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जन्मजात मोतियाबिंद क्या है ? - जाने कारण, लक्षण, और इलाज

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Dr. Aman Priya Khanna
Congenital Cataract Cause Treatment in Hindi

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Congenital Cataract Cause Treatment in Hindi
Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna Written by Rajath R Prabhu

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जन्मजात मोतियाबिंद आंख से जुड़ा एक दुर्लभ जन्मजात विकार है, जिससे आंख से कम या धुंधलापन दिखाई दे सकता है। किसी बच्चे को जन्‍म से ही आंख की पुतली के आगे धुंधलापन आने को जन्मजात मोतियाबिंद या कंजेनिटल कैटरेक्ट कहा जाता है। तो आइये, इस आर्टिकल में हम जन्मजात मोतियाबिंद के बारे में विस्तार से जानते है।

मोतियाबिंद क्या है? 

मोतियाबिंद तब होता है, जब पीड़ित व्यक्ति की आंख का प्राकृतिक लेंस में क्लाउड बन जाता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के आंख की लेंस में प्रोटीन टूट जाते हैं और चीजें धुंधली या कम रंगीन दिखने लगती है। हमारी आंखों के अंदर एक प्राकृतिक लेंस होता है। लेंस हमें दृश्य देखने में मदद करने के लिए आंखों में आने वाली प्रकाश किरणों को रिफ्लेक्ट करता है। 

जन्मजात मोतियाबिंद क्या हैं?

जन्मजात मोतियाबिंद तब होता है जब जन्म के समय आंख का लेंस साफ होने के बजाय क्लाउड आ जाता है, जिससे पीड़ित बच्चे को देखना मुश्किल हो जाता है। लेंस आपकी आंख के अंदर का टिश्यू होते है, जो आपकी आंख में आने वाले प्रकाश को फोकस करने में मदद करता है। जन्मजात मोतियाबिंद एक या दोनों आंखों में हो सकता है। यदि जन्मजात मोतियाबिंद का जल्दी इलाज नहीं किया जाता है, तो आगे चलकर ये दृष्टि समस्याओं या अंधापन का कारण बन सकता है।

जन्मजात मोतियाबिंद के प्रकार 

जन्मजात मोतियाबिंद दो प्रकार के होते है:

  1. सिंड्रोमिक: यह तब होता है जब जन्मजात मोतियाबिंद अन्य जन्म दोष या स्वास्थ्य स्थितियों के साथ होता है। उदाहरण के लिए, जन्मजात मोतियाबिंद वाले कुछ बच्चों में डाउन सिंड्रोम भी होता है। डाउन सिंड्रोम ये एक जेनेटिक स्थिति है, जिसमें बौद्धिक और विकासात्मक अक्षमताओं, हृदय दोष, कुछ चेहरे की विशेषताओं, सुनने और दृष्टि समस्याओं जैसे जन्म दोषों का कॉम्बिनेशन शामिल होता है।
  2. नॉन-सिंड्रोमिक: यह तब होता है, जब जन्मजात मोतियाबिंद ही बच्चे की एकमात्र स्थिति होती है।बच्चों में जन्मजात मोतियाबिंद दुर्लभ है, लेकिन मोतियाबिंद किसी भी उम्र में हो सकता है। मोतियाबिंद आमतौर पर ५० साल या उससे अधिक उम्र के वयस्कों में ज्यादातर पाया जाता हैं। मोतियाबिंद अमेरिका में दृष्टि हानि का प्रमुख कारण बना है, लेकिन उनका इलाज शल्य चिकित्सा से किया जा सकता है।

जन्मजात मोतियाबिंद के लक्षण क्या हैं?

जब किसी बच्चे को जन्मजात मोतियाबिंद होता है तो ये लक्षण दिख सकते हैं: 

  1. आंख का केंद्र (पुतली) काले के बजाय ग्रे या सफेद दिखाई देता है। 
  2. पूरी पुतली को ऐसा लग सकता है कि वह किसी फिल्म से ढकी हुई है, या पुतली के भीतर एक सफेद धब्बा दिखाई दे सकता है।
  3. असामान्य रूप से आंखों का तेजी से हिलना, जिसे मेडिकल की भाषा में निष्टागमस कहा जाता है।

जन्मजात मोतियाबिंद का क्या कारण है?

जन्मजात मोतियाबिंद होने की कोई एक ठोस वजह अभी नहीं बता सकते, क्योंकि इस पर अभी भी शोध शुरू है, लेकिन अब तक किये गए शोध में निम्नलिखित कारणों को पाया गया हैं –

  1. जीन या क्रोमोसोम में बदलाव:
    1. कुछ बच्चों में उनके जीन में परिवर्तन (जिसे म्यूटेशन भी कहा जाता है) या उनके क्रोमोसोम में परिवर्तन के कारण जन्म दोष हो सकता है। 
    2. जीन आपके शरीर की कोशिकाओं का हिस्सा होते है, जो आपके शरीर के बढ़ने और काम करने के तरीके के लिए निर्देश इकट्ठा करते है। माता-पिता से बच्चों में जीन पारित किए जाते हैं। 
  2. गर्भावस्था के दौरान चोट लगना:
    1. गर्भावस्था के दौरान शारीरिक आघात गर्भ में बच्चे की आंखों को चोट पहुंचा सकता है और जन्मजात मोतियाबिंद का कारण बन सकता है। 
    2. गर्भवती महिला को कार दुर्घटना, अचानक गिरने या अंतरंग साथी द्वारा हिंसा (जिसे IPV भी कहा जाता है) होने से शारीरिक आघात हो सकता है। IPV शारीरिक हिंसा, यौन हिंसा के कारन नुकसान पहुंचा सकते है।
  3. समय से पहले जन्म:
    1. यह एक ऐसा स्थिती होती है जिसमे गर्भावस्था के ३७ सप्ताह से पहले बच्चे का जन्म होता है। अक्सर पाया गया है कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों की स्वास्थ्य समस्याएं अधिक होती हैं। 
  4. गर्भावस्था के दौरान हाइपोग्लाइसीमिया होना:
    1. यह तब होता है जब आपकी ब्लड शुगर लेवल (जिसे ग्लूकोज लेवल भी कहा जाता है) बहुत कम हो जाता है। 
    2. यदि आपको मधुमेह है जो नियंत्रण में नहीं है, तो आपको हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। 
    3. यदि आपको मधुमेह है, तो गर्भावस्था के दौरान अपनी स्थिति का प्रबंधन करने के लिए अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के साथ मिलकर काम करें।
  5. अन्य संक्रमण: अन्य संक्रमण जो जन्मजात मोतियाबिंद से जुड़े हो सकते हैं उनमें ये शामिल हैं:
    1. इन्फ्लुएंजा (जिसे फ्लू भी कहा जाता है)
    2. खसरा 
    3. पोलियो (जिसे पोलियोमाइलाइटिस भी कहा जाता है)  
    4. रूबेला (जिसे जर्मन खसरा भी कहते हैं)
    5. टोक्सोप्लाज़मोसिज़
    6. सिफलिस आदि संक्रमण शामिल हैं 
    7. परिवार में जन्मजात मोतियाबिंद 
    8. गैलेक्टोसिमिया 
    9. ट्राइसॉमी 13 

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जन्मजात मोतियाबिंद का इलाज कैसे किया जाता है?

जन्मजात मोतियाबिंद वाले बच्चों को बाल रोग विशेषज्ञ से शीघ्र और नियमित देखभाल की आवश्यकता होती है। प्रारंभिक उपचार महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दृष्टि हानि को रोक सकता है और बच्चे की आंखों को ठीक से विकसित करने में मदद कर सकता है। 

उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि मोतियाबिंद बच्चे की दृष्टि को प्रभावित करता है या नहीं। छोटे जन्मजात मोतियाबिंद वाले बच्चे जो उसकी दृष्टि को प्रभावित नहीं करते हैं, उन्हें बाल रोग विशेषज्ञ के साथ नियमित जांच की आवश्यकता हो सकती है, खासकर अगर मोतियाबिंद दोनों आंखों में हो। 

जन्मजात मोतियाबिंद के उपचार इस प्रकार हैं: 

  1. सर्जरी: जन्मजात मोतियाबिंद वाले अधिकांश बच्चों को सर्जरी की जरूरत होती है। जन्मजात मोतियाबिंद के पुष्टि होने के बाद,६ से ८ हफ्तों के अंदर सर्जरी की जा सकती है।  सर्जरी के दौरान, बाल रोग विशेषज्ञ, जो जन्मजात मोतियाबिंद सर्जरी में विशेषज्ञता रखता है, आपके बच्चे की आंख में एक छोटा सा कट लगाते है और क्लाउड वाले लेंस को हटा कर उसकी जगह आर्टिफिशल लेंस लगाते है। मोतियाबिंद से पीड़ित कुछ बच्चों को अतिरिक्त सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
  2. पैच थेरेपी: आपके बच्चे को पैच थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है, यदि उसकी एक आंख की दृष्टि दूसरी की तुलना में बेहतर है। पैच थेरेपी में कमजोर आंख को मजबूत करने के लिए, बच्चे की स्वस्थ आंख पर एक आई पैच लगाते हैं। आपके बच्चे का प्रदाता सिफारिश करता है कि बच्चा प्रत्येक दिन कितने घंटे पैच पहनता है। पैच थैरेपी बच्चे के मस्तिष्क को कमजोर आंखों को संकेत भेजने के लिए प्रशिक्षित करती है ताकि उसकी दृष्टि में सुधार हो सके। यह एंबीलिया को रोक सकता है या जन्मजात मोतियाबिंद का उपचार कर सकता है।

जन्मजात मोतियाबिंद के कारण कुछ जटिलताएं हो सकती है:

  1. मोतियाबिंद की वजह से बच्चे का दिमाग और आंख को कॉर्डिनेट करने में परेशानी होती है, जिसके फलस्वरूप आंखों का विकास सामान्य रूप से नही हो पाता।
  2. आंखों की गतिविधियां में नियंत्रण की कमी होती है। 
  3. बच्चे के आंख से आंसू निकलते रहते हैं। 
  4. जन्मजात मोतियाबिंद के कारण ग्लूकोमा होने का खतरा भी बना रहता है। 
  5. एम्ब्लियोपिया होना यानी एक या दोनों आंखों से कम दिखना।
  6. बच्चे की प्रभावित आंख में दबाव होने लगता है जिसके कारण दृष्टि कम होने लगती है।

डॉक्टर के पास जाना कब जरूरी हो जाता है?

नीचे बताए गए कुछ असामान्य स्थितियां होने पर डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए : 

  1. अगर आंखों की पुतलियां सफेद या क्लाउडी हो गई हैं।
  2. बच्चा कई सारी दिखने वाली चीजों को इग्नोर कर रहा है।

हेक्साहेल्थ के बारे में : 

हेक्साहेल्थ की मदद से विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। इसके लिए आपको कहीं आने जाने की जरूरत नहीं है। अपने मोबाइल पर ही एक्सपर्ट्स से राय ले सकते हैं। 

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Last Updated on: 14 September 2022

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Rajath R Prabhu

Rajath R Prabhu

MSc. Clinical Research I PG Diploma in Public Health Services Management

3 Years Experience

His work in medical content writing and proofreading is noteworthy. He has also contributed immensely to public health research and has authored four scientific manuscripts in international journals. He was assoc...View More

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