुपयोग)।
मस्तिष्क में रक्तस्राव
मस्तिष्क में सूजन
मस्तिष्क का ट्यूमर
सिर पर चोट
माइग्रेन
मिर्गी जैसा दौरा विकार
स्लीप एपनिया या नार्कोलेप्सी जैसे नींद संबंधी विकार
स्ट्रोक
यदिरिपोर्टमेंईईजी परीक्षण के असामान्य परिणाम आते हैं, तो डॉक्टरमरीज को न्यूरोलॉजिस्ट जैसे किसी विशेषज्ञ के पास भेज सकता है। मस्तिष्क विशेषज्ञ मरीज की स्थिति का निदानऔर उपचार का प्रबंधन करते है। [3]
उपचार की योजना मरीज के निदान पर निर्धारित की जाती है। अलग-अलग बीमारियों मे अलग-अलग योजना बनाई जाती है जैसे उदाहरण के तौर पर:
मिर्गी का इलाज एंटीपीलेप्टिक दवाओं, आहार और सर्जरी से किया जा सकता है।[6]
नींद संबंधी बीमारियों मे जीवन शैली मे संशोधन, नींद की दवा, संज्ञानात्मक व्यावहारजन्य चिकित्सा, और लाइट थेरपी आदि दी जा सकती है।
ईईजी एक बहुत सुरक्षित परीक्षण है। इसका आमतौर पर परीक्षण के दुष्प्रभाव नहीं होता है। हालाँकि, कुछ लोग ये अनुभव कर सकते है:
गहरी सांस लेने कि वजह से परीक्षण के दौरान कुछ लोगों को चक्कर आ सकता है।
मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति को दौरे का अनुभव हो सकता है, खासकर जब वह चमकती रोशनी या अन्य विभिन्न उत्तेजना के प्रयोग होता है।
ईईजी टेस्ट कि कीमत ₹ १४०० से ₹ २८०० के बीच होती है। यह कीमत निम्न कारकों पर निर्भर करती है:
टेस्ट की कीमत अलग-अलग शहरों में अलग हो सकती है।
यह मरीज के चिकित्सा बीमा प्लान पर भी निर्भर होती है।
इसके सिवा भिन्न क्षेत्र के अस्पताल मे भी भिन्न हो सकती है। ज्यादातर, प्राइवेट अस्पताल मे सरकारी अस्पताल की तुलना मे टेस्ट की कीमत ज्यादा होती है।
टेस्ट | कीमत |
ईईजी टेस्ट | ₹ १४०० से ₹ २८०० |
ईईजी परीक्षण मस्तिष्क की तरंगों को मापता है। अगर मस्तिष्क के कोशिका संचार मे कोई समस्या होती है तो इस परीक्षण द्वारा असामान्य मस्तिष्क गतिविधि का संकेत मिल सकता है। इस तरह यह मस्तिष्क संबंधी समस्याओं जैसे मिर्गी, ब्रेन ट्यूमर या स्ट्रोक आदि का निदान करने मे मदद करता है।
परीक्षण के आसमान्य परिणाम आने के बाद आप अगर किसी विशेषज्ञ से बात करना चाहते है तो आज ही HexaHealthकीपर्सनलकेयरटीमसेसंपर्ककरें।हमारे विशेषज्ञ आपके सारे सवालों का जवाब देंगे। ईईजी परीक्षणकेबारेमे जानने केलिएआपहमारीवेबसाइटपरभीजासकतेहैं।
MPV Blood Test in Hindi | HCT Blood Test in Hindi |
CBC Test in Hindi | CA 125 Test in Hindi |
ईईजी टेस्ट मस्तिष्क के विद्युत संकेतों को मापता है और रिकॉर्ड करता है। इसका मतलब है कि यह मस्तिष्क की गतिविधियों को अध्ययन करने की एक प्रक्रिया है। अगर मस्तिष्क की तरंगों गतिविधि में कोई असामान्यता है, तो तुरंत इस टेस्ट द्वारा पता लगाया जा सकता है। यह विभिन्न मस्तिष्क संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे मिर्गी, स्लीप डिसॉर्डर्स आदि के निदान और उपचार में मदद कर सकता है।
ईईजी टेस्ट का उपयोग अक्सर मिर्गी के निदान के लिए किया जाता है। लेकिन, इसका उपयोग निम्न समास्यों के निदान मे भी किया जा सकता है:
सिर की चोटों
मस्तिष्क ट्यूमर
स्ट्रोक
संक्रमण
ईईजी टेस्ट कि कीमत ₹ १४०० से ₹ २८०० के बीच होती है। यह अलग-अलग शहरों में अलग हो सकती है। इसके अलावा यह मरीज के चिकित्सा बीमा प्लान पर भी निर्भर करता है।
ईईजीटेस्ट मे मरीज कि खोपड़ी पर इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं। इलेक्ट्रोड को अपनी जगह पर मजबूती से चिपकाने और रिकॉर्डिंग को बेहतर बनाने में मदद के लिए एक जेल से चिपकाया जाता है। इसके बाद टेकनीशियन आराम से बिस्तर पर लिटाकर चुपचाप रहने कि हिदायत देते हैं। इस टेस्ट मे गतिविधि को रिकार्ड करने के लिए वे मरीज को चमकती रोशनी कि तरफ देखने को भी कह सकते हैं। एक ईईजी को पूरा होने में आमतौर पर ३० से ६० मिनट लगते हैं।
ईईजी टेस्ट कि तैयारी के लिए निम्न बातो का ध्यान रखे:
ईईजी परीक्षण से एक रात पहले अपने बाल धो लें और कंडीशनर या स्टाइलिंग उत्पाद का उपयोग न करें।
परीक्षण से आठ घंटे पहले तक कैफीन युक्त भोजन या पेय का सेवन न करें।
ईईजी एक परीक्षण है जिसका उपयोग मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि को मापने के लिए किया जाता है। इसके लिए मरीज कि खोपड़ी के ऊपर ज्यादातर पूरे सिर पर कई इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं।
ईईजी टेस्ट मे कितना समय लगता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि टेस्ट का उद्देश्य क्या है? इस टेस्ट की आवश्यकता क्यों है? कुछ विशेष टेस्ट, जैसे कि नॉक्टर्नल ईईजी (EEG) टेस्ट या लॉंग-टर्म मॉनिटरिंग के लिए, कुछ ज्यादा समय लग सकता है। ज्यादातर स्थिति मे
नियमित ईईजी स्कैन लगभग २३ मिनट में हो जाता है।
परोलोंगड (लंबे समय तक चलने वाला) ईईजी परीक्षणको अक्सर १ घंटा १५ मिनट लगते हैं।
ईईजी टेस्ट के दौरान मरीज को निम्न चीजों का पालन करना चाहिए:
प्रक्रिया के समय आरामदायक और बारीक कपड़े पहने ताकि मरीज का मन शांत रहता है और सुकून बना रहेगा।
टेस्ट के पूर्व कैफीन और अन्य इंटॉक्सिकेटिंग पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इन पदार्थों का सेवन टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
प्रक्रिया के दौरान चुपचाप रहना चाहिए और बिल्कुल हिलना नहीं चाहिए। किसी भी तरह की उत्तेजना मस्तिष्क कि तरंगों को प्रभावित कर सकती है। इससे रेककॉर्डिंग पर प्रभाव पड़ सकता है।
ईईजी द्वारा मस्तिष्क के तरंग पैटर्न का पता चलता है। ईईजी परीक्षण मे आसमान्य तरंग पैटर्न इस बात कि इशारा करता है कि कोई समस्या है जैसे:
नींद विकार
मस्तिष्क मे रक्तस्राव
टूमर
चोट
सूजन
संक्रमण, आदि
ईईजी टेस्ट के परिणाम को समझने के लिए सबसे पहले मस्तिष्क विशेषज्ञ, न्यूरोलोजिस्ट से रिपोर्ट के परिणाम कि विस्तार से चर्चा करनी चाहिए। इसमे निम्न जरूरी बाते होती है:
डॉक्टर ईईजी रिपोर्ट को पढ़कर मरीज को सही जानकारी और सलाह दे सकते हैं।
अगर कुछ आसमान्य गतिविधि का संकेत मिलता है तो चिकित्सक उचित सलाह देंगे।
ईईजीटेस्टकीप्राथमिकताएंऔरनियमावलीमेंइनबातोंकाध्यानरखनाचाहिए:
ईईजी परीक्षण से एक रात पहले बालों को अच्छी तरह धो कर साफ कर लेना चाहिए।
परीक्षण से पहले किसी प्रकार का उपवास नहीं करना है, परंतु ध्यान रहे कि परीक्षण से आठ घंटे पहले तक कैफीन युक्त भोजन या पेय का सेवन नहीं किया जाए।
मिर्गी से संबंधित दौरे की गतिविधि की जांच के लिए ईईजी सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसके अलावा यह मस्तिष्क से संबंधित स्थितियों की जाँच करने मे काम आता है। जैसे:
अल्जाइमर रोग या मनोभ्रंश
दिमागी चोट
संक्रमण
ट्यूमर आदि
ईईजी टेस्ट हर उम्र मे किया जा सकता है। बच्चों मे हिलने कि वजह से रिकार्ड करने मे मुश्किल पड़ सकती है, इसलिए उन्हे ईईजी परीक्षण से पहले नींद की दवाई देकर सुला दिया जाता है।
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