पिगमेंटेशन के लक्षण, कारण और इलाज - Pigmentation in Hindi

Hexahealth Care Team
Saturday, 27 May 2023
चमकदार, साफ सुथरी, बिना दाग धब्बे वाली त्वचा हर लड़की और महिला का सपना होता है। पर आजकल की भाग दौड़ वाली जीवनशैली में त्वचा पर काले धब्बे या असमतल रंग होना एक सामान्य सी बात हो गई है। और अगर किसी से सवाल किया जाए कि त्वचा पर क्या हुआ है, तो जवाब मिलता है, पिगमेंटेशन (त्वचा का रंजकता)। तो आइए जाने कि पिगमेंटेशन (pigmentation in hindi) क्या होता है और क्यों होता है?
पिगमेंटेशन या त्वचा रंजकता किसी भी व्यक्ति की त्वचा के रंग को दर्शाता है। पिगमेंटेशन या त्वचा पिग्मन्टैशन के बदलाव की वजह से त्वचा के रंग पर असर पड़ सकता है। आईए इस लेख के माध्यम से पिगमेंटेशन के लक्षण, प्रकार, कारण, निदान, रोकथाम, दवा, उपचार और अन्य महत्वपूर्ण विवरण के बारे में जानते हैं।
रोग का नाम | पिगमेंटेशन |
लक्षण | काले, भूरे, लाल, गुलाबी या ग्रे रंग के धब्बे, त्वचा के ऊपर निशान/पैच |
कार ण | त्वचा की सूजन, आनुवंशिकी, धूप के संपर्क में आना |
नि दान | दृश्य परीक्षा, चिकित्सा इतिहास की समीक्षा, लकड़ी का दीपक परीक्षण |
इलाज कौन करता है | डर्मेटोलॉजिस्ट (त्वचा विशेषज्ञ) |
उप चार के विकल्प | रासायनिक पीलस, क्रायोथेरेपी, लेजर त्वचा रीसरफेसीन्ग, पिग्मेंटेड लिसन के लिए लेजर उपचार |
Table of Contents
पिगमेंटेशन या रंजकता (त्वचा का रंग), त्वचा में मेलेनिन नामक वर्णक की मात्रा से त्वचा का रंग निर्धारित होता है।
जब ये मेलानोसाइट्स कोशिकाएं क्षतिग्रस्त या अस्वस्थ हो जाती हैं, तो यह मेलेनिन के उत्पादन को प्रभावित करती हैं और मेलेनिन उत्पादन में परिवर्तन विकार पैदा कर सकता है। उदारहन के लिए: जब मेलेनिन बेहद कम हो जाए तो त्वचा पीली या सफेद दिखेगी।
पिगमेंटेशन या त्वचा का रंग, मेलेनिन की मात्रा पर निर्भर करता है। इसी आधार पर त्वचा रंजकता को निम्नलिखित विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है।
पिगमेंटेशन के प्रकार | मेलेनिन की मात्रा |
हाईपरपिगमेंटेशन | मेलेनिन की असामान्य रूप से अधिक मात्रा हो जाती है। |
हाइपोपिगमेंटेशन | मेलेनिन की असामान्य रूप से कम मात्रा होती है। |
रंगहीनता (डिपिगमेंटेशन ) | मेलेनिन पूरी तरह खत्म हो जाता है। |
ऊपर बताए गए रंजकता (pigmentation in hindi) के प्रकार मे से कुछ, कभी-कभी त्वचा के सिर्फ एक हिस्से (पैच) को प्रभावित करते हैं, और कुछ दूसरे प्रकार, किसी व्यक्ति के पूरे शरीर को भी प्रभावित कर सकते हैं।
यदि किसी व्यक्ति का शरीर सामान्य से अधिक मात्रा मे मेलेनिन बनाता है, जिसे हाईपरपिगमेंटेशन (hyperpigmentation in hindi meaning) कहते है, तो इसकी वजह से उस व्यक्ति की त्वचा सांवली हो जाती है और उसके विपरीत यदि किसी व्यक्ति का शरीर बहुत कम मेलेनिन बनाता है, तो त्वचा का रंग सामान्य से हल्का हो जाता है।
पिगमेंटेशन के लक्षण क्या है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति को किस प्रकार का पिगमेंटेशन है। जैसा कि:
जैसा कि ऊपर के लेख से यह पता लग गया है कि मेलेनिन वर्णक ही त्वचा के रंग और पिगमेंटेशन के लिए जिम्मेदार होता है। मेलेनिन को बनानी वाली मेलानोसाइट्स कोशिकाएं अगर क्षतिग्रस्त या अस्वस्थ हो जाती हैं, तब मेलेनिन का उत्पादन प्रभावित होता हैं।
आइए देखते है किस कारण से पिगमेंटेशन होता है:
पिगमेंटेशन से बचाव कुछ हद तक संभव है। हाईपरपिगमेंटेशन को हमेशा रोका नहीं जा सकता है, लेकिन त्वचा को धूप से बचाने में मदद करके, पिगमेंटेशन को रोकने में सहायता मिल सकती है। आइए जानते है कि किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
हाइपोपिगमेंटेशन प्रकृति में ज्यादातर बिनाइन स्थिति होती है और सही समय पर निदान के बाद शीघ्र उपचार के साथ पुन: त्वचा का रंग प्राप्त किया जा सकता है।
पिगमेंटेशन के कारणो को ध्यान में रखते हुए चिकित्सक इसका निदान करते है, जिसमे वे मरीज से काफी प्रश्न पूछते हैं और फिर विभिन्न परीक्षण भी कराते हैं। रंजकता का निदान करने के लिए, डॉक्टर निम्नलिखित कदम उठाते हैं:
जैसे ही मरीज को तकलीफ शुरू होती है, तभी एक पूर्व नियुक्ति लेकर, ओपीडी पर जाकर, पंजीकरण करवाना चाहिए, और फिर आराम से डॉक्टर से मरीज अपनी सारी तकलीफ का उल्लेख कर सकता है।
डॉक्टर से क्या उम्मीद करें?
रोगी डॉक्टर से निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकता है:
पिगमेंटेशन या हाईपरपिगमेंटेशन के इलाज उसके कारणों के आधार पर किया जाता है । स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कुछ दवाइयों, जीवनशैली में बदलाव और अन्य उपचार का सुझाव दे सकता है:
जीवन शैली में बदलाव रोकथाम के साथ उपचार को भी सफल बनाने मे मदद करते हैं।
इसके अलावा डॉक्टर त्वचा पर इस्तेमाल करने के लिए क्रीम या मलहम दे सकते है जैसे कि एज़ेलिक एसिड, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, ग्लाइकोलिक एसिड (अल्फा-हाइड्रॉक्सी एसिड), हाइड्रो कुइनोन, कोजिक एसिड (एक तरह का रसायन जो शरीर द्वारा उत्पादित मेलेनिन की मात्रा को कम कर सकता है), सेलिसईलिक ऐसिड, त्वचा ब्लीच, टरेटेनॉइन, और विटामिन सी या बी3 (नियासिनमाइड) क्रीम।
इसके अलावा डॉक्टर मरीज़ को अन्य उपचारों का भी सुझाव दे सकते हैं जिनमे शामिल हो सकते हैं:
बाजार में मिलने वाले बहुत सारे उत्पाद हाईपरपिगमेंटेशन को कम करने का दावा करते हैं। परंतु इस पर ज्यादा शोध की जरूरत है, इसलिए कौन सा उत्पाद किस के लिए प्रभावी और सही हैं, यह जानने के लिए बेहद जरूरी है कि इस विषय मे मरीज़ अपने डॉक्टर से विस्तार मे बात करें।
ध्यान दें, उपचार का दृष्टिकोण और प्रक्रियाओं का चयन रोगी की स्वास्थ्य स्थिति और उनके इलाज करने वाले डॉक्टर की राय पर निर्भर करता है।
वैसे तो पिगमेंटेशन इतना गंभीर चिंता का विषय नहीं होता है, अगर ठीक समय पर इसका इलाज नहीं कराया जाए तो यह स्थायी हो सकता है और मनोवैज्ञानिक तनाव पैदा कर सकता है।
यहाँ रंजकता विकारों से जुड़ी कुछ संभावित जटिलताएँ हैं:
एक व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए:
वैसे तो रंजकता इतना गंभीर चिंता का विषय नहीं होता है लेकिन अगर समय रहते पिग्मेंटेशन का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह खराब हो सकता है और इलाज करना और भी मुश्किल हो सकता है।
कुछ रंजकता एक अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति का संकेत हो सकती है जिसके लिए उपचार की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, अन्य धब्बे समय के साथ दिखाई दे सकते हैं, खासकर अगर कोई व्यक्ति खुद को सूरज की क्षति से नहीं बचाता है।
जबकि कोई विशिष्ट आहार नहीं है जो रंजकता को पूरी तरह से रोक सकता है, एक स्वस्थ और संतुलित आहार समग्र त्वचा स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकता है। यहाँ कुछ आहार युक्तियाँ दी गई हैं जो सहायक हो सकती हैं:
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रंजकता को रोकने या उसका इलाज करने के लिए अकेले आहार पर्याप्त नहीं हो सकता है। धूप से सुरक्षा और त्वचा की उचित देखभाल जैसे अन्य कारक भी महत्वपूर्ण हैं। रंजकता के लिए कोई भी आहार परिवर्तन करने से पहले हमेशा डॉक्टर से परामर्श करें।
कभी-कभी त्वचा द्वारा निर्माण किया गया वर्णक जिसे मेलेनिन कहते है, वह कम मात्रा या अतिरिक्त मात्रा में पैदा होने लगता है, जिसकी वजह से तवचा कि रंगत प्रभावित हो सकती है। यदि अतिरिक्त मात्रा में मेलेनिन का निर्माण होता है तो इससे धब्बे या पैच बन सकते हैं जो आसपास की त्वचा की तुलना में अधिक गहरे दिखाई देते हैं, जिसे हाईपरपिगमेंटेशन कहा जाता है।
हाईपरपिगमेंटेशन मे व्यक्ति आत्म-जागरूक महसूस कर सकता है, लेकिन यह एक सामान्य स्थिति होती है। जीवनशैली में बदलाव और उपचार से काफी मदद मिल सकती हैं।
अगर पिगमेंटेशन कि वजह से आप बहुत चिंतित हैं, और कुछ सवाल परेशान कर रहें हैं, तो देर न करें, आज ही HexaHealth की पर्सनल केयर टीम से संपर्क करें और उचित मार्गदर्शन लें। HexaHealth के विशेषज्ञ आपके सभी प्रश्नों को हल करेंगे। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी HexaHealth पर भी जा सकते हैं।
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मेलेनिन की मात्रा के अनुसार इसे तीन प्रकार मे देखा गया है:
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