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कॉलेस्टेटोमा क्या है? - कारण, लक्षण व इलाज | Cholesteatoma in Hindi

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Dr. Aman Priya Khanna
Cholesteatoma In Hindi

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Cholesteatoma In Hindi
Medically Reviewed by Dr. Aman Priya Khanna Written by Sangeeta Sharma

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कोलेस्टेटोमा एक असामान्य, गैर-कैंसरस वृद्धि है जो कान के पर्दे के पीछे, मध्य कान में विकसित होती है। यह जन्मजात असामान्यता या बार-बार होने वाले संक्रमण के कारण हो सकता है। ये अक्सर सिस्ट या थैले के रूप में विकसित होते हैं, जो पुरानी त्वचा की परतों को उतारते हैं।
कान में दर्द, मवाद जैसे स्राव और कान में बढ़ता दबाव कोलेस्टेटोमा के कुछ लक्षण हो सकते हैं। आइए हम कोलेस्टेटोमा के बारे के बारे में पढ़ें, इसके चित्रों को देखें, इसके कारण, लक्षण, प्रकार, निदान, उपचार, रोकथाम इत्यादि के बारे में अधिक जाने।

बीमारी का नाम कोलेस्टेटोमा
लक्षण दीर्घकालिक या बार बार कान में पानी होना, कान से स्राव, सुनाई न देना
कारण कान का दीर्घकालिक संक्रमण, साइनस संक्रमण, जुकाम, एलर्जी
निदान शारीरिक परीक्षा, श्रवण परीक्षण, सीटी स्कैन, एमआरआई
इलाज कौन करता है? ओटोलेरींगोलॉजिस्ट
उपचार के विकल्प टाइम्पेनोमास्टोइडेक्टोमी (कर्णपटलछेदन)

कोलेस्टेटोमा क्या है?

कोलेस्टेटोमा एक असामान्य गैर-कैंसरसियस सिस्ट जैसी वृद्धि है जो मध्य कान में कान के परदे (ईयरड्रम) के पीछे बढ़ती है। यह दोष जन्म से हो सकता है या बार-बार संक्रमण से उत्पन्न हो सकता है। आगे चलकर सिस्ट बड़ा हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कान की छोटी हड्डियां टूट जाती हैं।

कोलेस्टेरिटोमा के प्रकार

कोलेस्टेटोमा मध्य कान में ऊतकों का हानिरहित संग्रह है।  मध्य कान कोलेस्टेटोमा के तीन प्रमुख प्रकार हैं :
  1. प्राथमिक अधिग्रहित कोलेस्टेटोमा: प्राथमिक कोलेस्टेटोमा तब उत्पन्न होता है जब यूस्टेशियन ट्यूब में असमान दबाव और अनुचित जलनिकासी होती है। इसके परिणामस्वरूप ईयरड्रम मध्य कान के तरफ हट जाता है और इस कारण कान का मैल (इयर वैक्स) इकट्ठा होता है।
  2. द्वितीयक अधिग्रहित कोलेस्टीटोमा: द्वितीयक अधिग्रहित कोलेस्टेटोमा तब होता है जब फटी हुई त्वचा की कोशिकाएं ईयरड्रम के पीछे एकत्रित होती हैं।
  3. जन्मजात कोलेस्टेटोमा: यह दोष भ्रूण विकास के दौरान होता है। इस स्थिति में त्वचा की कोशिकाएं मध्य कान में फंस जाती हैं।

कोलेस्टेटोमा के लक्षण

कोलेस्टेटोमा से संबंधित लक्षण आमतौर पर हल्के से शुरू होते हैं। लक्षण तब गंभीर हो जाते हैं जब सिस्ट आकार में बढ़ते हैं और कान को प्रभावित करते हैं। कोलेस्टेटोमा के कुछ लक्षण हैं:
  1.  चक्कर आना
  2. कान से स्राव निकालना, जो इसप्रकार हो सकते हैं:
    1. गहरे रंग का 
    2. चिपचिपा
    3. बदबुदार
    4.  मवाद जैसा
    5. कान का गंधक के समान
  3. कान में दर्द
  4. सूंघने की शक्ति को प्रभावित करना 
  5. कान में बढ़ते दबाव की अनुभूति होना
  6. कान सुन्न पड़ना 
  7. वर्टिगो (चक्कर आना)
  8. टिननीटस (कान में आवाज़ होना)

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कोलेस्टेटोमा के कारण

किसी भी आयु वर्ग में या किसी भी लिंग के व्यक्ति में  कोलेस्टेटोमा विकसित हो सकता है। कोलेस्टेटोमा कई कारणों से होता है।  कोलेस्टीटोमा के कुछ कारण हैं:
  1. कान का क्रानिक संक्रमण
  2. साइनस संक्रमण
  3. जुकाम
  4. एलर्जी

कोलेस्टेटोमा का खतरा किस को हैं ?

मध्य कर्ण ऊतकों की असामान्य वृद्धि के कारण कोलेस्टेटोमा विकसित होता है। किसी व्यक्ति को कोलेस्टेटोमा विकसित होने का अधिक जोखिम होता है यदि उसे ये बीमारियां हैं:
  1. डाउन सिंड्रोम
  2. टर्नर सिंड्रोम
  3. कान का क्रानिक संक्रमण
  4. क्लेफ्ट पैलेट 
  5. यूस्टेशियन ट्यूब की निष्क्रियता
  6. कोलेस्टेटोमा का पारिवारिक इतिहास 
  7. बचपन में कान के कई संक्रमण

कोलेस्टेटोमा के रोकथाम

दुर्भाग्य से जन्मजात कोलेस्टेटोमा को रोका नहीं जा सकता। हालांकि, कोलेस्टेटोमा की स्थिति को और खराब होने से रोकने के लिए रोगी निम्नलिखित निवारक उपाय कर सकते हैं।
  1. अधिकांश मामलों में, कोलेस्टेटोमा कान के संक्रमण के कारण होता है। इसलिए, प्रारंभिक चरण में कान के संक्रमण का निदान और उपचार करने से कोलेस्टेटोमा को रोकने में मदद मिलेगी 
  2. आगे की जटिलताओं को रोकने के लिए कोलेस्टेटोमा का प्रारंभिक उपचार आवश्यक है।

कोलेस्टेटोमा का निदान कैसे किया जाता है?

एक ईएनटी (कान, नाक और गले) के विशेषज्ञ विभिन्न तरीकों से कोलेस्टेटोमा का निदान कर सकते हैं जैसे:
  1. शारीरिक परीक्षण: शारीरिक परीक्षण के दौरान, चिकित्सक ओटोस्कोप नामक उपकरण का उपयोग करके कान की जांच करेंगे। ओटोस्कोप एक उपकरण है जो कान के आंतरिक स्थान को देखने के लिए प्रकाश की किरण प्रदान करता है।
  2. श्रवण परीक्षण: चिकित्सक एक श्रवण परीक्षण भी कर सकते हैं जिसे ऑडियोग्राम के नाम से जाना जाता है, जो एर्ड्रम, मध्य कान और श्रवण तक पहुंच सकता है।
  3. सीटी स्कैन (कंप्यूटरीकृत टोमोग्राफी स्कैन): इसमें एक्स-रे की एक श्रृंखला शामिल है जो आंतरिक संरचनाओं जैसे हड्डियों, रक्त वाहिकाओं और कान के ऊतकों की एक विस्तृत तस्वीर दिखाती है। यह परीक्षण कान में क्षतिग्रस्त हड्डियों की जांच में मदद करता है।
  4. एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग): यह परीक्षण डॉक्टर को कान के संक्रमण के मस्तिष्क तक प्रसार होने का पता लगाने में मदद कर सकता है।

डॉक्टर से परामर्श की तैयारी कैसे करें?

यदि किसी व्यक्ति में कोलेस्टेटोमा के लक्षण दिखाई देते हैं, तो कान, नाक और गले के विशेषज्ञ (इएनटी) से परामर्श करें। 
नीचे कुछ जानकारी दी गई है कि विशेषज्ञ के साथ परामर्श से पहले एक रोगी की प्रकार से तैयारी कर सकता है।
  1.  सारे लक्षणों को सूची बनाए जो सुनने की तकलीफ, द्रव स्राव या कान संबंधी हो और अन्य सारे लक्षणों को भी शामिल करें जो असंबंधित प्रतीत होते हों।
  2. कान की समस्याओं से संबंधित प्रासंगिक घटनाओं को सूचीबद्ध करें, जैसे संक्रमण का इतिहास, हाल ही में कान की चोट या सिर पे आघात, या हाल ही में हवाई यात्रा।
  3. रोगी को अपने सारे दवाओं और पूरक आहार की सूची, जो वह लेती है, डॉक्टर को बतानी चाहिए।
  4. विशेषज्ञ से सवाल करें। पूछे जाने वाले कुछ सवाल इस प्रकार हैं:
    1. मेरी सुनने की क्षमता में कमी का कारण क्या है?
    2. इस स्थिति का सबसे अच्छा इलाज क्या है?
    3. भविष्य में मुझे किस प्रकार की फॉलो-अप अपॉइन्ट्मन्ट की आवश्यकता होगी?
    4. हमें कब दूसरे उपचारों पर विचार करने की ज़रूरत है?

कोलेस्टेटोमा के उपचार

कोलेस्टेटोमा की पहचान हो जाने के बाद, उस संक्रमित सिस्ट के उपचार के लिए, इन्फ्लमैशन कम करने के लिए, और कान के जलनिकासी के लिए,  संभवतः एंटीबायोटिक उपचार योजना, कान की बूंदें, और सावधानीपूर्वक कान की सफाई की सलाह दी जाएगी। इसके बाद सिस्ट के विकास विशेषताओं की चिकित्सक द्वारा अधिक अच्छी तरह से जांच की जा सकती है, और उसे शल्य चिकित्सा से हटाने की रणनीति बना सकते हैं। कोलेस्टेटोमा के उपचार के कुछ विकल्प हैं:

कोलेस्टीटोमा के बिना सर्जरी के इलाज

  1. हियरिंग एड: बेहतर सुनाई देने के लिए सर्जरी पूरी होने के बाद चिकित्सक कृत्रिम श्रवण सहायता (हियरिंग एड) भी निर्धारित कर सकते हैं।
  2. दवा: यदि संक्रमण के कारण कान में अत्यधिक द्रव स्राव होता है, तो सर्जरी से पहले कान को सूखने और सर्जरी के बाद आगे के संक्रमण को रोकने की आवश्यकता होती है। चिकित्सक आगे संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक कान की बूंदें निर्धारित कर सकते हैं।

कोलेस्टेटोमा के सर्जरी से इलाज

कोलेस्टेटोमा से पीड़ित लगभग सभी रोगियों को सर्जरी की आवश्यकता होती है। सर्जरी में निम्नलिखित दो प्रकियाएं होती है:

  1. मास्टोइडेक्टॉमी: इसमें कान से मास्टोइड (कान के पीछे की हड्डी) को हटाना शामिल है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इसे हटा दिया जाता है। यह सर्जरी दो तरह की है:
  2. खुला कैविटी: इसमें, कान में कैविटी बनाने के लिए पूरे मास्टॉयड हड्डी को हटा दिया जाता है। इसलिए इस सर्जरी को ओपन सर्जरी कहा जाता है।
  3. बंद कैविटी: इसमें, मास्टॉयड हड्डी की दीवार को संरक्षित किया जाता है, नहर जैसा कैविटी को छोड़ दिया जाता है।
  4. टाइम्पेनोप्लास्टी: इसमें इयरड्रम और श्रवण समस्याओं की मरम्मत शामिल है। इयरड्रम की मरम्मत कार्टिलेज ग्राफ्ट या कान के पीछे के मांसपेशियों के अस्तर का उपयोग करके की जाती है।
सर्जरी का नाम सर्जरी की कीमत
मास्टोइडेक्टॉमी  ₹ ५५,००० से ₹ ७५,०००
टाइम्पेनोप्लास्टी ₹ ३५ ,००० से ₹ १,१०,०००

कोलेस्टेटोमा के जोखिम और जटिलताएं

समय पर इलाज न होने पर कोलेस्टेटोमा मध्य कान के हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकता है या आंतरिक कान को नुकसान पहुंचा सकता है। कोलेस्टेटोमा के अन्य जोखिमों और जटिलताओं में शामिल हैं:
  1. दिमागी फोड़ा (ब्रैन ऐब्सेस)
  2. मैनिन्जाइटिस (मस्तिष्कावरण शोथ) 
  3. सुनने की तकलीफ 
  4. मस्तिष्क में सिस्ट का प्रसार
  5. अस्थि क्षरण (बोन इरोशन) संक्रमण और अन्य स्थितियों जैसे फोड़ा विकसित करने और चेहरे के पक्षाघात का कारण बनने की संभावना को बढ़ा सकता है।

 डॉक्टर को कब दिखाना है?

रोगी डॉक्टर से परामर्श कर सकता है यदि वह अनुभव करता है:
  1. कान का दर्द
  2. बहरापन
  3. कान में आवाज़ होना 
  4. चक्कर आना 
  5. मतली और उल्टी

कोलेस्टेटोमा के लिए पथ्य

खान-पान की आदतें कोलेस्टेटोमा का इलाज नहीं कर सकतीं। हालांकि, आहार इस स्थिति को विकसित करने के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। श्रवण स्वास्थ्य में सुधार के लिए कुछ खनिज भी महत्वपूर्ण तत्व हैं। इनमें शामिल हैं:
  1. पोटेशियम: आंतरिक कान में तरल पदार्थ को नियंत्रित करता है। पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों में आलू, पालक, लीमा बीन्स, टमाटर, किशमिश, खुबानी, केला, खरबूजे, संतरा, दही और कम वसा वाला दूध शामिल हैं।
  2. फोलिक एसिड: शरीर को नई कोशिका उत्पन्न करने में मदद करता है और शरीर में रक्त के संचलन को बढ़ाने में मदद करता है। फोलिक एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों में फोर्टिफाइड ब्रेकफास्ट सीरियल, लीवर, पालक और ब्रोकली शामिल हैं।
  3. मैग्नीशियम: जब तेज आवाजें होती हैं तो भीतरी कान के बालों की कोशिकाओं के लिए एक सुरक्षात्मक बाधा के रूप में कार्य करता है। मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों में केला, आलू, पालक और ब्रोकली शामिल हैं।
  4. जिंक: कोशिका वृद्धि को बढ़ाने और घावों को भरने के लिए जाना जाता है। जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों में काजू, बादाम, मूंगफली, बीन्स और मटर के दाने शामिल हैं।
  5. ओमेगा ३ वसा और विटामिन डी: इनमें एंटी-इन्फ्लैमटोरी और एंटी-ऐजिंग (बुढ़ापा रोधी) गुण होते हैं। ओमेगा ३ से भरपूर खाद्य पदार्थों में अलसी का तेल, क्रिल ऑयल, सैल्मन और सोयाबीन का तेल शामिल हैं।

अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल

कोलेस्टेटोमा एक असामान्य गैर-कैंसरयुक्त सिस्ट जैसी वृद्धि है जो मध्य कान में ईयरड्रम के पीछे बढ़ती है। यह एक जन्म दोष हो सकता है या बार-बार संक्रमण से बन सकता है।
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 कोलेस्टेटोमा से जुड़े लक्षण आमतौर पर हल्के शुरू होते हैं। हालांकि, सिस्ट आकार में बढ़ते हैं और कान को प्रभावित करते हैं जिससे कान में दर्द, चक्कर आना, कान सुन्न पड़ना और चक्कर आना शमिली हैं।
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कोलेस्टेटोमा किसी भी आयु वर्ग में विकसित हो सकता है। आमतौर पर, यह कान के पुराने संक्रमण, साइनस संक्रमण, सर्दी या एलर्जी के कारण होता है।
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आम तौर पर, कोलेस्टेटोमा दुर्लभ होता है, लेकिन अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो यह कान के अंदर की नाजुक संरचनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है जो सुनने और शारीरिक संतुलन के लिए आवश्यक हैं।
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कोलेस्टेटोमा सिस्ट का विकास वास्तव में तेज होता है। यदि एक भी कोशिका बची है, तो वे ९ महीनों में मोती बन सकती हैं जो आसानी से दिखाई देती हैं और सेकंड लुक (प्रधान सर्जरी के बाद, यह देखने के लिए की रोगी पूरी तरह ठीक हो गया या नहीं) सर्जरी में हटाए जा सकते हैं।
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आम तौर पर, कोलेस्टेटोमा कैंसर नहीं होता है। हालांकि, अगर उन्हें अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो वे अन्य जटिलताओं को जन्म दे सकते हैं जैसे कि सुनने की अक्षमता।
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यदि कोलेस्टेटोमा पाया जाता है तो उसके उपचार के लिए शल्य चिकित्सा ही एकमात्र विकल्प है। कोलेस्टेटोमा को हटाने के लिए सर्जिकल तरीकों में मास्टोइडेक्टोमी और टाइम्पेनोप्लास्टी शामिल हैं।
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कोलेस्टीटोमा का ऑपरेशन सामान्य संज्ञाहरण (जनरल अनेस्थेसीया) के तहत किया जाता है और इसे पूरा होने में आमतौर पर लगभग २ से ३ घंटे लगते हैं।
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पुराने कान के संक्रमण और खराब काम करने वाली यूस्टेशियन ट्यूब कोलेस्टेटोमा विकसित होने की संभावना को बढ़ाते हैं।
 
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आम तौर पर, जब सिस्ट बढ़ते हैं, तो यह कान में दबाव पैदा करता है जिससे असुविधा हो सकती है। इससे कान के अंदर या पीछे दर्द हो सकता है।
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यदि कोलेस्टेटोमा का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह आकार में बढ़ना जारी रख सकता है और चरम मामलों में मस्तिष्क को भी प्रभावित करना शुरू कर सकता है। इससे मस्तिष्क की झिल्ली में मवाद या संक्रमण हो सकता है।
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कोलेस्टेटोमा सर्जरी के बाद आमतौर पर मरीज़ को चक्कर आते हैं और मतली का एहसास होता है।
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कोलेस्टेटोमा सर्जरी की लागत परिवर्तनशील है, चुने गए अस्पताल के प्रकार, स्थिति की गंभीरता, अनुशंसित तकनीक, उम्र और अन्य स्वास्थ्य कारकों के आधार पर रोगी की चिकित्सा स्थिति आदि पर विचार करते हुए यह तय किया जाता है । मूल्य पारदर्शिता के लिए हेक्साहेल्थ से संपर्क करें।
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हाँ, सभी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं कोलेस्टेटोमा के उपचार को कवर करती हैं। आपकी ओर से हमारी टीम कागजी कार्रवाई करती है और यह सुनिश्चित करती है की आसानी से अनुमोदन और कैश-लेस सुविधा मिल जाए । एक साधारण कैश-लेस और परेशानी मुक्त अनुभव के लिए हेक्साहेल्थ से संपर्क करें।
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Last Updated on: 26 October 2022

Disclaimer: यहाँ दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सीखने के उद्देश्य से है। यह हर चिकित्सा स्थिति को कवर नहीं करती है और आपकी व्यक्तिगत स्थिति का विकल्प नहीं हो सकती है। यह जानकारी चिकित्सा सलाह नहीं है, किसी भी स्थिति का निदान करने के लिए नहीं है, और इसे किसी प्रमाणित चिकित्सा या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से बात करने का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।

समीक्षक

Dr. Aman Priya Khanna

Dr. Aman Priya Khanna

MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES

12 Years Experience

Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More

लेखक

Sangeeta Sharma

Sangeeta Sharma

BSc. Biochemistry I MSc. Biochemistry (Oxford College Bangalore)

6 Years Experience

She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More

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