Toggle Location Modal

सिस्ट के लक्षण, कारण और इलाज | Cyst Meaning in Hindi

Medically Reviewed by
Dr. Aman Priya Khanna
Cyst Meaning In Hindi

हेक्साहेल्थ सुविधायें

विश्वस्त डॉक्टर और सर्वोच्च अस्पताल

विशेषज्ञ सर्जन के साथ परामर्श

आपके उपचार के दौरान व्यापक सहायता

WhatsApp Expert
Cyst Meaning In Hindi
Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna Written by Sangeeta Sharma

Book Consultation

अक्सर लोग जानना चाहते हैं कि हिंदी में सिस्ट का क्या अर्थ होता है? (cyst meaning in hindi) तो आइए इस लेख के माध्यम से हम पता लगाते  है कि सिस्ट क्या है और उसका हिन्दी में क्या अर्थ होता है? सिस्ट को हिन्दी में गाँठ या पुटटी कहा जाता है। यह गाँठ शरीर के किसी भी हिस्से मे  हो सकती है।

आइए इस लेख मे आगे पढ़ते हैं कि सिस्ट या गाँठ बनने से क्या होता है, इसका अर्थ क्या है? । इसके अलावा सिस्ट होने के लक्षण, प्रकार, कारण, निदान, रोकथाम, दवा, उपचार और अन्य महत्वपूर्ण विवरणों के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ते रहें।

रोग का नाम सिस्ट
लक्षण त्वचा पर गांठ, सूजन, दर्द या बेचैनी, मांसपेशियों में दर्द, लालपन
कारण संक्रमण, आनुवंशिकी, हार्मोनल असंतुलन, आघात या चोट, अवरोध, कैंसर
निदान अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई, बायोप्सी, रक्त परीक्षण
इलाज कौन करता है जनरल सर्जन
उपचार के विकल्प  घरेलू उपचार, दवा, चीरा और जल निकासी, एस्पिरेशन, एक्सिशन सर्जरी, लैप्रोस्कोपी, लैपरोटॉमी

सिस्ट का अर्थ क्या है?

सिस्ट एक प्रकार की गाँठ है जो शरीर के अंदर या बाहर (त्वचा के नीचे), किसी भी जगह पर हो सकती है। यह एक प्रकार की असामान्य थैली होती है जिसके चारों तरफ एक झिल्ली या परत होती है जो उसे आसपास के ऊतकों से अलग करती है। किसी भी ऊतक की इस बंद थैली को असामन्य इसलिए कहा गया है, क्योंकि यह सिस्ट आसपास के ऊतक से अलग होती है। सिस्ट आम तौर पर निम्नलिखित घटकों से बना होता है:

  1. द्रव
  2. वायु
  3. रक्त
  4. ऊतक
  5. बाल
  6. हड्डी
  7. मवाद (जो ज्यादातर फोड़ा बन जाता है)
  8. अन्य सामग्री जैसे कोई बाहरी वस्तु (फ़ोरन ऑब्जेक्ट)

अधिकांश सिस्ट बिनाइन यानि कि कैंसर नहीं होते हैं, परंतु यह भी सोचने योग्य तथ्य है कि यदि कुछ तरह के सिस्ट को अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो बिनाइन सिस्ट रक्त विषाक्तता सहित कई गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकते हैं।

सिस्ट के प्रकार

सिस्ट ऐसी उभार या गांठ हैं जो अक्सर तब पता चलती है, जब कोई व्यक्ति आइयने में देखता है या बैठते, उठते वक्त या कपड़े पहनते समय इसे महसूस करता है। इनमें से कई प्रकार की सिस्ट गंभीर नहीं होती हैं, और कुछ सर्जरी के बिना भी ठीक हो जाते हैं।

सिस्ट के कुछ सामान्य प्रकारों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. मुँहासे सिस्ट: सिस्टिक मुँहासे सबसे गंभीर प्रकार के मुहासे होता है। मुहांसे के सिस्ट मवाद से भरे होते हैं और अक्सर काफी दर्दनाक होते हैं। इन सिस्ट की वजह से निशान पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। 
  2. अरेक्नोइड सिस्ट (Arachnoid): अरेक्नोइड सिस्ट मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी और अरेक्नोइड झिल्ली के बीच विकसित होते हैं। इन सिस्ट में सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड भरा होता है। अरेक्नोइड झिल्ली मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को ढकतीहै।यह सिस्ट दो प्रकार के होती है: 
    1. प्राथमिक अरेक्नोइड सिस्ट: ये जन्म के समय मौजूद होते हैं जिसमे मस्तिष्क के विकास के दौरान सेरेब्रोस्पाइनल तरल पदार्थ की एक असामान्य जेब (पॉकेट) बन जाती है।
    2. माध्यमिक अरेक्नोइड सिस्ट: ये सिस्ट प्राथमिक सिस्ट के समान सामान्य नहीं हैं परंतु सिर की चोट, मैनिंजाइटिस, ट्यूमर, या मस्तिष्क शल्य चिकित्सा की जटिलता के परिणामस्वरूप विकसित हो सकते हैं। 
  3. बेकर की पुटटी  (baker’s सिस्ट): बेकर पुटटी को पॉप्लिटियल सिस्ट या सिनोवियल सिस्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह सिस्ट  एक ऐसी गांठ होती है जो घुटने के पीछे बनती है और इसमे नरम, तरल पदार्थ होता है। जब घुटना क्षतिग्रस्त हो जाता है तब घुटने के जोड़ से बहने वाले तरल पदार्थ के परिणामस्वरूप, ये पॉप्लिटेल सिस्ट उत्पन्न होते हैं। घुटने के जोड़ में या उसके आसपास किसी प्रकार की क्षति हो जाती हैं, तो घुटना अतिरिक्त तरल पदार्थ पैदा करने लगता है जो केवल एक तरफ बह सकता है और इसी प्रक्रिया में यह घुटने के पीछे एक पुटटी बनाता है।
  4. बार्थोलिन सिस्ट: बार्थोलिन ग्रंथिया दो छोटी ग्रंथियां हैं जो ऐसा द्रव उत्पन्न करती हैं जो योनि को चिकना रखने में मदद करती हैं। अगर इन ग्रंथियों मे अवरोध उत्पन्न हो जाए, तब बार्थोलिन सिस्ट या वुल्वर सिस्ट विकसित होता है। इस गाँठ की वजह से चलते वक़्त, बैठते समय और संभोग के समय दर्द का अनुभव हो सकता है। बार्थोलिन सिस्ट समय के साथ अपने-आप ठीक हो जाते हैं, परंतु अगर यह संक्रमित हो जाता है, तो चिकित्सक से तुरंत मिलना चाइए।
  5. स्तन पुटटी (ब्रेस्ट सिस्ट): स्तन सिस्ट आमतौर पर महिलाओं में बच्चे पैदा करने के वर्षों में अक्सर हार्मोनल असंतुलन की वजह से हो जाते है। यह स्तन पुटटी तरल पदार्थ से भरी थैली होती है जो अधिकांश मामलों में कैंसर नहीं होता है। जब एक खाली दूध ग्रंथि द्रव से भर जाती है, तब यह विकसित होती है। कुछ सिस्ट बहुत छोटे होते हैं, जबकि अन्य कई इंच तक बड़े होते हैं जिससे असहजता महसूस की जा सकती है। 
  6. नाड़ीग्रन्थि पुटटी (गैंगग्लीअन सिस्ट): नाड़ीग्रन्थि पुटटी (बहुवचन: गैंग्लिया) द्रव से भरी, त्वचा के ठीक नीचे पाई जाने वाली एक छोटी सी गांठ होती है। ज्यादातर गैन्ग्लिया एक जोड़ जैसे कलाई, उंगली या पैर के करीब बनते हैं। आमतौर पर नाड़ीग्रन्थि पुटटी की वजह से कोई तकलीफ नहीं होती है और अक्सर यह नाड़ीग्रंथि पुटटी अपनेआप ही गायब हो जाती हैं।
  7. एपिडर्मॉइड सिस्ट: एपीड़ेरमॉइड सिस्ट का गठन तब होता है जब सतह की त्वचा कोशिकाएं त्वचा में गहराई तक जाती हैं और गुणा करती हैं। ये कोशिकाएं पुटटी की दीवार बनाती हैं और केराटिन नामक एक नरम, पीले पदार्थ का स्राव करती हैं, जिससे पुटटी भर जाती है।
  8. सेबेशियस सिस्ट: त्वचा की ग्रंथियों के अंदर सीबम नामक एक तैलीय पदार्थ का स्राव होता हैं। जब सामान्य ग्रंथि स्राव किसी अवरोध की वजह से फंस जाते हैं, तो वे एक मोटी, चीज़ जैसी पदार्थ से भरी थैली में विकसित हो सकते हैं, जिसे सेबेशियस सिस्ट  कहते हैं। ज्यादातर यह गर्दन के पिछले भाग, ऊपरी पीठ और खोपड़ी पर अक्सर पाए जाते हैं।
  9. डिम्बग्रंथि सिस्ट: डिम्बग्रंथि सिस्ट का गठन तब होता है जब एक डिम्बग्रंथि कूप उसके अंडे को मुक्त नहीं करता है, जिसकी वजह से अंडाशय पर एक पुटटी बन जाती है। ये सिस्ट हानिकारक नहीं होते हैं और आमतौर पर दो से तीन महीने के बाद गायब हो जाते हैं।
  10. गुर्दा पुटटी (रीनल सिस्ट): गुर्दे मे दो तरह की पुटटी मिलती है:
    1. सॉलिटरी सिस्ट (सिम्पल सिस्ट) सबसे आम प्रकार हैं जो कि द्रव से भरे पाउच के रूप में दिखाई देते हैं। आमतौर पर इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं। 
    2. पॉलीसिस्टिक किडनी रोग में काफी सारी सिस्ट होती हैं और ज्यादातर हेरेडिटोरी होता है।  पॉलीसिस्टिक किडनी रोग अक्सर उच्च रक्तचाप का और गुर्दे की विफलता का कारण बन सकता है।

आप इसे भी पढ़ सकते हैं: Cyst

सिस्ट के लक्षण

बहुत सारे छोटे सिस्ट बिना किसी लक्षण या संकेत के शरीर में विकासित होते हैं, लेकिन कभी-कभी सिस्ट को त्वचा में मौजूद एक गांठ की तरह महसूस किया जा सकता है। आंतरिक अंगों से जुड़े सिस्ट छोटे होने पर कोई लक्षण पैदा नहीं करते हैं, पर अगर सिस्ट बड़े हो जाते हैं और अन्य अंगों पर दबाव डालते हैं, तो उन अंगों से संबंधित लक्षण विकसित हो सकते हैं।

किसी भी पुटटी के लक्षण इस बात पर निर्भर करते है कि वह किस स्थान पर है।

  1. सबसे सामान्य लक्षण है कि पुटटी जिस जगह है उस क्षेत्र के आसपास सूजन हो सकती है।
  2. पुटटी दर्दनाक हो भी सकती है और नहीं भी।
  3. अगर गुर्दे में पॉलीसिस्टिक किडनी रोग है, तो मरीज़ को उच्च रक्तचाप या फिर गुर्दे की विफलता का सामना करना पड़ सकता है।
  4. नाड़ीग्रन्थि पुटटी मे त्वचा के नीचे गाँठ होती है, जो अपने-आप ठीक हो जाती है। कुछ लोगों में मांसपेशियों में दर्द या झुनझुनी /सनसनी महसूस हो सकता है। 
  5. बरथोलिन सिस्ट मे बेचैनी और दर्द रहना सामान्य है, और अगर संक्रमण हो जाए तो बुखार या ठंड लगना, क्षेत्र में सूजन, लालपन भी हो सकता है। 
  6. बेकर सिस्ट में घुटने के पीछे द्रव से भरी गांठ मे दर्द हो सकता है, उसकी वजह से अकड़न हो सकती है, घुटना मोड़ने मे तकलीफ होती है, और पैर में सूजन भी हो सकती है। 
  7. कुछ छोटे डिम्बग्रंथि सिस्ट का अक्सर कोई लक्षण नहीं होता है। इन मामलों में, पता भी नहीं चलता है कि महिला को सिस्ट है। बड़े सिस्ट की वजह से पेल्विक दर्द या पीठ में हल्का दर्द, संभोग के दौरान दर्द (डिस्पेर्यूनिया) होना या फिर दर्दनाक मानसिक अवधि।

ज्यादातर पुटटी बिनाइन होती है और लक्षण भी ज्यादातर गंभीर नहीं होते हैं ।

विशेषज्ञ डॉक्टर (10)

Dr. Deepak Kumar Sinha
Hexa Partner
Hexa Partner

General Surgery,Proctology,Laparoscopic Surge...

19+ Years

Experience

99%

Recommended

Dr. Amit Narendra Maurya
Hexa Partner
Hexa Partner

General Surgery,Laparoscopic Surgery

12+ Years

Experience

99%

Recommended

एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पताल (10)

Ayushman Hospital And Health Service
JCI
NABH

Ayushman Hospital And Health Service

4.9/5(77 Ratings)
Sector 10, Dwarka, Delhi
Kulkarni Hospital, Andheri
JCI
NABH

Kulkarni Hospital, Andheri

4.9/5(88 Ratings)
Andheri West, Mumbai

सिस्ट के कारण

सिस्ट का अर्थ सही रूप से जानने के लिए, उसके कारण भी जानना जरूरी है। चलिए देखते है किस वजह से सिस्ट का गठन होता है। वैसे तो अधिकांश सिस्ट बिना किसी स्पष्ट कारण के बनते हैं, परंतु फिर भी, सिस्ट बनने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ ज्ञात कारण जिनमे निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. किसी कारणवश नलिकाएं (डक्ट्स) जिनसे द्रव का निर्माण होता है, वे अवरुद्ध हो जाए। 
  2. कोशिकाओं में दोष। 
  3. किसी भी चोट लगने के बाद सिस्ट बन सकती है । 
  4. एक परजीवी भी सिस्ट का कारण हो सकता है। 

सिस्ट के जोखिम कारक

पुटटी के सिस्ट बनने के कई जोखिम कारक हो सकते हैं, जिनके शरीर में उपस्थित होने की वजह से किसी भी व्यक्ति में पुटटी के विकास की प्रवृत्ति बढ़ सकती है, और इन कारकों में शामिल हैं:

  1. आनुवंशिक स्थितियां
  2. अंग के विकास के समय में किसी प्रकार का दोष
  3. संक्रमण
  4. ट्यूमर
  5. द्रव या तेल के प्रवाह में कोई रुकावट

सिस्ट की रोकथाम

सिस्ट के गठन को आमतौर पर रोका नहीं जा सकता। पर हाँ, रोकथाम के लिए कुछ प्रकार की सिस्ट में कुछ कदम उठाए जा सकते है जो इस प्रकार हैं:

  1. कुछ प्रकार की पुटटी के संक्रमण को रोका जा सकता है जैसे कि बारथोलिन पुटटी में अच्छी स्वच्छता प्रथाएं संक्रमण को रोकने में मदद कर सकती हैं, ताकि वह फोड़ा ना बन जाए। इसके अलावा सेक्स के दौरान कंडोम का उपयोग करके एसटीआई (यौन संचारित संक्रमण) के कारण सिस्ट विकसित होने के जोखिम को कम किया जा सकता है। 
  2. जहा तक डिम्बग्रंथि पुटटी का सवाल है, तो ज्यादातर जन्म नियंत्रण की गोलियाँ (हार्मोन पिल्स) हॉर्मोनल असंतुलन को ठीक करते हुए सिस्ट की पुनरावृत्ति को कम करती हैं और रोकथाम मे मदद करती है। 
  3. इन उपायों को अपनाकर सिस्टीक मुंहासे होने के जोखिम को कम कर सकते हैं:
    1. उठने के बाद, बिस्तर पर जाने से पहले और व्यायाम या पसीना आने के बाद चेहरा धोने के लिए कोमल फेशियल क्लींजर, और गुनगुने पानी का उपयोग करें।
    2. नॉन-कॉमेडोजेनिक (पानी आधारित) मेकअप और चेहरे के उत्पादों का प्रयोग करें।
    3. मेकअप को हटाकर ही सोएं। 
    4. हमेशा हाथों को चेहरे से दूर रखें और पिंपल्स को दबाए या फोड़ें नहीं।
    5. बालों को नियमित रूप से धोएं और बालों (जो तैलीय हो सकते हैं) को चेहरे से दूर रखें।
    6. ज्यादा चीनी और ज़्यादा डेयरी के बने आहार का अत्यधिक सेवन न करें। 
  4. बेकर सिस्ट को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है, घुटने की चोटों को रोकना। घुटने की सुरक्षा करते हुए चोट को रोकने के कुछ तरीकों निम्नलिखित हैं:
    1. उचित और आरामदायक जूते (फुटवियर) पहनना।
    2. मुड़ने के लिए घुटनों के बजाय पैरों का उपयोग करें।
    3. व्यायाम करने से पहले ठीक से वार्म अप करें।
    4. घुटने में अगर चोट लग जाए तो तुरंत ही बर्फ लगाना, आराम करना, और कम्प्रेशन रैप पहनना बहुत महत्वपूर्ण है। किसी भी घुटने की चोट के बारे में किसी भी डॉक्टर से बात करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सिस्ट की सही देखभाल हो रही है। 
  5. एपिडर्मॉइड सिस्ट को रोकने का कोई भी तरीका नहीं है। लेकिन इसके संक्रमण और बाद मे होने वाले दाग-धब्बों को रोक सकते हैं यदि इसे दबाया, फोड़ा, या जबरदस्ती काटा ना जाए।
  6. सिबेशियस पुटटी को रोकने के लिए खरोंचने या हिट/चोट के लगने से बचें। इसके अलावा मुंहासों का इलाज किसी त्वचा विशेषज्ञ से करवाएं और आराम पाए। 
  7. ब्रेस्ट सिस्ट, अरेक्नोइड सिस्ट, गैंगग्लीअन सिस्ट की रोकथाम नहीं की जा सकती है। 

सिस्ट का निदान

सिस्ट के निदान के लिए चिकित्सक मरीज का सम्पूर्ण मेडिकल इतिहास लेंगे और व्यापक रूप से परीक्षण करेंगे। कुछ सिस्ट जो शरीर पर बाहर होती हैं, आसानी से डॉक्टर द्वारा छू कर देख लिए जाते हैं, खासकर अगर सिस्ट त्वचा में या आसानी से महसूस होने वाले अंगों में स्थित होंती है। ओवेरियन सिस्ट के कारण श्रोणि के अंदर गांठ या परिवर्तन जानने के लिए पैल्विक परीक्षा की जाती है।

इसके सिवा चिकित्सक कई तरह के इमेजिंग अध्ययन की सलाह देते है जो सिस्ट के बारे मे काफी जानकारी देते हैं जैसे:

  1. अल्ट्रासाउंड: यह इमेजिंग प्रक्रिया से शरीर के आंतरिक अंगों की छवियां बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। इससे अंडाशय पर सिस्ट का आसानी से पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा इस प्रक्रिया से पता चलता है, कि गांठ के अंदर की सामग्री क्या है, गाँठ ठोस है या उसमे तरल पदार्थ है। 
  2. एमआरआई: एक एमआरआई शरीर के अंदर के विस्तृत चित्र दिखाने के लिए एक्स-रे के बजाय चुंबकीय तरंगों का उपयोग करता है। यह परीक्षण सिस्ट के कारण के बारे में और भी अधिक जानकारी दे सकता है। इसके अलावा द्रव से भरे एरेक्नोइड सिस्ट को अन्य प्रकार के सिस्ट से अलग करने में मदद करता है। 
  3. एक्सरे: बेकर सिस्ट और नाड़ीग्रन्थि पुटटी में जोड़ और उसके आसपास की स्थिति का आकलन करने में मदद करता है। 
  4. कैट स्कैन: यह स्कैन तब किया जाता है जब पुटटी को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। सीटी स्कैन पुटटी का स्थान, (यानि कहाँ पर है) और आकार दिखाता है। इसके अलावा सी टी स्कैन के द्वारा किसी भी पुटटी के वास्तविक घनत्व का पता लगाया जा सकता है।

इसके अलावा सभी असामान्य गांठों की जांच की जानी चाहिए क्योंकि दुर्लभ ही सही, पर कुछ सिस्ट कैंसरस होते हैं और शुरुआती उपचार महत्वपूर्ण होता है। 

  1. बायोप्सी: पुटटी से बहुत कम मात्रा में ऊतक का नमूना लिया जाता है और कैंसर के संकेतों की जांच की जाती है। 

डॉक्टर के परामर्श की तैयारी कैसे करें?

डॉक्टर से परामर्श करने से पहले ही तेयारी कर ले और इन बातों का ध्यान रखें: 

  1. एक सूची बनाएं और सारी तकलीफों को लिख ले ताकि परामर्श करते वक़्त मरीज कुछ भी नहीं भूले। 
  2. डॉक्टर से सारी जानकारी साझा करें। 
  3. डॉक्टर से मिलने के लिए परिवार के किसी सदस्य या मित्र को लेके जाएं। 
  4. डॉक्टर से क्या उम्मीद करें? मरीज एक डॉक्टर से निम्नलिखित चीजों की उम्मीद कर सकते हैं:
    1. चिकित्सक मरीज की तकलीफों से शुरुआत करते हुए उनके मेडिकल इतिहास के बारे मे पूछेंगे। 
    2. तत्पश्चात वे बारीकी से शरीर मे अगर सिस्ट बाहर है तो छूकर परीक्षण करेंगे, अन्यथा टेस्टस के माध्यम से पता लगाएंगे कि कैंसर का कोई संकेत तो नहीं है। 
  5. डॉक्टर से कौन से सवाल पूछने चाहिए?
    डॉक्टर से सिस्ट के हिसाब से निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकते हैं, उदाहरण के तौर पर अगर मुहासे सिस्ट है तो ये प्रश्न पूछ सकते हैं:
    1. मेरे इन सिस्टिक मुँहासे का क्या कारण हो सकता है?
    2. सबसे अच्छा सिस्टिक मुँहासे का उपचार क्या है?
    3. क्या उपचार के दुष्प्रभाव भी हैं? और अगर हैं तो क्या हैं?
    4. मैं एक्ने सिस्ट होने की संभावना को कैसे कम कर सकता हूँ?
    5. मैं जटिलताओं को कैसे रोक सकता हूँ? 

यानि कि अच्छी तरह से सिस्ट के होने का कारण, निदान, उपचार, रोकथाम, और उपचार से जुड़ी जटिलताओ पर डॉक्टर से बातचीत करें। 

सिस्ट के उपचार

सिस्ट (cyst meaning in Hindi) का उपचार उसके प्रकार पर निर्भर करता है। कई सिस्ट सौम्य (बिनाइन) होते हैं और उन्हे किसी भी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।

अक्सर उपचार की जरूरत कुछ प्रकार की सिस्ट में तब पड़ती है जब:

  1. सिस्ट दर्दनाक हो यानि इसमे दर्द होता है या दर्द बढ़ जाता है। 
  2. अगर पुटटी कुछ गतिविधियों या सामान्य कार्यों को करना कठिन बना देता है, जैसे चलना- फिरना (बेकर सिस्ट) या पेंसिल पकड़ना (गैंगग्लीअन सिस्ट) मुश्किल हो जाए। 
  3. पुटटी का आकार बढ़ जाए तो यह आसपास के उत्तक पर दबाव डाल सकता है। 
  4. यदि पुटटी में संक्रमण हो जाए।
  5. कॉस्मेटिक कारणवश अगर व्यक्ति संकोच महसूस करे। 

सिस्ट के उपचार के दो विकल्प हो सकते हैं: 

  1. बिना सर्जरी सिस्ट का इलाज
  2. सर्जरी के साथ सिस्ट का इलाज

बिना सर्जरी सिस्ट का इलाज

आमतौर पर सिस्ट का उपचार नॉन-सर्जिकल विकल्पों से शुरू होता है जिसमे शामिल हैं:

  1. दवाइयाँ
    1. सूजन को कम करने वाली एंटी-इन्फ्लैमटोरी दवाये असुविधा और लालिमा को कम कर सकती हैं।
    2. एंटीबायोटिक्स: यदि पुटटी में संक्रमण हो जाता है या परीक्षण से यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के बारे में पता चलता है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लिख सकता है।
    3. हॉर्मोनल दवाये: ओव्यूलेशन को रोकने और भविष्य में डिम्बग्रंथि पुटटी बनने से रोकने के लिए हार्मोन युक्त दवाएं (जैसे जन्म नियंत्रण की गोलियाँ) दी जाती हैं। 
  2. जीवन शैली में बदलाव: कुछ प्रकार की सिस्ट में इस बदलाव की काफी उपयोग्ता होती है जैसे:
    1. बेकर पुटटी में उपयोगी टिप्स: 
      1. शरीर के वजन को अत्यधिक बढ़ने नहीं देना है, ताकि जोड़ों पर कम दबाव पड़े।
      2. दर्द हो तो आराम करें, ऐसी गतिविधियों से बचना चाइए जो घुटने पर दबाव डालती हैं जैसे जॉगिंग करना। 
      3. चलते समय बैसाखी या बेंत का प्रयोग करें या फिज़ीओथेरपी चिकित्सा का सहारा लें। 
    2. डिम्बग्रंथि पुटटी ज्यादातर अधिक वजन की तकलीफ से जुड़ी होती है, वजन कम करने से हॉर्मोनल असंतुलन नियंत्रित किया जा सकता है। इसी वजह से संतुलित आहार जिसमे फल, हरी सब्जियां, प्रोटीन होते हैं, उनका सेवन करना चाहिए। इसके अलावा भरपूर मात्रा में पानी भी पीना चाहिए। 

सर्जरी के साथ सिस्ट का इलाज

​​​​जब नॉन-सर्जिकल विकल्प का असर न हो और सिस्ट की तकलीफ बनी हुई है तो सर्जिकल विकल्प का सहारा लिया जाता है: 

  1. ऐस्परैशन: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जहां डॉक्टर पुटटी के अंदर से तरल पदार्थ निकालने के लिए सुई का उपयोग करता है जिससे तुरंत ही सिस्ट की तकलीफ से राहत मिलती है और मरीज बेहतर महसूस करने लगते हैं। क्योंकि यह उपचार केवल द्रव को निकालता है न कि पूरे पुटटी को, इसलिए संभव है कि लक्षण वापस आ सकते हैं। 
  2. सर्जिकल ड्रेनिंग: यदि सिस्ट बड़ी और संक्रमित है, तो तरल पदार्थ निकालने के लिए सर्जरी करके चीर लगा के कैथेटर नामक एक छोटी ट्यूब से पुटटी को ड्रैन किया जा सकता है।   
  3. सर्जिकल एक्सिज़्न: पुटटी और उसके आसपास की सामान्य त्वचा के एक छोटे से हिस्से को सर्जरी करके पूरा निकाल दिया जाता है
  4. लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: कुछ सिस्ट जैसे ओवेरियन सिस्ट को लैप्रोस्कोपिक सर्जरी द्वारा हटाया जा सकता है। इस सर्जरी में, एक लैप्रोस्कोप (एक छोटा, ट्यूब के आकार का माइक्रोस्कोप जिसके सिरे पर रोशनी होती है) को पेट में डाला जाता है ताकि सर्जन आंतरिक अंगों को देख सके। इसके बाद सर्जन त्वचा में छोटे-छोटे कट लगाकर सिस्ट को हटा देता है। पुटी को हटा दिए जाने के बाद, घुलनशील टांके का उपयोग करके कटौती को बंद कर दिया जाएगा। 

सिस्ट (cyst meaning in Hindi) के कुछ लक्षण से घरेलू उपचार के माध्यम से राहत पा सकते हैं- 

  1. सिस्ट को दबा के फोड़ने की कोशिश ना करें, इससे सिस्ट में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। 
  2. अच्छी स्वच्छता प्रथाएं एक फोड़ा बनने से पहले पुटटी के संक्रमण को रोकने में मदद कर सकती हैं।

सुचना: उपचार का तरीका और प्रक्रियाओं का चयन रोगी की स्वास्थ्य स्थिति और इलाज करने वाले डॉक्टर की राय पर निर्भर करता है।

सर्जरी का नाम सर्जरी की लागत
ऐस्परैशन ₹८,००० से ₹१५,००० 
सर्जिकल ड्रेनिंग ₹४,००० से ₹१६,००० 
सर्जिकल एक्सिज़्न ₹१॰,००० से ₹५॰,०००
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी ₹६॰,००० से ₹१,००,००० 

सिस्ट की जटिलताए

ज्यादातर पुटटी अपनेआप ठीक हो जाती है, परंतु कोई भी चीज जो सामान्य नहीं है, उसका एक बार डॉक्टर से खुद की तसल्ली के लिए परीक्षण जरूर कराना चाहिए, क्योंकि कभी-कभी सामान्य दिखने वाली पुटटी जातिलताये पैदा कर सकती है।

पुटटी की वजह से कभी- कभी कुछ ऐसे लक्षण पैदा हो जाते है, जो किसी गंभीर हालत की तरफ इशारा कर सकते है और उन्हे अनदेखा नहीं करना चाहिए, जैसे कि:

  1. दर्द और बढ़ जाता है जो कि दर्शाता है कि पुटटी में संक्रमण और सूजन स्थापित हो गई है। 
  2. सिस्ट का आकार बढ़ जाता है, और आसपास के उत्तक और अंगों पर दबाव दल कर अंग संबंधित तकलीफ़े पैदा कर सकता है।
  3. पुटटी फट सकती है, और पुटटी के अंदर की सारी सामग्री बाहर आकर रक्त विषाक्तता की स्तिथि उत्पन्न कर सकती है। 
  4. इसके अलावा डिम्बग्रंथि पुटटी के साथ इन जटिलताओ का सामना करना पड़ सकता है: 
    1. पुटटी में कैंसर परिवर्तन: रजोनिवृत्ति (मेनोपाज़) के बाद विकसित होने वाले ओवेरियन सिस्ट में मेनोपॉज से पहले बनने वाले सिस्ट की तुलना में कैंसर होने की अधिक संभावना होती है।
    2. डिम्बग्रंथि पुटटी का फट जाना: वैसे तो सिस्ट के फटने के बाद आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होता है। लेकिन कभी-कभी, एक फटी हुई पुटटी पेट में गंभीर दर्द और सूजन का कारण बन सकती है। यह जितना बड़ा होता है, इसके टूटने की संभावना उतनी ही अधिक होती है।
    3. डिम्बग्रंथि मे मरोड़ आना: सिस्ट इतने बड़े हो सकते हैं कि वे आपके अंडाशय के आकार को विकृत कर देते हैं, जिससे इसके मुड़ने की संभावना बढ़ जाती है। घुमाव की वजह से अंडाशय में रक्त के प्रवाह रुक सकता है, जिससे यह मर सकता है। अत्यधिक दर्द, मतली और उल्टी डिम्बग्रंथि मे मरोड़ के लक्षण हैं। 
  5. तरल पदार्थ एक बार निकालने के बाद वापस आ सकता है।

  6. जिन लोगों को मुहासे सिस्ट की तकलीफ है, उन्मे त्वचा के साफ हो जाने के बाद पिगमेंट में बदलाव के कारण हल्के या गहरे धब्बे मुहांसे वाली जगह पर विकसित हो जाते हैं। 

समय पर इलाज नहीं किया तो जोखिम?

यदि सिस्ट को अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो सौम्य (बिनाइन) सिस्ट गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकते हैं जिनमें शामिल हैं:

  1. संक्रमण: पुटटी बैक्टीरिया और मवाद से भरकर एक फोड़ा बन जाती है। यदि यह फोड़ा शरीर के अंदर फूट जाए तो रक्त विषाक्तता (सेप्टीसीमिया) होने का खतरा रहता है।
  2. पेरिटोनिटिस: यदि एक आंतरिक पुटटी फट जाती है, तो पेरिटोनिटिस (पेट के अंदर की झिल्ली की सूजन) का खतरा होता है। 

आहार का खास महत्व नहीं है, बस सम्पूर्ण विटामिन और खनीज से भरपूर आहार का सेवन करें और स्वस्थ रहें। 

डॉक्टर को कब देखना है?

वैसे तो अधिकतर सिस्ट बिना उपचार के ठीक हो जाती है, पर ऊपर बताये गए संकेत जैसे दर्द बढ़ना, या सिस्ट के आकार का बढ़ना संकेत है कि बिना देर किए डॉक्टर से मिलें। 

सिस्ट के लिए आहार

सिस्ट की रोकथाम के लिए आहार का इतना महत्व नहीं है, हालांकि कुछ प्रकार का आहार वजन को कम करने में मदद करके हॉर्मोन असंतुलन को नियंत्रित करते हैं, जो कि डिंबग्रंथि पुटटी मे मददगार साबित होता है। हमेशा संतुलित आहार जिसमे फल, हरी सब्जियां, प्रोटीन होते हैं, उनका सेवन करना चाहिए। इसके अलावा भरपूर मात्रा में पानी भी पीना चाहिए। इस तरह का आहार बेकर सिस्ट में वजन का ध्यान रखने में भी लाभकारी है। 

इसके अलावा शर्करा और डेयरी में उच्च आहार जिसका उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, मुहासे पुटटी के फ्लेयर्स में योगदान दे सकता है, इसलिए आहार में इनका सेवन कम मात्रा में करे। 

निष्कर्ष

सिस्ट तरल पदार्थ के असामान्य थैली होते हैं जो शरीर में कहीं भी बन सकते हैं। ज्यादातर पुटटी के कोई लक्षण नहीं होते है, परंतु इससे जुड़ी जटिलताओ से बचने के लिए इसका डॉक्टर द्वारा परीक्षण कराए, क्योंकि कभी-कभी यदि कुछ सिस्ट को अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाये तो सौम्य सिस्ट रक्त विषाक्तता सहित कई गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकते हैं। सर्जरी करके पुटटी को हटाना इसका सबसे आम उपचार है। 

अगर सिस्ट का होना चिंता का विषय बन गया है, तो देर ना करें, आज ही HexaHealth की पर्सनल केयर टीम से संपर्क करें और उचित मार्गदर्शन लें। HexaHealth के विशेषज्ञ पुटटी के बारे में विस्तार से चर्चा करके इसे प्रबंधित करने की सलाह देंगे और आपके सभी प्रश्नों को हल करेंगे। सिस्ट के उपचार के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए वेबसाइट पर भी जा सकते हैं। 

आप नीचे उल्लिखित लेख भी पढ़ सकते हैं:

Ovarian Cyst Surgery Liver Cysts
What is Cystolithotripsy? Open Cystolithotomy
Cystectomy Ovarian Cyst

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

सिस्ट एक प्रकार की गाँठ है जो शरीर के अंदर या बाहर किसी भी जगह पर हो सकती है, और उस पर लक्षण निर्भर करते हैं। यह एक प्रकार की असामान्य थैली होती है जिसके चारों तरफ एक झिल्ली होती है और उसमे द्रव, वायु, हड्डी, या उत्तक भरा हो सकता है।
WhatsApp
किसी भी पुटटी के लक्षण इस बात पर निर्भर करते है कि वह किस स्थान पर है - शरीर के अंदर है या बाहर है। जिस स्थान पर सिस्ट है ज्यादातर उस क्षेत्र के आसपास सूजन हो सकती है। कभी-कभी अगर संक्रमण हो जाए तो यह  दर्दनाक हो भी सकती है।
WhatsApp
अधिकतर मामलों में सिस्ट बिना किसी स्पष्ट कारण के बनते हैं। फिर भी सिस्ट के कुछ ज्ञात कारणों में शामिल हैं- अवरुद्ध नलिकाएं (डक्ट्स), कोशिकाओं में दोष या किसी भी चोट की वजह से सिस्ट बनना कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं।
WhatsApp
कई सिस्ट सौम्य (बिनाइन) होते हैं और उन्हे किसी भी उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। परंतु अगर सिस्ट का आकार बढ़ जाए या फिर दर्द का कारण बन जाए, तो सर्जरी के माध्यम से अंदर का तरल पदार्थ निकाल के सिस्ट को नष्ट किया जा सकता है। कभी-कभी सर्जरी से पूरे सिस्ट को हटाया जा सकता है।
WhatsApp
सिस्ट कई प्रकार के होते है जैसे - डिम्बग्रंथि सिस्ट, गुर्दा पुटटी, एपीड़ेरमॉइड सिस्ट, सिबेशस सिस्ट, अरकनॉइड सिस्ट, बेकर सिस्ट, नाड़ीग्रन्थि पुटटी (गैंगग्लीअन सिस्ट), स्तन (ब्रेस्ट) सिस्ट इत्यादि।
WhatsApp
छोटी सिस्ट आमतौर पर गर्भवती होने को कठिन नहीं बनाते हैं। परंतु, पी सी ओ एस एक ऐसी स्थिति है जो अनियमित मासिक धर्म और बांझपन सहित अन्य हार्मोन संबंधी समस्याओं का कारण बनती है।
WhatsApp
अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, कैट स्कैन और एमआरआई जैसे इमेजिंग अध्ययन सिस्ट खोजने में बहुत उपयोगी होते हैं। इसके अलावा सभी असामान्य गांठों की जांच की जानी चाहिए क्योंकि कुछ सिस्ट कैंसरस हो सकते हैं।
WhatsApp
सिस्ट के गठन को आमतौर पर रोका नहीं जा सकता। पर हाँ,  इसके संक्रमण को रोका जा सकता है जैसे कि बारथोलिन पुटटी में अच्छी स्वच्छता प्रथाएं संक्रमण को रोकने में मदद कर सकती है ताकि वह फोड़ा ना बन जाए।
WhatsApp
सिस्ट बच्चों मे भी होता है। इसके सिवा डिम्बग्रंथि पुटटी तरुणावस्था मे और गर्भावस्था के समय पर अक्सर होती है। बाकी सिस्ट किसी को कभी भी चोट लगने के बाद किसी मे भी बन सकती हैं।
WhatsApp
डिम्बग्रंथि पुटटी महिला के अंडाशय पर या उसके अंदर विकसित होते हैं। सिस्ट कई प्रकार के होते हैं। सबसे आम प्रकार हानिरहित हैं, और कोई भी लक्षण पैदा नहीं करते हैं और अंततः उपचार के बिना चले जाते हैं।
WhatsApp
सिस्ट में अगर संक्रमण हो जाए तो यह परेशानी पैदा कर सकता है। इसके अलावा सिस्ट अगर शरीर के फट जाए तो गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकती है।
WhatsApp

सिस्ट से संबंधित कुछ मिथक हैं। 

  1. मिथक: सभी सिस्ट/गाँठ कैंसर होते हैं।
    तथ्य: ज्यादातर सिस्ट बिनाइन होते हैं, कैंसर नहीं होते हैं। 
  2. मिथक: डिम्बग्रंथि पुटटी हमेशा बहुत दर्दनाक होते हैं।
    तथ्य: कुछ छोटे सिस्ट का कोई लक्षण नहीं होता है। इन मामलों में, महिला को पता भी नहीं चलेगा कि उसे सिस्ट है।
WhatsApp

सन्दर्भ

हेक्साहेल्थ पर सभी लेख सत्यापित चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त स्रोतों द्वारा समर्थित हैं जैसे; विशेषज्ञ समीक्षित शैक्षिक शोध पत्र, अनुसंधान संस्थान और चिकित्सा पत्रिकाएँ। हमारे चिकित्सा समीक्षक सटीकता और प्रासंगिकता को प्राथमिकता देने के लिए लेखों के संदर्भों की भी जाँच करते हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी विस्तृत संपादकीय नीति देखें।


  1. Leib AD, Roshan A, Foris LA, Varacallo M. Baker's Cyst.link
  2. Frush TJ, Noyes FR. Baker’s cyst: diagnostic and surgical considerations. Sports Health. 2015 Jul;7(4):359-65.link
  3. Conforti C, Chello C, Giuffrida R, di Meo N, Zalaudek I, Dianzani C. An overview of treatment options for mild‐to‐moderate acne based on American Academy of Dermatology, European Academy of Dermatology and Venereology, and Italian Society of Dermatology and Venereology guidelines. Dermatologic theralink
  4. Thiboutot D, Gollnick H, Bettoli V, Dréno B, Kang S, Leyden JJ, Shalita AR, Lozada VT, Berson D, Finlay A, Goh CL. New insights into the management of acne: an update from the Global Alliance to Improve Outcomes in Acne group. Journal of the American Academy of Dermatology. 2009 May 1;60(5):S1-50.link
  5. Boerner S, Fornage BD, Singletary E, Sneige N. Ultrasound‐guided fine‐needle aspiration (FNA) of nonpalpable breast lesions: a review of 1885 FNA cases using the National Cancer Institute‐supported recommendations on the uniform approach to breast FNA. Cancer Cytopathology: Interdisciplinary Internalink

Last Updated on: 3 June 2023

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

Book Consultation

Latest Health Articles

get the appget the app