घुटनों में दर्द क्यों होता है? - जानें इसका सही कारण और स्थायी समाधान
भारत में लगभग १५ करोड़ लोग घुटनों में होने वाले दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं। घुटनों का दर्द अक्सर दैनिक जीवन को भी प्रभावित करने लगता है। ऐसे में दर्द के साथ एक जगह बैठे रहना बेचैनी और शून्यता का एहसास कराता है।
घुटनों के दर्द का इलाज संभव है और दवाइयों या उपचार से ठीक न होने पर घुटने को सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट भी कर दिया जाता है। इसे घुटनों के दर्द का स्थायी इलाज कहा जा सकता है। चलिए जानते हैं कि घुटनों में दर्द क्यों होता है और इसके स्थायी इलाज के रूप में कौन - कौन से विकल्प उपलब्ध हैं ।
घुटनों का दर्द
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घुटनों में दर्द का कारण
चोट के कारण
चोट या फ्रैक्चर होने के कारण भी घुटनों में असहनीय दर्द हो सकता है। आमतौर पर लगने वाले चोट कुछ इस तरह हैं:- मीडियल कोलेटरल लिगामेंट: यह खिलाड़ियों को लगने वाला सामान्य चोट है जिसमे घुटनों के बीच का लिगामेंट आंशिक रूप से या पूरी तरह टूट जाता है।
- बर्साइटिस: शरीर के १५० जगहों पर तरल पदार्थ से भरी हुई थैलियां होती हैं जो हड्डियों में होने वाली रगड़, जलन और सूजन को कम करती हैं। इन द्रव युक्त थैलियों को बर्सा कहा जाता है। घुटनों के अधिक इस्तेमाल से बुर्सा में सूजन आ जाता है और दर्द करता है।
- नी - कैप डिसलोकेशन:अधिक वजन के कारण या कोई क्रियाकलाप करते समय पटेला हड्डी यानी घुटने की कटोरी अपने स्थान से हट जाती है जिससे घुटनों में दर्द होता है।
- मेनिस्कस (मिनिस्कस) टियर: अधिक भार के साथ अचनाक घुटनों के मुड़ने पर मिनिस्कस कार्टिलेज फट जाता है जिससे घुटनों में दर्द होता है।
अर्थराइटिस
घुटनों में होने वाले दर्द के मुख्य कारणों में से एक अर्थराइटिस भी है। घुटनों में दर्द होना निम्नलिखित अर्थराइटिस का संकेत भी हो सकता है:- रूमेटाइड अर्थराइटिस: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली खुद ही शरीर के ऊतकों को खत्म करने लगती है। विशेष रूप से घुटनों की बात करें तो रूमेटाइड अर्थराइटिस घुटनों के जोड़ों की परत पर असर डालता है जिससे सूजन और दर्द भी होता है। यह आगे चलकर हड्डियों को नष्ट करने लगता है जिससे शारीरिक विकलांगता भी हो सकती है।
- ओस्टियोअर्थराइटिस: यह उम्र के साथ होने वाली हड्डियों में होने वाली आम बीमारी है। ओस्टियोअर्थराइटिस में टेंडन और लिगामेंट नष्ट होने लगते हैं और धीरे - धीरे कार्टिलेज टूटने लगते हैं। इससे घुटनों में सूजन और दर्द बढ़ जाता है।
यांत्रिकी ( मैकेनिकल ) कारण
ऐसे क्रियाकलाप जिसमे बार - बार घुटनों के जोड़ों में रगड़ होती है। खासकर बच्चों और खिलाड़ियों में घुटनों का दर्द हड्डियों के अधिक इस्तेमाल से होता है।- पेटेलोफेमोरल सिंड्रोम: खेलकूद और दौड़भाग करने से घुटनों के ठीक ऊपर वाली परत में दर्द होता है। आमतौर पर यह आराम करने और सिकाई से ठीक हो जाता है।
- ऑस्गुड श्लैटर बीमारी: यह कम उम्र के युवाओं में होने वाली आम बीमारी है। ऑस्गुड श्लैटर में पटेला ( घुटनों की कटोरी ) के ठीक नीचे सूजन और दर्द होता है।
- टेंडोनाइटिस: घुटने की हड्डियों और मांसपेशियों को जोड़ने वाले ऊतकों को टेंडन कहते हैं। टेंडन में सूजन आने पर घुटनों के जोड़ों में कम या तेज दर्द हो सकता है।
अन्य कारण
- मोटापा: शरीर का वजन अधिक होने से हड्डियों और जोड़ों पर दबाव बढ़ जाता है जिससे जोड़ों में फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है और घुटनों में दर्द हो सकता है।
- वृद्धावस्था: आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कैल्शियम और हड्डियों की ग्रीस कम होने लगती है । इस अवस्था में घुटनों और अन्य जोड़ों में दर्द हो सकता है।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था में शरीर का वजन बढ़ने से घुटनों में दर्द देखा जा सकता है।
- पोषक तत्वों की कमी: हड्डियों को मजबूत रखने में कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, प्रोटीन, ओमेगा - 3 फैटी एसिड, विटामिन बी १२, विटामिन डी जैसे तत्व बहुत आवश्यक होते हैं। इन तत्वों की कमी होने से घुटनों में दर्द होता है।
घुटनों में दर्द का स्थायी इलाज
घुटनों में दर्द का गैर सर्जिकल उपचार
गैर सर्जिकल उपचार से घुटने का दर्द अस्थाई और स्थाई रूप से ठीक हो सकता है। कुछ मुख्य गैर सर्जिकल उपचार निम्नलिखित हैं:- जीवनशैली में बदलाव: घुटनों में दर्द होने के पीछे खराब जीवनशैली भी एक कारण हो सकती है। घुटनों के दर्द से आराम पाने के लिए पौष्टिक आहार जैसे ताजा फल, सब्जियां, मेवे और पानी संतुलित मात्रा में लेना चाहिए। ऐसे में शराब, धूम्रपान और फास्टफूड का सेवन करने से हड्डियां कमजोर होती हैं इसलिए इन चीजों का सेवन नही करना चाहिए।
- घरेलू उपाय: घुटनों के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू उपाय जैसे सिकाई की मदद ली जा सकती है। इसके अलावा हल्दी और दूध को मिलाकर सेवन करने से घुटनों का दर्द कम हो सकता है।
- व्यायाम: घुटनों के दर्द से आराम पाने में व्यायाम काफी हद तक मदद कर सकते हैं। कुछ असरदार व्यायाम जैसे हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच, लेग एक्सटेंशन, और हील स्ट्रेच करने से लिगामेंट, मांसपेशियो और टेंडन में लचीलापन बढ़ता है।
- दवाईयां: घुटनों में दर्द से आराम पाने के लिए दर्दनिवारक दवाईयां ली जा सकती हैं।
- इंजेक्शन: घुटनों का दर्द जब किसी घरेलू उपाय या दवा से ठीक नही होता है तो डॉक्टर इंजेक्शन दे सकते हैं जिससे घुटनों का दर्द स्थाई या अस्थाई रूप से ठीक हो सकता है।
घुटनों में दर्द का सर्जिकल उपचार
घुटनों में हुई गंभीर समस्या जो नॉन - सर्जिकल तरीको से ठीक नही हो पाती है उसे निम्नलिखित सर्जरी द्वारा ठीक किया जा सकता है:- आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी: इस सर्जरी में बहुत ही छोटे कैमरा की मदद से घुटनों में हुई समस्या को मॉनिटर पर साफ - साफ देखा जाता है। इस तकनीक की मदद से ऑर्थोपेडिक सर्जन जोड़ों और लिगामेंट में आई चोट या जटिलता को ठीक कर देता है।
- पार्शियल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी: इस सर्जरी में घुटनों के खराब हो चुके हिस्से और जिसकी वजह से दर्द होता है उसे निकाल दिया जाता है। खराब हो चुके हिस्से की जगह धातु और प्लास्टिक से बने हिस्से को ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। इस सर्जरी में छोटे - छोटे चीरे लगाए जाते हैं जिससे घावों को भरने में अधिक समय नहीं लगता है।
- टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें डैमेज हुए घुटने को पूरी तरह निकाल दिया जाता है। प्राकृतिक घुटने की जगह आर्टिफिशियल घुटने की ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है जो धातु, अच्छी गुणवत्ता के प्लास्टिक और पॉलिमर से बना होता है।
- ओस्टियोटॉमी: ओस्टियोटॉमी में घुटनों की अलाइनमेंट सही करने के लिए जांघ और पिंडली की हड्डी ( टिबिया ) को काटकर फिर से आकार दिया जाता है। इस प्रकार दर्द का स्थायी इलाज हो जाता है। आमतौर पर ओस्टियोटॉमी करने के बाद घुटनों को पूरी तरह ट्रांसप्लांट करने की जरूरत नहीं पड़ती है या फिर इसे कुछ समय के लिए टाला जा सकता है।
सारांश
घुटनों के दर्द का स्थायी इलाज अब हेक्साहेल्थ के माध्यम से बिल्कुल आसान है। HexaHealth पर उपलब्ध १५०० से भी अधिक एक्सपर्ट डॉक्टर मरीज को सर्जरी से जुड़ी सलाह निशुल्क देते हैं। सर्जरी के लिए हॉस्पिटल में भर्ती होने से लेकर पूरी तरह ठीक होने तक प्रशिक्षित हेक्साबडीज ( हेक्साहेल्थ टीम ) आपका पूरा ख्याल रखते हैं। हमारे २५०००+ पेशेंट हमारी सेवा से पूर्ण रूप से संतुष्ट और खुश हैं।
अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
घुटनों में दर्द होता है तो क्या करना चाहिए?
- घरेलू उपायों में जोड़ों की सिकाई, हल्दी दूध का सेवन, एसेंशियल ऑयल की मालिश, कैल्शियम युक्त आहार लेने से जोड़ों का दर्द कम हो सकता है।
- व्यायाम में मर्जारासन, सेतु - बंध सर्वांगासन, श्वानासन, नी टू चेस्ट स्ट्रेच आदि व्यायाम करने से घुटनों का दर्द कम हो सकता है।
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Updated on : 17 July 2023
समीक्षक
Dr. Aman Priya Khanna
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
लेखक
She has extensive experience in content and regulatory writing with reputed organisations like Sun Pharmaceuticals and Innodata. Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical conten...View More
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