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एंडोस्कोपी क्या है? - टेस्ट की प्रक्रिया, कीमत, उद्देश्य और परिणाम

Endoscopy in Hindi

Test Duration

clock

25 Minutes

------ To ------

30 Minutes

Test Cost

rupee

2,000

------ To ------

10,500

Endoscopy in Hindi
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क्या आप जानते हैं कि हर साल दुनिया भर में 75 मिलियन से अधिक एंडोस्कोपिक प्रक्रियाएं की जाती हैं? मानव शरीर की अंदर झाँकने से लेकर विभिन्न चिकित्सीय स्थितियों का पता लगाने और उनका इलाज करने तक, आधुनिक चिकित्सा में एंडोस्कोपी एक अनिवार्य उपकरण बन गया है। 

एंडोस्कोपी के आकर्षक क्षेत्र के माध्यम से इस यात्रा में, हम इसकी अविश्वसनीय क्षमताओं, और स्वास्थ्य देखभाल पर इसके उल्लेखनीय प्रभाव के बारे में विस्तृत रूप से जानेंगे। 

वैकल्पिक नाम

यूजीआई एंडोस्कोपी

आवश्यकताएं

८ से १० घंटे का उपवास 

परीक्षण कौन करता है

गैस्ट्रो एंटीरोलॉजिस्ट  (पाचनतंत्र विशेषज्ञ)

रिपोर्ट करने का समय

तुरंत

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एंडोस्कोपी क्या हैं?

एंडोस्कोपी परीक्षण आपके शरीर के अंदर देखता है। एंडोस्कोप नामक एक छोटे कैमरे के साथ एक पतली ट्यूब का उपयोग किया जाता है, जिसे वे धीरे से आपके मुंह जैसे छिद्र में डालते हैं।

यदि किसी को कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, तो उनका डॉक्टर उन्हें एंडोस्कोपी के लिए भेज सकता है। विभिन्न प्रकार की एंडोस्कोपी प्रक्रियाएं हैं, जिनमें से प्रत्येक शरीर के विभिन्न हिस्सों की जांच पर केंद्रित है। 

किसी व्यक्ति को मिलने वाली विशिष्ट प्रकार की एंडोस्कोपी उनके द्वारा अनुभव किए जा रहे लक्षणों पर निर्भर करती है।

एंडोस्कोपी का उद्देश्य

यूजीआई एंडोस्कोपी पाचन तंत्र के ऊपरी हिस्सों में समस्याओं का निदान के लिए एक सटीक जांच है। इन निम्न स्थितियों में एंडोस्कोपी टेस्ट की अवश्यकता हो सकती है: 

  1. गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स - यह एक दीर्घकालिक बीमारी है जिसमे पेट का एसिड या पित्त अन्न नलिका में ऊपर आता है और अस्तर को परेशान करता है। एंडोस्कोपी के जरिए अन्नप्रणाली को देखा जा सकता है। साथ में पेट में एसिड के कारण का पहचान कर, उपचार का निर्णय लेने में मदद होती है।

  2. कैंसरयुक्त और गैर-कैंसरयुक्त गांठ - एंडोस्कोपी के जरिए पेट या ग्रासनली के इर्द गिर्द बढ़ रहे कैंसर गांठ को एंडोस्कोपी के जरिए देखा जा सकता है। साथ में इसके आकार को समझा जा सकता है और इलाज का निर्णय लेने में भी मदद होती है।

  3. सूजन - एंडोस्कोपी के जरिए सूजन के कारणों को देखा जा सकता है। इस अंदरूनी दृश्य के आधार पर सूजन के उपचार की योजना बना सकते हैं।

  4. पेट के अल्सर: इन्हे पेप्टिक अल्सर भी कहा जाता है। यह एक प्रकार का व्रण होता है। एंडोस्कोपी पेप्टिक अल्सर के निदान और उपचार में मदद करता है।

  5. गैस्ट्रोएसोफेगल संकुचन: यह एक प्रकार की रुकावटें होती है, जिसमे ग्रासनली या पेट का अंदरूनी जगह संकीर्ण हो जाती है। एंडोस्कोपी गैस्ट्रो ईसोफेगस संकुचन स्थल के चित्र के जरिए निदान में मदद करता है। 

  6. अन्नप्रणाली के वेरिसेस: ईसमे अन्नप्रणाली की नसे सामान्य नसों से बड़ी और फूल जाती है।एंडोस्कोपी अन्नप्रणाली के बढ़े हुए रक्त वाहिकाओं को देखने, उनके आकार और गंभीरता का आकलन करने में मदद करता है।

  7. हायटल हर्निया:  ईसमे पेट ऊपर की ओर अन्नप्रणाली में या उसके बगल में फिसल जाता है। हायटल हर्निया अन्नप्रणाली के निचले हिस्से के आसपास रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है, जिससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। एंडोस्कोपी के माध्यम से हाइटल हर्निया का पता लगाया जा सकता है, जोखिम का आकलन किया जा सकता है। साथ में वैरिकेल रक्तस्राव जैसी जटिलताओं को रोकने के लिए इलाज शुरू करने में मदद मिलती है।

  8. रसायन का विशैलापन: घरेलू डिटर्जेंट और रसायन जैसे हानिकारक पदार्थों को निगलने से होने वाली विषाक्तता के मामलों में एंडोस्कोपी निरीक्षण करने के लिए सहायता करता है। यह शीघ्र निदान में मदद करता है और उचित उपचार का मार्गदर्शन करता है।

  9. सीलिएक रोग:  यह एक ऐसी स्थिति है, जो ग्लूटेन के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से होती है। सीलिएक रोग में एंडोस्कोपी डॉक्टरों को ग्लूटेन के सेवन से होने वाली क्षति या सूजन के संकेतों के जांच करने में मदद करता है। एंडोस्कोपी के दौरान लिए गए बायोप्सी नमूने से सीलिएक रोग की पुष्टि की जा सकती हैं।

  10. क्रोहन रोग: ऊपरी जठरांत्र पथ के इस रोग मे पाचन तंत्र की परत में सूजन हो जाती है। क्रोहन रोग में, एंडोस्कोपी जठरांत्र के सूजन, अल्सर और ऊतक असामान्यताओं की पहचान करने, सटीक निदान में सहायता करने में मदद करता है। साथ में समय के साथ रोग गतिविधि की निगरानी करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, एंडोस्कोपी के दौरान ली गई बायोप्सी क्रोहन रोग के उपचार का निर्णय लेने में मदद करती है।

यूजीआई एंडोस्कोपी की अवश्यकता इन लक्षणों में भी होती है:

  1. अक्सर पेट में दर्द 

  2. ऊपरी पाचन तंत्र से रक्तस्राव

  3. बार बार मतली और उलटी 

  4. खाना ठीक से निगल नही पाना

  5. वजन अचानक से घटना

एंडोस्कोपी के फायदे

एंडोस्कोपी का मतलब केवल नैदानिक परीक्षण नही है। एंडोस्कोपी के फायदे मुख्य रूप से दो प्रकार के हैं। एंडोस्कोपी के मुख्य फायदे इस प्रकार से हैं।

एंडोस्कोपी के चिकित्सीय लाभ 

  1.  सटीक निदान - एंडोस्कोपी आंतरिक अंगों और ऊतकों का प्रत्यक्ष दृश्य प्रदान करता है, जिससे विभिन्न चिकित्सा स्थितियों का सटीक निदान संभव हो पाता है।

  2. प्रारंभिक जांच - एंडोस्कोपी बीमारियों का उनके प्रारंभिक चरण में पता लगा सकता है, जिससे सफल उपचार की संभावना में बढ़ जाती है।

  3. न्यूनतम नुकसानदाई - यह ओपन सर्जरी की आवश्यकता को कम करता है, रोगियों के लिए दर्द, घाव और ठीक होने में लगने वाले समय को कम करता है।

  4. लक्षित उपचार - एंडोस्कोपी के दौरान चिकित्सा भी की जा सकती है, जैसे पॉलीप्स को हटाना, रक्तस्राव अल्सर का इलाज करना, या अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए स्टेंट लगाना।

  5. ऊतक का नमूना लेना - कैंसर या अन्य बीमारियों के संदिग्ध क्षेत्रों का विश्लेषण करने के लिए एंडोस्कोपी के दौरान बायोप्सी ली जा सकती है।

  6. जटिलताओं में कमी - ओपन सर्जरी की तुलना में, एंडोस्कोपी में आम तौर पर जटिलताओं और संक्रमण का जोखिम कम होता है।

एंडोस्कोपी के तकनीकी फायदे

  1. प्रत्योक्षकरण - एंडोस्कोप पर लगा उच्च-परिभाषा कैमरा आंतरिक अंगों का स्पष्ट और विस्तृत छवियां प्रदान करता हैं। इससे सटीक निदान और उपचार में सहायता होती हैं।

  2. न्यूनतम इनवेसिव - एंडोस्कोपिक प्रक्रिया में पारंपरिक सर्जरी की तुलना में प्राकृतिक शरीर के छिद्र की आवश्यकता होती है। इस वजह से आघात, दर्द और आरोग्य  प्राप्ति का समय कम हो जाता है। 

  3. सटीक कार्यक्षमता - एंडोस्कोपिक उपकरण सटीक कार्य करते है। जैसे पॉलीप्स को हटाना, बायोप्सी लेना, या जटिल सर्जरी करना। 

  4. वास्तव-वक्त का चित्रण - वास्तविक वक्त के चित्रण से डॉक्टर वास्तविक समय में आंतरिक अंगों के परिवर्तनों का निरीक्षण  कर सकते है। साथ में प्रक्रिया के दौरान 

जिससे प्रक्रियाओं के दौरान निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।

  1. दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच - एंडोस्कोपी उन क्षेत्रों तक पहुंच सकती है जहां खुली सर्जरी के बिना पहुंचना असंभव है।

एंडोस्कोपी के प्रकार

एंडोस्कोपी मानवी शरीर के कई पहलुओं की खोज, और चिकित्सा तकनीक है जो विभिन्न रूपों से की जाती है। हर एक प्रकार को मानव शरीर के विभिन्न अंगों को उजागर करने के लिए तैयार किया गया है। विभिन्न अंगों के उपयोग के आधार पर इनके प्रकार को विभाजन किया गया है। यहां कुछ प्रकार के एंडोस्कोपी टेस्ट के नाम दिए गए हैं: 

  1. आर्थ्रोस्कोपी: यह जोड़ों के लिए की जानेवाली जांच है।आर्थ्रोस्कोपी के माध्यम से घुटने के जोड़ की चोट या क्षति, कंधे के जोड़ की चोट या क्षति, कूल्हे के जोड़ की समस्याएँ, और अन्य जोड़ों की समस्याओं के निदान और उपचार में मदद मिलती है।

  2. ब्रोंकोस्कोपी: यह फेपड़ों के अंदर देखने के लिए की जानेवाली जांच है। ब्रोंकोस्कोपी के जरिए फेफड़ों की समस्याओं का निदान करने में मदद मिलाती है। इसके माध्यम से डॉक्टर ट्यूमर्स को हटा सकते हैं, फेफड़ों की रुकावटों को दूर कर सकते हैं, और बायोप्सी भी कर सकते हैं। ब्रोंकोस्कोपी से प्राप्त जानकारी के आधार पर डॉक्टर को उपचार की सही योजना बनाने में मदद मिलती है।

  3. कोलोनोस्कोपी और सिग्मायोडोस्कोपी: यह बड़ी आंत के अंदरूनी हिस्सों के परीक्षण के लिए की जानेवाली जांच है। कोलोनोस्कोपी से कॉलोन और रेक्टम की जांच की जा सकती है, जिससे कॉलोरेक्टल कैंसर के संकेतों का पता लगाया जा सकता है। यह प्रक्रिया कोलोन और रेक्टम के पॉलिप्स, ग्रॉन्थियां, या आंत के बीमारियों का निदान करने में मदद करती है। कोलोनोस्कोपी के द्वारा पॉलिप्स को हटाया जा सकता है, जिससे कॉलोरेक्टल कैंसर के जोखिम कम हो जाता है।

  4. सिस्टोस्कोपी और यूरेट्रोस्कोपी: यह जांच मूत्र प्रणाली के अंदर देखने के लिए की जाती है। सिस्ट्रोस्कोपी से मूत्र नलिकाओं, मूत्राशय, और प्रोस्टेट की जाँच और मूत्ररोगों को पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा प्रोस्टेट के पैथोलॉजी नमूनों के लिए में भी यह जांच फायदेमंद है।

  5. लैप्रोस्कोपी: यह पेट या श्रोणि के ऊपरी हिस्से के अंदर के परिक्षण के लिए की जाती है। यह चिकित्सकों को अंदरूनी जांच करने में मदद करता है, जिससे विभिन्न रोगों की निदान और उपचार किया जा सकता है।

एंडोस्कोपी की तैयारी

एंडोस्कोपी से गुजरने से पहले, एक सुरक्षित और सफल प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने आवश्यक हैं। उपवास के दिशानिर्देशों से लेकर चिकित्सा इतिहास पर चर्चा करने तक, एंडोस्कोपी की तैयारी कही आवश्यक पहलुओं के बारे में मार्गदर्शन करती है। आपको इस जांच के दौरान निम्न लिखी तैयारी करने की आवश्यकता होती है:

  1. भोजन और पेय: एंडोस्कोपी से छह से आठ घंटे पहले तक केवल साफ द्रव पदार्थ जैसे शोरबा, पानी, ब्लैक कॉफी या चाय का सेवन करें।

  2. दवाएं: एंडोस्कोपी परीक्षण से पहले ऐसी दवाएं लेना बंद करें जो रक्त को पतला करती हैं। साथ में अगर आप मधुमेह या उच्च रक्तचाप के लिए दवाएँ ले रहे है, तो उन्हें भी बदलने की आवश्यकता हो सकती है। 

एंडोस्कोपी टेस्ट की तैयारी के दौरान अपने चिकित्सक द्वारा दी गई हर एक सलाह का सटीक रूप से पालन करें।

एंडोस्कोपी परीक्षण प्रक्रिया

एंडोस्कोपी एक बाह्य रोगी प्रक्रिया है। ईसका मतलब है आपको अस्पताल में रहने की अवश्यकता नही है। आप उसी दिन घर जा सकते हैं। यह प्रक्रिया दर्दनाक नही होती पर थोड़ी सी असुविधाजनक हो सकती है। 

निम्न बिंदु से हम जानेंगे के गैस्ट्रो एसोफेजियल (पेट अन्नालिका) एंडोस्कोपी कैसे होता है: 

  1. आपको अंतःशिरा, स्थानीय संज्ञाहरण या सार्वदैहिक संज्ञाहरण जैसे किसी एक प्रकार का एनेस्थीसिया दीया जाता है। एनेस्थीसिया किस प्रकार का होगा यह आपकी स्तिथि पर आपके चिकित्सक निर्धारित करते है।

  2. एंडोस्कोपी परीक्षण प्रक्रिया के दौरान आपको बायीं और लेटने के लिए कहा जाता है।

  3. आपको सुन्न करने के लिए एक स्प्रे लगाया जाता है और दांतो की सुरक्षा के लिए माउथ गार्ड लगाया जाता है।

  4. इसके बाद एंडोस्कोप को मुंह से होते हुए ग्रासनली, पेट और ग्रहणी(पाचनांत्र) तक ले जाया जाता है।

  5. अंदर के अंगों को स्पष्ट रूप से देखने के लिए एंडोस्कोप के माध्यम से हवा डाली जाती है।

  6. इस दौरान एंडोस्कोप से लिए गए चित्र को संगणक के मॉनिटर पर देखा जाता है।

  7. अवश्यकता होने पर जीवोती जांच के लिए ऊतक का छोटा हिस्सा ले सकते है।

  8. एंडोस्कोपी टेस्ट प्रक्रिया के बाद किसी को आपको घर ले जाना चाहिए।

एंडोस्कोपी के बाद

ज्यादातर मामलों में, वे एंडोस्कोपी के अगले दिन अपनी नियमित गतिविधियों पर लौट सकते हैं।

एंडोस्कोपी के बाद, व्यक्ति को ठीक होने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होती है।  इसके अलावा भी आपको कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है जैसे:

  1. समझदारी से भोजन करें - डॉक्टर कुछ घंटों के लिए भारी या मसालेदार भोजन से दूर रहने की सलाह दे सकते हैं। हल्के, आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों से शुरुआत करना सबसे अच्छा है।

  2. गले की देखभाल - एंडोस्कोपी के बाद गले में खराश या सुन्न होना आम बात है। आमतौर पर, यह असुविधा कुछ ही घंटों में गायब हो जाती है।

  3. दर्द को प्रबंधित करें - यदि कोई दर्द या असुविधा है, तो वे एसिटामिनोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाओं का उपयोग कर सकते हैं।

  4. खाने और पीने की सावधानियां - उन्हें घुटन से बचने के लिए खाने या पीने से पहले गले की सुन्नता कम होने तक इंतजार करना चाहिए।

  5. डॉक्टर के आदेशों का पालन करें: डॉक्टर एंडोस्कोपी के बाद किसी भी आवश्यक देखभाल या दवाओं पर विशिष्ट मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इन निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है.

  6. असामान्य संकेतों पर नज़र रखें - असामान्य लक्षणों जैसे कि गंभीर सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, या बुखार, लालिमा या सूजन जैसे संक्रमण के संकेतों पर नज़र रखें। यदि इनमें से कुछ भी होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  7. ड्राइविंग सुरक्षा - आम तौर पर, यह सलाह दी जाती है कि प्रक्रिया वाले दिन ही भारी मशीनरी न चलाएं या न चलाएं, खासकर अगर उन्हें बेहोशी की दवा दी गई हो।

एंडोस्कोपी के परिणाम

एंडोस्कोपी टेस्ट के परिणाम आप खुद नही समझ सकते है। इसीलिए जब आपको परीक्षण के रिपोर्ट मिले तो अपने चिकित्सक से परामर्श करे। परिणाम दिखाएंगे कि क्या सब कुछ सामान्य है या सूजन, अल्सर या वृद्धि जैसे कोई असामान्य लक्षण हैं। चिकित्सक आपके रिपोर्ट को सटीक तरीके से समझा सकते है। जांच रिपोर्ट तुरंत मिल जाएगी।

एंडोस्कोपी के दौरान, डॉक्टर ने आगे के विश्लेषण के लिए ऊतकों के नमूने, जिन्हें बायोप्सी कहा जाता है, लिया होगा। यह किसी भी असामान्यता का कारण समझने की एक नियमित प्रक्रिया है।

यदि पॉलीप या छोटी वृद्धि जैसी समस्या पाई गई थी, तो डॉक्टर ने एंडोस्कोपी के दौरान इसे हटा दिया होगा, जिससे तत्काल राहत मिलेगी।

एंडोस्कोपी परीक्षण के बाद उपचार

एंडोस्कोपी के बाद, बेहतर स्वास्थ्य के लिए योजना बनाई जाती है। यह योजना, आपकी विशिष्ट स्थिति और प्रक्रिया के निष्कर्षों के अनुरूप, दवा आहार, और संभावित जीवनशैली को समायोजित कर बनाई जाती है। एंडोस्कोपी टेस्ट के दौरान जिस भी रोग का निदान होता है, उसके हिसाब से आगे का इलाज किया जाता है जैसे:

  1. व्रण - अगर व्रण निकलता है तो  सुजनरोधी दवा दी जाती है।

  2. रक्तस्राव - अंदर किसी वजह से रक्तस्राव हो रहा हो तो रक्तस्राव रोधी दवा दी जाती है।

  3. अन्नानलिका संकुचन - यदि संकुचित अन्ना नलिका होती हा, तो उसका निवारण किया जाता है।

  4. कैंसर - नाकड़ा या कैंसर की गांठ होने पर उसे हटाने की शल्य चिकित्सा की सलाह दी जाती है।

एंडोस्कोपी परीक्षण के जोखिम

एंडोस्कोपी आम तौर पर सुरक्षित है, लेकिन इसके कुछ जोखिम भी हैं जिनके बारे में जागरूक रहना जरूरी है। विशिष्ट जोखिम इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर के किस हिस्से की जांच की जा रही है।

संभावित जोखिमों में शामिल हैं:

  1. अत्यधिक उनींदापन महसूस होना (बेहोशी की दवा की हमेशा आवश्यकता नहीं होती है)

  2. अस्थायी सूजन और हल्की ऐंठन

  3. आमतौर पर लोकल एनेस्थेटिक के कारण कुछ घंटों के लिए गला सुन्न हो जाना

  4. जांच किए गए क्षेत्र में संक्रमण, मुख्य रूप से जब अन्य प्रक्रियाएं एक साथ की जाती हैं (आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज योग्य)

  5. जहां एंडोस्कोपी की गई वहां लगातार दर्द बना रहा

  6. दुर्लभ लेकिन गंभीर जटिलताएँ जैसे पेट या अन्नप्रणाली की परत में आँसू (वेध)

  7. मामूली आंतरिक रक्तस्राव, जिसे अक्सर प्रक्रिया के दौरान ठीक किया जा सकता है

एंडोस्कोपी परिक्षण की कीमत

एंडोस्कोपी की कीमत ₹ २,००० से १०,५०० बीच हो सकती है। हालांकि सटीक मूल्य एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भिन्न हो सकती है। इसके अलावा अलग अलग शहरों में एंडोस्कोपी की कीमत थोड़ी अलग हो सकती है।

टेस्ट 

कीमत

एंडोस्कोपी

₹ २,००० से १०,५००

निष्कर्ष

एंडोस्कोपिक प्रक्रियाएं आमतौर पर न्यूनतम इनवेसिव होती हैं। यह मुंह, गुदा या छोटे चीरे से किया जा सकता है। इन प्रक्रियाओं का उपयोग विभिन्न स्थितियों की जांच, निदान या उपचार के लिए किया जा सकता है। 

वैसे तो एंडोस्कोपी का मतलब और उससे जुड़ी सारी जानकारी आप इस लेख में जान गए है। अगर आप एंडोस्कोपी से जुड़ी और जानकारी चाहते है तो HexaHealth के परिणित समूह से संपर्क करे। हमारी व्यक्तिगत देखभाल आपके किसी भी प्रश्न, संदेह या चिंता का समाधान करेगी।

अधिक पढ़ने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर जा सकते हैं

  1. Colonoscopy
  2. Cystoscopy

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

एंडोस्कोपी एक नैदानिक एवं चिकित्सा प्रक्रिया है। इसमें चिकित्सक शरीर के अंदर की स्थिति देख सकते है। यह एंडोस्कोप नाम के ट्यूब के जरिए की जाती है। यह लंबी और लचीली पतली ट्यूब होती है जिसके एक सिरे में कैमरा होते है। इसे शरीर के प्राकृतिक छिद्र जैसे मुंह या गुदा के द्वारा अंदर डाला जाता है।

एंडोस्कोपी करने के कही अलग अलग कारण होते है। कुछ मुख्य कारणों में शामिल है:

  1. खाना निगलने में दिक्कत 

  2. अचानक से वजन कम होना

  3. पेट दर्द 

  4. उलटी और मतली 

  5. पेट या ग्रासनली से रक्तस्राव

एंडोस्कोपी परीक्षण में एक पतली, लचीली ट्यूब का इस्तेमाल होता है, जिसे एंडोस्कोप कहा जाता है। 

  1. इस ट्यूब के एक सिरे में कैमरा और लाइट लगा होता है। 

  2. इस ट्यूब तो मुंह के जरिए ग्रासनली से होते हुए पेट की ओर बढ़ाया जाता है। 

  3. यह ट्यूब पेट और ग्रासनली के हिस्सों की तस्वीर को कंप्यूटर के स्क्रीन पर चित्र रूप में प्रदर्शित करती है।

ऊपर के जीआई एंडोस्कोपी के अलावा भी एंडोस्कोपी के और भी प्रकार है जैसे:

  1. कोलोनोस्कोपी 

  2. ब्रोंकोस्कोपी

  3. सिस्टोस्कोपी 

  4. हिस्टेरोस्कोपी

  5. कैप्सूल एंडोस्कोपी

  6. आर्थोस्कोपी

  7. लैप्रोस्कोपी

एंडोस्कोपी परीक्षण के लिए आपके चिकित्सक द्वारा दिए गए हर निर्देश का पालन करें। परीक्षण से ८ घंटे पहले तक कुछ भी खाने या पीने से मना किया जाता है।

एंडोस्कोपी के दौरान निम्न रोग स्थितियों का पता चलता है जैसे:

  1. गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग 

  2. कैंसरयुक्त और गैर-कैंसरयुक्त गांठ

  3. ग्रासनलीशोथ

  4. जठरशोथ

  5. ग्रहणीशोथ

  6. सीलिएक रोग

  7. क्रोहन रोग

  8. पेप्टिक अल्सर

  9. निगलने संबंधी विकार

ऊपरी एंडोस्कोपी को पूरा होने में आमतौर पर ३० मिनट लगते हैं। जब प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी, तो डॉक्टर धीरे से एंडोस्कोप को हटा देंगे। फिर आप एक रिकवरी रूम में जाएंगे।

एंडोस्कोपी परीक्षण दर्दनाक प्रक्रिया नही है। पर थोड़ी असुविधा हो सकती है।

एंडोस्कोपी की कीमत एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भिन्न हो सकती है। इसी तरह एंडोस्कोपी की कीमत एक शहर से दूसरे शहर में अलग हो सकती है। आम तौर पर एंडोस्कोपी का मूल्य २,००० से १०,५०० जो एंडोस्कोपी के प्रकार पर आधारित है।

एंडोस्कोपी के प्रक्रिया के बाद, आपको रिकवरी रूम में ले जाया जाएगा जहा आपको कुछ समय तक निगरानी में रखा जाएगा। इसके अलावा 

  1. एंडोस्कोपी प्रक्रिया के बाद गैस जैसा महसूस हो सकता है।

  2. आपको निगलते समय कुछ दिनों तक गले में खराश और दर्द महसूस हो सकता है।

  3. एंडोस्कोपी के बाद मतली और उलटी भी महसूस हो सकती है।

आम तौर पर एंडोस्कोपी के फायदे ज्यादा है। पर कभी कभी कुछ जोखिम हो सकते है जैसे:

  1. अंग में छिद्र होना

  2. अत्यधिक रक्तस्राव

  3. एंडोस्कोपी के बाद संक्रमण

  4. एनेस्थीसिया से एलर्जी की प्रतिक्रिया

सन्दर्भ

हेक्साहेल्थ पर सभी लेख सत्यापित चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त स्रोतों द्वारा समर्थित हैं जैसे; विशेषज्ञ समीक्षित शैक्षिक शोध पत्र, अनुसंधान संस्थान और चिकित्सा पत्रिकाएँ। हमारे चिकित्सा समीक्षक सटीकता और प्रासंगिकता को प्राथमिकता देने के लिए लेखों के संदर्भों की भी जाँच करते हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी विस्तृत संपादकीय नीति देखें।


  1. Upper Endoscopy: What Is It, Who Needs It, Risks & Benefits [Internet]. Cleveland Clinic. 2021.link
  2. John Hopkins Medicine. Upper GI Endoscopy [Internet]. John Hopkins Medicine. 2019.link
  3. Endoscopy [Internet]. medlineplus.gov.link
  4. Endoscopy [Internet]. www.healthdirect.gov.au. [cited 2023 Sep 19]. link
  5. Better Health Channel. Endoscopy [Internet]. Vic.gov.au. 2012. link
  6. Akarsu M, Akarsu C. Evaluation of New Technologies in Gastrointestinal Endoscopy. JSLS : Journal of the Society of Laparoendoscopic Surgeons. 2018;22(1):e2017.00053.link

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

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