हेयर ट्रांसप्लांट क्या है और कैसे होता है? - Hair Transplant in Hindi

Hair Transplant in Hindi

Treatment Duration

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4 Hours

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7 Hours

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34,000

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हेयर ट्रांसप्लांट एक बिना दर्द वाली सर्जरी है जो गंजेपन को लगभग स्थायी रूप से ठीक करने में सफल रहती है। हेयर ट्रांसप्लांट की सफलता दर लगभग ९५% है।
हेयर ट्रांसप्लांट सुरक्षित सर्जरियों में से एक माना जाता है और भारत में काफी उचित कीमत पर उपलब्ध है। यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ही असरदार सर्जरी है।

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हेयर ट्रांसप्लांट क्या है?

हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमे सिर के पीछे या अन्य जगहों के बाल को निकालकर गंजेपन से प्रभावित खोपड़ी ( स्कैल्प ) में प्लांट किया जाता है। हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान दर्द से बचने के लिए लोकल एनेस्थिसिया का प्रयोग किया जाता है। यह एक सुरक्षित सर्जरी है जिसमे गंभीर जटिलताएं न के बराबर होती हैं।

शरीर विज्ञान और शरीर रचना विज्ञान

  1. हेयर शाफ्ट: बालों का यह भाग त्वचा के बाहर होता है जो क्यूटिकल कोशिकाओं से बना होता है। 
  2. हेयर फॉलिकल्स: यह बालों की प्राथमिक संरचना है जो बालों को उगने में मदद करती है। हेयर फॉलिकल्स एपिडर्मिस की सतह से शुरू होकर डर्मिस तक होते हैं।  
  3. फॉलिकुलर यूनिट: यह लगभग २ से ४ हेयर फॉलिकल्स का समूह होता है जिसमें नर्व, रक्त वाहिकाएं और एक छोटी मांसपेशी भी होती है। 
  4. हेयर ग्राफ्ट: हेयर ग्राफ्ट स्कैल्प त्वचा के बिल्कुल छोटे हिस्से होते हैं जिनमें लगभग १ से ४ हेयर फॉलिकल्स होते हैं।
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हेयर ट्रांसप्लांट के द्वारा इन रोगों का इलाज संभव है

डॉक्टर आमतौर पर उन रोगियों को हेयर ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं जिनके बाल झड़ते हैं I हेयर ट्रांसप्लां निम्नलिखित रोगों का इलाज संभव करता हैI

  1. पैटर्न बाल्डनेस
  2. बालों का पतला होना

हेयर ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त उम्मीदवार कौन है ?

प्लास्टिक सर्जन के अनुसार हेयर ट्रांसप्लांट करवाने के लिए सही उम्मीदवार का होना आवश्यक है। किसी भी अनुपयुक्त व्यक्ति में हेयर ट्रांसप्लांट करने से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं और जटिलताएं हो सकती हैं।इसलिए सर्जन अक्सर इन मापदंडों के अनुसार हेयर ट्रांसप्लांट का उपयुक्त उम्मीदवार चुनते हैं: 
  1. ऐसे पुरुष जिनके बाल मेल पैटर्न बाल्डनेस के कारण लगातार ५ वर्षों से झड़ रहे हैं। 
  2. ऐसे लोग जिनकी उम्र कम से कम २५ वर्ष है। कम उम्र में बाल झड़ने का पैटर्न समझना मुश्किल हो जाता है इसलिए हेयर ट्रांसप्लांट की सफलता की संभावना भी कम रहती है।  
  3. ऐसी महिलाएं जिनके बाल फीमेल पैटर्न बाल्डनेस के कारण काफी झड़ चुके हैं। 
  4. डोनर ग्राफ्ट के लिए स्वस्थ बाल बचें हैं या नहीं। अगर बचे हैं तो डोनर ग्राफ्ट की कितनी संख्या है।  
  5. बालों के प्रकार ( मोटे या घुंघराले )
  6. जिन लोगों के बाल आग से जलने के कारण या स्कैल्प में चोट के कारण कुछ मात्रा में नष्ट हो गए हैं। 
  7. हेयर ट्रांसप्लांट के लिए अनुपयुक्त उम्मीदवार
इन व्यक्तियों को सर्जन द्वारा हेयर ट्रांसप्लांट की सलाह नही दी जाती है: 
  1. गर्भवती महिलाएं 
  2. अस्वस्थ स्कैल्प 
  3. डायबिटीज के रोगी 
  4. हेपेटाइटिस और एचआईवी के रोगी
  5. हृदय रोगी
  6. मानसिक रोगी 
  7. डोनर ग्राफ्ट की कमी वाले उम्मीदवार
  8. किडनी , लिवर या कोई क्रोनिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति
  9. २५ वर्ष से कम उम्र के महिला और पुरुष

हेयर ट्रांसप्लांट कैसे किया जाता है ?

हेयर ट्रांसप्लांट करने से पहले सर्जन गंजेपन के आधार पर हेयर ग्राफ्ट की संख्या निर्धारित करते हैं। स्कैल्प की त्वचा के सबसे छोटे हिस्से को हेयर ग्राफ्ट कहते हैं जिसमे लगभग ३ से ४ बाल होते हैं। गंजापन जितना अधिक होता है; हेयर ग्राफ्ट की आवश्यकता भी उतनी होती है। आमतौर पर हेयर ग्राफ्ट के रुप में सिर के पीछे के बाल लिए जाते हैं। जहां से हेयर ग्राफ्ट लिए जाते हैं उसे डोनर क्षेत्र कहा जाता है। अगर सिर के पीछे पर्याप्त हेयर ग्राफ्ट नही मिल पाते हैं तो दाढ़ी, सीने, हाथ और पैर के बाल भी लिए जा सकते हैं। डोनर ग्राफ्ट को निकालने के लिए विशेष यंत्र जैसे डर्मेटोम या स्कैलपेल की मदद ली जाती है। डोनर ग्राफ्ट को निकालने की प्रक्रिया में लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जाता है। हेयर ट्रांसप्लांट मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं। पहला प्रकार फोलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन (एफयूटी) है और दूसरा फोलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (एफयूई) है। दोनों ही प्रकार की सर्जरी में दर्द से बचने के लिए लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जाता है। फॉलिकुलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन और फॉलिकुलर यूनिट एक्सट्रैक्शन की प्रक्रिया एक दूसरे से थोड़ी अलग होती है। दोनों की प्रक्रिया के मुख्य चरण इस प्रकार हैं: 

फोलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन ( एफयूटी ) की प्रक्रिया :

  1. सबसे पहले एनेस्थीसिया देकर मरीज को सहजता से लेटाया जाता है।
  2. इसके बाद सर्जन डोनर क्षेत्र पर स्कॉलपेल की मदद से कुछ इंचों तक चीरा लगाते हैं और डोनर क्षेत्र की त्वचा को निकाल लेते हैं।
  3. फिर खोपड़ी के पिछले हिस्से को सिल दिया जाता है।
  4. निकाले गए स्कैल्प त्वचा को सर्जन और उनकी टीम कई भागों में बांटते हैं और हर भाग में लगभग १ से ४ बाल होते हैं। प्रत्येक भाग को चिकित्सीय भाषा में ग्राफ्ट भी कहा जाता है।
  5. अब ग्राफ्ट को गंजेपन वाली जगह पर चीरा लगाकर प्लांट कर दिया जाता है।
  6. हेयर ट्रांसप्लांट के बाद धूप, इन्फेक्शन, प्रदूषण से बचने और घावों को भरने के लिए बैंडेज लगा दिया जाता है। 

फोलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन ( एफयूई ) की प्रक्रिया : 

  1. इस प्रक्रिया में स्कैल्प में चीरा लगाकर सीधे रोमकूप ( जिस छेद से बाल उगे होते हैं) को ही निकाल लिया जाता है। हर रोमकूप में एक बाल होते हैं।
  2. अब खोपड़ी के जिस हिस्से में ट्रांसप्लांट होना है वहां ब्लेड या सुई की मदद से छोटे - छोटे छेद किए जाते हैं।
  3. इसके बाद निकाले गए बालों को एक - एक करके छेद में प्लांट किया  जाता है। 
  4. बालों को प्लांट करने के बाद सुरक्षा के लिए सिर में बैंडेज लगा दिया जाता है। 
  5. हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया करने में ४ घंटे या इससे अधिक समय लग सकता है।

हेयर ट्रांसप्लांट के पहले और हेयर ट्रांसप्लांट के दिन

हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है इसलिए सर्जन इसे करने के २-३ पहले मरीज को कुछ हिदायतें देते हैं । हेयर ट्रांसप्लांट के दिन सर्जन भोजन, पानी, आदतों और हेयर ट्रांसप्लांट के लिए कुछ जरुरी दवाइयों से जुड़ी सलाह देते हैं।  

हेयर ट्रांसप्लांट के पहले 

  1. सर्जन हेयर ट्रांसप्लांट के १ या २ दिन पहले शराब का सेवन करने से मना करते हैं। क्योंकि हेयर ट्रांसप्लांट में एनेस्थीसिया का प्रयोग होता है, इसलिए शराब और एनेस्थीसिया के रसायनों में रिएक्शन होने की संभावना हो सकती है। 
  2. इसके अलावा सर्जन स्मोकिंग न करने की सलाह देते हैं। स्मोकिंग से स्कैल्प की नसों में खून का बहाव कम होता है और नसें पतली भी हो जाती हैं जो हेयर ट्रांसप्लांट की सफलता में बांधा डाल सकता है। 

हेयर ट्रांसप्लांट के दिन 

हेयर ट्रांसप्लांट के दिन सर्जन, मरीज से ये अपेक्षा रखते हैं :  

  1. सर्जरी के दिन मरीज को सहज कपड़े पहनकर और हल्का नाश्ता करके हॉस्पिटल जाना चाहिए। 
  2. हेयर ट्रांसप्लांट के दिन भरपूर नींद और अपने शरीर विशेषकर कर सिर की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। 
  3. हेयर ट्रांसप्लांट के दिन मरीज को च्विंगम नही खाना चाहिए। बातचीत जितना हो सके कम करना चाहिए।
  4. बाल को बढ़ाने वाली दवा नही लेनी चाहिए।

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद और रिकवरी

हेयर ट्रांस्प्लांट के बाद सर्जन खुद से वाहन चलाकर घर जाने की सलाह नही देते हैं क्योंकि एनेस्थीसिया के असर के कारण दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। घर पहुंचने के बाद कुछ बातों का ध्यान रखना होता है जिससे रिकवरी में मदद मिलती है।

अस्पताल के भीतर ठीक होने की प्रक्रिया

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कई चरणों में रिकवरी होती रहती है। आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट के २ से ५ दिन बाद मरीज अपने बिना मेहनत वाले दैनिक कार्य कर सकता है। हालांकि पूरी तरह से बालों को आने और घना होने में १ साल तक का समय लग सकता है। रिकवरी के मुख्य चरण निम्नलिखित हैं:

  1. हेयर ट्रांसप्लांट के बाद मरीज उसी दिन अपने घर आ जाता है और अगले दिन स्कैल्प में लगी पट्टी सर्जन से पूछकर खुद ही सावधानीपूर्वक उतार सकता है।
  2. दूसरे दिन मरीज बालों को धो सकता है। 
  3. हेयर ट्रांसप्लांट के तीन से पांच दिन के बाद मरीज सामान्य और कम मेहनत वाले काम कर सकता है।
  4. लगभग दस दिनों के बाद जो भी टांके लगे होते हैं वो ठीक हो जाते हैं और टांकों की सिलाई को सर्जन द्वारा निकाला जाता है।
  5. लगभग ३ हफ्तों के बाद मरीज वापस एक्सरसाइज या खेलकूद कर सकता है।
  6. लगभग २ से ३ हफ्तों के दौरान सिर पर मौजूद लगभग सभी बाल गिर जाते हैं और नए बाल आना शुरू होते हैं। ८ से १० महीनों में बाल पूरे स्कैल्प में दिखने लगते हैं और १२ से १८ महीनों में बाल प्राकृतिक रूप से घने हो जाते हैं।

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद ठीक होने की प्रक्रिया /उम्मीद

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए: 

  1. हेयर ट्रांसप्लांट के बाद डॉक्टर कुछ सलाह और दवाईयां देते हैं। दवाइयों में दर्द निवारक, बाल बढ़ाने वाली दवाईयां डॉक्टर द्वारा दी जा सकती हैं। इन्फेक्शन से बचने के लिए एंटीबायोटिक्स और सूजनरोधी दवाईयां होती हैं। इन दवाइयों को सर्जन द्वारा बताए गए समय पर लेना चाहिए। 
  2. हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के १ से २ हफ्ते तक शराब और स्मोकिंग नही करना चाहिए। 
  3. इसके अलावा कुछ सावधानियां जैसे बालों के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई शैंपू को नहाते समय लगाना, सिर में धूप लगने से बचाना, ज्यादा कसरत या व्यायाम से बचना और स्विमिंग करने से बचना चाहिए।  
  4. आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स गंभीर नहीं होते हैं लेकिन अगर सिर में तेज दर्द होता है या कुछ अजीब लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

पहला फॉलो-अप अपॉइंटमेंट

  1. संपूर्ण उपचार के लिए रोगी को दो से तीन अलग-अलग सत्रों की आवश्यकता हो सकती है।
  2. डिस्चार्ज होने पर मरीज को नर्स द्वारा फॉलो-अप निर्देश दिए जाएंगे।

हेयर ट्रांसप्लांट के फायदे

हेयर ट्रांसप्लांट के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक फायदे होते हैं जो इस प्रकार हैं: 
  1. गंजेपन का परमानेंट इलाज: हेयर ट्रांसप्लांट से गंजेपन का हमेशा के लिए उपचार हो जाता है। 
  2. आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी: नए बाल आने के कारण आत्मविश्वास और खुशी बढ़ जाती है।  
  3. प्राकृतिक प्रक्रिया: हेयर ट्रांसप्लांट में किसी भी प्रकार के रसायन या दवाइयों का इस्तेमाल नहीं होता है। 
  4. उचित लागत: हेयर ट्रांसप्लांट का खर्च भी बहुत अधिक नही है। इसमें आने वाले खर्च को मध्यम वर्ग के लोग भी वहन कर सकते हैं।
  5. न्यूनतम रखरखाव: हेयर ट्रांसप्लांट करवाने के बाद बाल प्राकृतिक होते हैं इसलिए बालों को अधिक देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती है।

हेयर ट्रांसप्लांट के फायदे

हेयर ट्रांसप्लांट के जोखिम बहुत गंभीर नहीं होते हैं और आमतौर पर जटिलताएं भी देखने को नहीं मिलती हैं लेकिन कुछ मामलों में जटिलताएं देखी जा सकती हैं। 

जोखिम 

हेयर ट्रांसप्लांट के निम्नलिखित जोखिम हो सकते हैं: 

  1. एनेस्थीसिया रिएक्शन: मरीज को एनेस्थीसिया के कारण एलर्जी हो सकती है जैसे चेहरे में सूजन, त्वचा पर लाल निशान पड़ने का जोखिम होता है। 
  2. रक्तस्राव: स्कैल्प में से काफी खून निकल सकता है। 
  3. ग्राफ्ट की असफलता: ट्रांसप्लांट किए गए कुछ ग्राफ्ट असफल हो सकते हैं। 
  4. इन्फेक्शन: स्कैल्प में संक्रमण हो सकता है।
  5. घाव ( स्कारिंग ): डोनर क्षेत्र और रिसिपियंट क्षेत्र में लगे टांकों के कारण घाव बनने का खतरा रहता है। 

जटिलताएं 

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद गंभीर जटिलताएं बहुत कम देखी जाती हैं। सर्जरी के बाद कुछ सामान्य जटिलताएं दिख सकती हैं: 

  1. सिस्ट: यह फुंसी जितने बड़े सूजन होते हैं जिनमे से मवाद भी निकलता है।
  2. दर्द: हेयर ट्रांसप्लांट के बाद स्कैल्प में सामान्य दर्द होता है। 
  3. सूजन: सर्जरी के बाद सूजन होना एक सामान्य साइड इफेक्ट है। यह कुछ हफ्तों में खुद से ठीक भी हो जाता है। 
  4. डोनर क्षेत्र में सुन्नता: हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के दौरान दी जाने वाली एनेस्थीसिया के कारण सिर में सुन्नता ( नंबनेस ) का एहसास हो सकता है। 
  5. स्कैल्प लैक्सिटी: हेयर ट्रांसप्लांट के बाद स्कैल्प तना हुआ महसूस हो सकता है। 
  6. स्कैल्प एग्जिमा: स्कैल्प में इन्फेक्शन के कारण खुजली और सूजन के कारण फफोले पड़ सकते हैं।

डॉक्टर से सलाह लेने की जरुरत कब होती है?

मरीज अगर निम्नलिखित में से किसी भी तरीके से कोई असुविधा महसूस करता है तो डॉक्टर से सलाह ले सकता है:

  1. दर्द
  2. सूजन
  3. स्कैल्प लैक्सिटी
  4. स्कैल्प एग्जिमा

हेयर ट्रांसप्लांट में देरी होने से जुड़े खतरे

हेयर ट्रांसप्लांट में देरी से बढ़ेगा गंजापन और बालों का झड़ना I

हेयर ट्रांसप्लांट का खर्च

हेयर ट्रांसप्लांट का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है। जैसे : 
  1. शहर
  2. हॉस्पिटल
  3. सर्जन का अनुभव 
  4. ग्राफ्ट की संख्या 
  5. मरीज की त्वचा और शारीरिक स्वास्थ्य
  6. मरीज की उम्र
  7. हेयर ट्रांसप्लांट का प्रकार 
  8. हॉस्पिटल के कमरे की गुणवत्ता 
  9. गंजेपन का स्तर  
  10. बालों की बनावट 
हेयर ट्रांसप्लांट का मुख्य खर्चा ग्राफ्ट की संख्या पर भी निर्भर करता है। आमतौर पर गंजापन अधिक होने पर हेयर ट्रांसप्लांट में अधिक हेयर ग्राफ्ट की जरूरत पड़ती है। भारत में १ हेयर ग्राफ्ट की कीमत ₹२५ से लेकर ₹८० तक हो सकती है। 

कुछ मुख्य कारकों के कारण लगने वाला खर्च 

कारक खर्च का रेंज 
हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी ₹३५,००० से ₹२,६५,०००
प्रति ग्राफ्ट  ₹२५ से ₹८० 

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Frequently Asked Questions (FAQ)

आम लोगों में हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर कुछ भ्रम रहते हैं जिनका वैज्ञानिक आधार नही होता है। ऐसे ही कुछ मिथक और उनकी सच्चाई इस प्रकार है:
  1.  मिथक: हेयर ट्रांसप्लांट कराने में दर्द होता है।
    सच्चाई : हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में लोकल एनेस्थीसिया का प्रयोग होता है जिससे मरीज़ को दर्द का बिल्कुल एहसास नहीं होता है। 
  2. मिथक: हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद तुरंत बाल वापस आ जाते हैं।
    सच्चाई: हेयर ट्रांसप्लांट के बाद सबसे पहले बचे हुए बाल झड़ते हैं फिर लगभग ३ महीने के बाद धीरे - धीरे बालों का उगना शुरू होता है। बालों को घना होने में प्रायः १२ से १८ महीने लगते हैं। यह प्राकृतिक बाल ही होते हैं जो हेयर ट्रांसप्लांट की मदद से दोबारा उगते हैं।  
  3. मिथक:  हेयर ट्रांसप्लांट सिर्फ पुरुषों के लिए होता है।
    सच्चाई: हेयर ट्रांसप्लांट पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ही उपयुक्त है। बाल झड़ने का पैटर्न महिलाओं और पुरुषों में अलग - अलग हो सकता है लेकिन हेयर ट्रांसप्लांट दोनों के लिए ही सफल सर्जरी है।
  4.  मिथक:  हेयर ट्रांसप्लांट सिर्फ अमीर व्यक्ति ही करा सकता है। 
    सच्चाई: हेयर ट्रांसप्लांट काफी सुविधाजनक कीमत पर उपलब्ध है। भारत में हेयर ट्रांसप्लांट कराने का खर्च न्यूनतम २५,००० रुपए और अधिकतम २,६५,००० रुपए होता है जो काफी उपयुक्त है।
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हेयर ट्रांसप्लांट करवाने के लिए औसतन ६०,००० हजार रुपए लग सकते हैं। यह अलग - अलग शहरों में कम या ज्यादा हो सकता है। जैसे दिल्ली में हेयर ट्रांसप्लांट की न्यूनतम लागत २५,००० और अधिकतम लागत १,२५,००० हजार रुपए होती है। भारत में हेयर ट्रांसप्लांट करवाने के लिए अधिकतम २,६५,००० रूपए लग सकते हैं। शहर के अलावा हेयर ट्रांसप्लांट की लागत हॉस्पिटल, डॉक्टर और हेयर ट्रांसप्लांट के प्रकार एवं कई अन्य चीजों पर निर्भर करता है। 
 
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हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद बाल जीवन भर उगते रहते हैं। कुछ मामलों में हेयर ट्रांसप्लांट कराने के कुछ सालों बाद बाल वापस झड़ सकते हैं लेकिन ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है। अगर आप हेयर ट्रांसप्लांट कराने की सोच रहे हैं तो हेक्साहेल्थ के एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
 
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वैसे तो हेयर ट्रांसप्लांट एक सुरक्षित सर्जरी मानी जाती है लेकिन हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद कुछ जटिलताएं देखी जा सकती हैं जैसे सिर में इन्फेक्शन हो सकता है, सिर में दर्द हो सकता है, सिर में खुजली हो सकती है और एडीमा ( ऊतकों में द्रव जमने के कारण सूजन) जैसी बीमारी हो सकती है। हालांकि ऐसा कुछ ही मामलों में देखा जाता है; आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान गंभीर नहीं होते हैं।
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हेयर ट्रांसप्लांट करने के लिए मुख्य रूप से दो तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं। पहला तरीका है फोलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन ( एफयूटी ) और दूसरा फोलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन ( एफयूई ) है। फोलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन ( एफयूटी ) में हेयर फॉलिकल्स ( जिस छेद से बाल उगते हैं) की एक पट्टी काटकर निकाल 
 
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जिन लोगों के परिवार में गंजापन पहले से ही रहा हो उनके लिए हेयर ट्रांसप्लांट एक अच्छा विकल्प है। हेयर ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट के अनुसार हेयर ट्रांस्प्लांट कराने की सही उम्र ३० साल या इससे अधिक है। २० से २९ साल के उम्र वालों को भी हेयर ट्रांसप्लांट से बचना चाहिए। हेयर ट्रांसप्लांट के एक्सपर्ट से बात करने के लिए आप हेक्साहेल्थ की मदद ले सकते हैं।   
 
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भारत में दोनों ही प्रकार फोलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन ( एफयूटी ) और फोलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन ( एफयूई ) की तकनीक मौजूद है। आपके लिए कौन सा हेयर ट्रांसप्लांट अच्छा रहेगा यह आपके सर्जन आपके गंजेपन और आपके स्वास्थ्य को देखते हुए बता सकते हैं। 
 
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हेयर ट्रांसप्लांट एक तरह से प्राकृतिक रूप से उगने वाला बाल ही होता है। अक्सर मामलों में यह जीवनभर रहता है और कुछ मामलों में यह कुछ सालों तक रहता है। अगर किसी कारणवश हेयर ट्रांसप्लांट के कुछ सालों बाद फिर से बाल झड़ने लगते हैं तो दोबारा हेयर ट्रांसप्लांट कराया जा सकता है। आमतौर पर एक बार हेयर ट्रांसप्लांट करने पर यह जीवन भर चलता है और इसकी विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता नही पड़ती है। यह आपके प्राकृतिक बालों की तरह ही मजबूत होता है।  
 
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जिनके बाल परमानेंट रूप से झड़ गए हैं और उनके परिवार में भी बालों के झड़ने का इतिहास रहा है तो हेयर ट्रांसप्लांट उनके व्यक्तित्व के लिए काफी असरदार हो सकता है। हेयर ट्रांसप्लांट (hair transplant meaning in hindi) एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है जिसके सफल होने की संभावना ९० से ९५% तक होती है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि बालों को फिर से वापस लाने के लिए हेयर ट्रांसप्लांट असरदार विकल्प है। 
 
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भारत में हेयर ट्रांसप्लांट करने की सभी आधुनिक तकनीकें मौजूद हैं। इसके अलावा भारत में एक्सपर्ट प्लास्टिक सर्जन उपलब्ध हैं जो हेयर ट्रांसप्लांट के सफलता की संभावना काफी हद तक बढ़ा देते हैं। अधिक जानना चाहते हैं तो आप हमारे हेक्साहेल्थ के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि भारत में हेयर ट्रांसप्लांट काफी हद तक सुरक्षित है। 
 
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हेयर ट्रांसप्लांट की लागत हर शहर में अलग है। सिर्फ शहर ही नही हेयर ट्रांसप्लांट की लागत डॉक्टर के अनुभव, हॉस्पिटल, गंजेपन की स्थिति आदि कारकों पर निर्भर करता है। अगर हेयर ट्रांसप्लांट के औसत खर्च की बात करें तो लगभग ६०,००० रुपए औसतन हेयर ट्रांसप्लांट का खर्च आता है। अगर आप भारत में हेयर ट्रांसप्लांट कराते हैं तो कम से कम २५,००० रुपए और अधिक से अधिक २,६५,००० रुपए तक की लागत लग सकती है। 
 
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हेयर ट्रांसप्लांट के फायदों की बात करें तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपका व्यक्तित्व बिल्कुल आत्मविश्वास से भरा हुआ होता है। लोगों के बीच उठने - बैठने में झिझक नहीं होती है। जो लोग आपके गंजेपन का मजाक उड़ाते हैं उनके भी मुंह पर ताला लग जाता है। हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान बहुत गंभीर नहीं होते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद आपके सिर में इन्फेक्शन, खुजली, रक्तस्राव आदि समस्याएं आ सकती हैं। सामान्यतः हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान बहुत ही कम और सीमित होते हैं। 
 
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हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद यह जीवनपर्यंत चल सकता है। हेयर ट्रांसप्लांट का असर हर व्यक्ति पर अलग - अलग होता है। अधिकतर लोगों में तो यह आजीवन बना रहता है लेकिन कुछ लोगों में हेयर ट्रांसप्लांट के कुछ सालों के बाद बाल वापस झड़ना शुरू हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में हेयर ट्रांसप्लांट दोबारा करवानी पड़ सकती है। 
 
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पूरी तरह से हेयर ट्रांसप्लांट के रिजल्ट्स दिखने में १२ से १८ महीने लग सकते हैं। सर्जरी के २ से ८ सप्ताह के बाद ट्रांसप्लांट किए गए बाल गिरने लगते हैं और लगभग तीन महीने के बाद आपके बाल पहले से कम हो जाते हैं। यह हेयर ट्रांसप्लांट के बाद की एक सामान्य प्रक्रिया है और इस बाल गिरने की प्रक्रिया को टेलोजन एफ्लूवियम कहा जाता है। आमतौर पर चौथे महीने से बाल उगने शुरू होते हैं और ८ से १२ महीने में घने होने लगते हैं। १८ महीने पूरे होने तक आपके बाल प्राकृतिक रूप से घने और लंबे हो चुके होते हैं। 
 
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भारत में बालों के लिए कई डॉक्टर्स हैं जो आपके बालों और खोपड़ी (स्कैल्प) से जुड़ी समस्या को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। बालों और स्कैल्प के विशेषज्ञ को ट्राइकोलॉजिस्ट कहा जाता है। एक अनुभवी ट्राइकोलॉजिस्ट आपके बालों की समस्या खासकर झड़ रहे बालों की समस्या को दवाइयों या हेयर ट्रांसप्लांट करके ठीक कर सकता है। अगर आप अनुभवी ट्राइकोलॉजिस्ट की तलाश में हैं तो हेक्साहेल्थ की मदद ले सकते हैं। 
 
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गंजापन का एक परमानेंट और बेहतर इलाज हेयर ट्रांसप्लांट ही है। अगर आपके बाल लगभग झड़ चुके हैं और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों से आपके बाल वापस नही आ रहे हैं तो हेयर ट्रांसप्लांट बालों को परमानेंट रूप से लाने में एक बेहतर विकल्प है। हेयर ट्रांसप्लांट की सफलता दर ९० से ९५% है। 
 
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अगर आपके बाल झड़ रहे हैं या झड़ चुके हैं तो विशेषज्ञ और अनुभवी डॉक्टर जैसे किसी डर्मेटोलॉजिस्ट या ट्राइकोलॉजिस्ट से संपर्क करें। डॉक्टर आपको कुछ दवाएं जैसे माइनोक्सिडील लेने की सलाह देते हैं। अगर इन दवाओं का असर नहीं होता है तो डॉक्टर आपको हेयर ट्रांसप्लांट कराने की सलाह देते हैं।  
 
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