बिलीरुबिन टेस्ट क्या है? - उद्देश्य, सामान्य स्तर, कीमत और कैंसे बुक करें?
Table of Contents
- बिलीरुबिन क्या है? - Bilirubin Meaning in Hindi
- बिलीरुबिन टेस्ट का उद्देश्य
- बिलीरूबिन टेस्ट का सामान्य स्तर- Bilirubin Normal Range
- बिलीरुबिन क्यों बढ़ता है?
- बिलीरुबिन टेस्ट कब करवाएं
- बिलीरूबिन टेस्ट के तरीके
- बिलीरूबिन टेस्ट बुक करने का तरीका
- बिलीरूबिन टेस्ट की कीमत
- बिलीरुबिन कैसे कम करें?
- सारांश
- अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
- सन्दर्भ
बिलीरुबिन टेस्ट एक प्रकार का डायग्नोस्टिक टेस्ट होता है जो मुख्य रूप से लिवर की स्वस्थता के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इस टेस्ट के माध्यम से, रोगी के शरीर में बिलीरुबिन के स्तर के बारे में जानकारी मिलती है।
बिलीरुबिन टेस्ट की कीमत टेस्ट की विधि और जगह के आधार पर भिन्न होती है। आप अपने निकटतम डॉक्टर या मेडिकल लैब से टेस्ट बुक कर सकते हैं। बिलीरुबिन टेस्ट के बारे में अधिक जानने के लिए यह ब्लॉग पढ़ें।
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बिलीरुबिन क्या है? - Bilirubin Meaning in Hindi
बिलीरुबिन (bilirubin in hindi) एक पीले रंग का तरल पदार्थ होता है जो लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनता है। यह पीले रंग का पदार्थ लिवर से पाचन प्रक्रिया के दौरान शरीर से बाहर निकल जाता है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है तो इसकी वजह से उसे लिवर से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।
बिलीरुबिन टेस्ट Bilirubin test in Hindi
बिलीरुबिन टेस्ट एक प्रकार का साधारण ब्लड टेस्ट है। यह टेस्ट रक्त में बिलीरुबिन के स्तर को जांचने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के माध्यम से पीलिया, एनीमिया और लिवर की बीमारियों का पता लगाया जाता है। इसलिए शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा को पता लगाने के लिए रक्त और मूत्र परीक्षण टेस्ट करवाना जरूरी होता है ताकि सही उपचार करवाया जा सके।
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बिलीरुबिन टेस्ट का उद्देश्य
बिलीरुबिन टेस्ट को कराने का मुख्य उद्देश्य बच्चों या व्यस्को में लिवर और पित्त की नली से जुड़े हुए रोगों का निदान करना होता है। निम्नलिखित इसके अन्य उद्देश्य हैं:
- पित्त नलिका, लिवर या पित्ताशय में ब्लॉकेज का पता लगाना
- लिवर की बिमारियों जैसे हैपेटाइटिस का अनुसंधान करना
- लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से एनीमिया की जांच करना
- शरीर में किसी भी दवा के विषाक्तता की पहचान करना
बिलीरूबिन टेस्ट का सामान्य स्तर- Bilirubin Normal Range
स्वस्थ व्यक्ति में बिलीरूबिन का स्तर सामान्य (bilirubin normal range) होता है। हालांकि नवजात शिशुओं में कुछ दिनों के लिए बिलीरूबिन का स्तर अधिक देखा गया है। बिलीरूबिन टेस्ट में तीन तरह से बिलीरूबिन के स्तर को दर्शाया जाता हैI यह निम्नलिखित है:
- इनडायरेक्ट बिलीरुबिन (Indirect Bilirubin Level) : इनडायरेक्ट बिलीरुबिन के लिए 0.2 से 1.2 मिलिग्राम प्रति डेसीलिटर सामान्य स्तर है।
- डायरेक्ट बिलीरुबिन (Direct Bilirubin in Hindi) : डायरेक्ट बिलीरुबिन के लिए 0.3 मिलिग्राम प्रति डेसीलिटर या इससे कम सामान्य स्तर है।
- टोटल बिलीरूबिन (Total Bilirubin in Hindi) : टोटल बिलीरुबिन के लिए सामान्य स्तर 0.0 से लेकर 1.4 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर है।
बिलीरुबिन क्यों बढ़ता है?
बिलरूबिन का स्तर कई कारणों से बढ़ सकता है। विशेषतौर पर लिवर और पित्त नलिका से जुड़ी बीमारियां में बिलरूबिन का स्तर अधिक देखा जा सकता है। बिलीरुबिन क्यों बढ़ता है के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- लिवर संबंधित कारण
जिगर की बीमारी पित्त के उत्पादन और प्रवाह में हस्तक्षेप कर सकती है, जिससे शरीर में पित्त के स्तर में वृद्धि हो सकती है। लिवर रोग के कुछ सामान्य कारण जो पित्त के स्तर को बढ़ा सकते हैं उनमें शामिल हैं:- हेपेटाइटिस : यह वायरल संक्रमण के कारण लीवर की सूजन का कारण बनता है।
- सिरोसिस : यह लंबे समय तक क्षति या बीमारी के कारण लीवर को खराब कर देता है।
- पित्त नली बाधा : पित्त नलिकाओं की रुकावट जो पित्त पथरी, ट्यूमर या अन्य कारकों के कारण हो सकती है।
- एल्कोहॉलिक फैटी लिवर : जब लंबे समय तक शराब के दुरुपयोग के कारण जिगर की क्षति होती है।
- नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर बीमारी : यह तब होता है जब यकृत में वसा का निर्माण होता है जिसके परिणामस्वरूप सूजन होती है।
- रक्त संबंधित कारण
कुछ रक्त विकार लाल रक्त कोशिका के टूटने में वृद्धि का कारण बन सकते हैं, जिससे शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाता है। रक्त विकारों के उदाहरण जो बिलीरुबिन के स्तर को बढ़ा सकते हैं उनमें शामिल हैं:- हेमोलिटिक एनीमिया : यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर लाल रक्त कोशिकाओं को उनके उत्पादन की तुलना में तेजी से नष्ट कर देता है।
- सिकल सेल एनीमिया : एक वंशानुगत रक्त विकार जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं विकृत हो जाती हैं और सामान्य कोशिकाओं की तुलना में अधिक आसानी से टूट जाती हैं।
- थैलेसीमिया : यह हीमोग्लोबिन के उत्पादन को प्रभावित करता है।
- जीवनशैली संबंधित कारण
जीवन शैली के कारक भी शरीर में पित्त के स्तर में वृद्धि में योगदान कर सकते हैं। उदाहरण में शामिल हैं:- गतिहीन जीवनशैली : अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि पित्त पथरी और अन्य स्थितियों के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती है जो पित्त उत्पादन और प्रवाह को प्रभावित कर सकती हैं।
- मोटापा : अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने से पित्त पथरी और गैर मादक वसायुक्त यकृत रोग विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है, ये दोनों पित्त के स्तर को बढ़ा सकते हैं।
- आहार : वसा में उच्च और फाइबर में कम आहार लेने से पित्त उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। यह पित्त पथरी के निर्माण में योगदान कर सकता है, जो इसके नलिकाओं को अवरुद्ध करके स्तर में वृद्धि कर सकता है।
- दवाएं : कुछ दवाएं, जैसे जन्म नियंत्रण की गोलियाँ और कुछ कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं, बिलरूबिन का स्तर बढ़ा सकती हैं।
बिलीरुबिन टेस्ट कब करवाएं
जब रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है तो शरीर में कई प्रकार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ऐसे में अगर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए जो बिलीरूबिन टेस्ट करवाने की सलाह दे सकता है:
- आंखों में पीलापन दिखाई देना
- पेट दर्द
- भूख ना लगना
- उल्टी आना
- थकान महसूस होना
बिलीरूबिन टेस्ट के तरीके
बिलीरूबिन टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल के साथ - साथ यूरिन सैंपल भी लिया जा सकता है। बिलीरुबिन टेस्ट निम्नलिखित दो तरीके से होता है:
- बिलीरुबिन रक्त परीक्षण
बिलीरुबिन रक्त परीक्षण आपके रक्त में बिलीरुबिन के स्तर को मापता है। बिलीरुबिन की मात्रा जानने के लिए खून का परीक्षण किया जाता है जिसकी प्रक्रिया इस प्रकार से है:- एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर एक छोटी सुई का उपयोग करके आपकी बांह की नस से रक्त का नमूना एकत्र करेगा।
- संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए क्षेत्र को एंटीसेप्टिक से साफ किया जा सकता है।
- एकत्र किए गए रक्त के नमूने पर आपका नाम और पहचान करने वाली अन्य जानकारी का लेबल लगा होता है।
- आपके रक्त में बिलीरुबिन के स्तर को मापने के लिए रक्त के नमूने का विश्लेषण किया जाता है। बिलीरुबिन परीक्षण कुल बिलीरुबिन और प्रत्यक्ष बिलीरुबिन दोनों को मापता है।
- आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता परीक्षण के परिणाम प्राप्त करेगा और आपको परिणामों की व्याख्या करेगा।
- बिलीरुबिन यूरिन टेस्ट
बिलीरुबिन यूरिन टेस्ट के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाती है:- आपको एक साफ मूत्र कंटेनर दिया जाएगा, और आपको निर्देश दिया जाएगा कि मूत्र का नमूना कैसे एकत्र किया जाए।
- एकत्रित मूत्र के नमूने पर आपका नाम और पहचान करने वाली अन्य जानकारी का लेबल लगाया जाएगा।
- आपके मूत्र में बिलीरुबिन के स्तर को मापने के लिए मूत्र के नमूने का विश्लेषण किया जाता है। बिलीरुबिन परीक्षण आपके मूत्र में बिलीरुबिन की मात्रा को मापता है और यूरोबिलिनोजेन (एक पदार्थ जो शरीर में बिलीरुबिन के टूटने पर उत्पन्न होता है) की उपस्थिति का पता लगा सकता है।
- आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता परीक्षण के परिणाम प्राप्त करेगा और परिणामों की व्याख्या करेगा।
बिलीरूबिन टेस्ट बुक करने का तरीका
बिलीरुबिन टेस्ट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से करवाया जा सकता है। दोनो ही तरीके काफी सुविधाजनक हैं। बिलीरूबिन टेस्ट बुक करने के दोनों तरीके निम्न हैं:
- बिलीरूबिन टेस्ट की ऑनलाइन बुकिंग
- किसी भी विश्वसनीय हॉस्पिटल या मेडिकल कम्पनी की वेबसाइट पर जाएं और लैब टेस्ट का पेज खोलें।
- पेज खुलने के बाद टेस्ट पैकेज चुनें और जरुरी जानकारी (नाम, मोबाइल नंबर, पता, इत्यादि) भरें। इसके बाद सैंपल लेने का समय चुनें।
- फिर शुल्क जमा करें। इसके बाद एक रसीद मिल जाती है जिसमे बिलीरूबिन टेस्ट बुकिंग से जुड़ी सारी डिटेल मिल जाती है।
- अंततः लैब टेक्नीशियन आपके दिए गए पते और समय पर पहुंचकर सैंपल लेता है।
- ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा लिए गए ब्लड सैंपल की रिपोर्ट आमतौर पर २४ से ४८ घंटों के भीतर आप को ईमेल कर दिया जाता है।
- बिलीरूबिन टेस्ट की ऑफलाइन बुकिंग
- बिलीरूबिन टेस्ट कराने के लिए स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में जाएं।
- वहां पर डॉक्टर की सलाह पर आसानी से ब्लड सैंपल लिया जाता है।
- ऑफलाइन प्रक्रिया में बिलीरूबिन टेस्ट की रिपोर्ट २४ घंटे के अंदर मिल जाता है।
- बिलीरूबिन यूरिन टेस्ट की रिपोर्ट आने में लगभग १ से ३ दिन का समय लग सकता है।
बिलीरूबिन टेस्ट की कीमत
तकनीक बढ़ने के कारण आजकल बिलीरूबिन टेस्ट २ माध्यमों से किए जाते हैं। दोनों माध्यमों में टेस्ट का खर्च निम्न प्रकार से है:
- ऑफलाइन कीमत
- भारत के किसी भी सरकारी अस्पताल में बिलीरुबिन टेस्ट की कीमत २० रुपए से ३० रुपए तक हो सकती है।
- अगर निजी (प्राइवेट) अस्पतालों की बात करें तो यह शहर के अनुसार अलग - अलग हो सकता है जैसे चेन्नई और दिल्ली में २५० रूपए, मुंबई और पुणे में २८० रूपए लग सकते हैं।
- प्राइवेट अस्पतालों में आमतौर पर बिलरूबिन टेस्ट का औसतन मूल्य ६५ रुपए से लेकर ३०० रुपए तक हो सकता है।
- ऑनलाइन कीमत
- टेस्ट शुल्क को ऑनलाइन जमा करना होता है।
- कई निजी अस्पताल और मेडिकल कंपनियां स्वास्थ्य की जांच के लिए २०० रुपए से लेकर ८०० रुपए तक का शुल्क लेती हैं जिसमे बिलीरुबिन के साथ - साथ कई तरह के टेस्ट शामिल होते हैं जैसे लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट इत्यादि।
बिलीरुबिन कैसे कम करें?
बिलीरुबिन एक प्रकार का पिगमेंट होता है जो हमारे शरीर में रक्त कोशिकाओं के नष्ट होने के कारण उत्पन्न होता है। बिलीरुबिन की उच्च स्तर पीलिया और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार हो सकता है। बिलीरुबिन को कम करने के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:
- हाइड्रेटेड रखें : पानी की कमी बिलीरुबिन के स्तर को बढ़ा सकती है। इसलिए, अधिक से अधिक पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
- सही आहार : सही आहार बिलीरुबिन के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को कम करें और फल, सब्जियां, अनाज आदि जैसे स्वस्थ खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- व्यायाम : सुबह उठकर व्यायाम करें। नियमित व्यायाम बिलीरुबिन के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
- दवाइयों का उपयुक्त सेवन : बिलीरुबिन के स्तर को कम करने के लिए कुछ दवाइयों का सेवन किया जा सकता है। लेकिन इससे पहले डॉक्टर से परामर्श करना अनिवार्य है।
- धूम्रपान और शराब न लें : एल्कोहल, शराब, तंबाकू के उपयोग से बचें।
इन सभी उपायों के अलावा, बिलीरुबिन को कम करने के लिए आप एक नियमित चिकित्सक के साथ बातचीत कर सकते हैं। वह आपकी जांच करेगा और आपको सही उपचार के बारे में सलाह देगा।
सारांश
बिलीरुबिन परीक्षण का उपयोग रक्त या मूत्र में बिलीरुबिन के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। यह यकृत या रक्त विकारों की पहचान करने में मदद कर सकता है। यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से कराया जा सकता है जिसकी कीमत काफी उपयुक्त होती है।
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बिलीरुबिन संबंध अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाए:
- Bilirubin in Urine in English
- Difference between Conjugated and Unconjugated Bilirubin in English
- What is Bilirubin and Biliverdin? - Meaning & Major Differences in English
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अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
सामान्य बिलीरुबिन स्तर (bilirubin normal range) कितना होना चाहिए?
बिलीरूबिन का सामान्य स्तर (bilirubin normal range) ०.२-१.२ मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर होना चाहिए। इसलिए अगर किसी व्यक्ति का बिलीरुबिन लेवल सामान्य नहीं है तो ऐसे में उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
बिलीरुबिन टेस्ट से क्या पता चलता है?
बिलीरुबिन टेस्ट से शरीर में बिलीरुबिन के स्तर का पता चलता है और आमतौर पर पीलिया, एनीमिया या फिर लिवर रोग जैसी बीमारियों का पता लगाने के लिए बिलीरुबिन टेस्ट करवाया जाता है।
बिलीरुबिन क्या होता है? Bilirubin meaning in hindi kya hai?
बिलीरुबिन (bilirubin in hindi) एक पीले रंग का तरल पदार्थ होता है जो की पित्त (बाइल) में पाया जाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से और बोन मैरो सेल से बनता है। इसका मुख्य काम भोजन को पचाने में सहायता करने का होता है। जब शरीर में बिलीरुबिन का का स्तर बढ़ जाता है तो लिवर के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
लीवर फंक्शन टेस्ट कितने रुपए का होता है?
सामान्यतः लिवर फंक्शन टेस्ट ३५० -१५०० रुपए के बीच में हो जाता है। हालांकि इस टेस्ट की कीमत लैब या शहर के ऊपर निर्भर करती है जो अलग-अलग हो सकती है।
बिलीरुबिन की अधिकता से क्या हानि होती है?
जब बिलीरुबिन की मात्रा शरीर के अंदर बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो उसकी वजह से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा पीलिया, एनीमिया, लिवर और पित्ताशय के रोग हो सकते हैं।
बिलीरुबिन जल्दी कैसे कम करें?
बिलीरुबिन को जल्दी कम करने के लिए आहार में ताजे फल और सब्जियां जैसे कि ब्रोकली, एवोकाडो, कीवी, फलियां, टमाटर का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा हर दिन खूब पानी पिएं और शराब का सेवन बिल्कुल ना करें।
आप कब तक उच्च बिलीरुबिन स्तरों के साथ रह सकते हैं?
बिलीरुबिन का स्तर अधिक होने पर यह शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है। कई तरह के रोग जैसे एनीमिया, पीलिया, कमजोरी, खुजली इत्यादि हो सकता है। इसलिए इसका इलाज उचित समय पर होना आवश्यक है।
बिलीरुबिन टोटल कितना होना चाहिए?
बिलीरुबिन का सामान्य स्तर ०.२-१.२ मिलीग्राम प्रति डेसीलेटर होता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनने वाला पीले रंग का पदार्थ है।
पीलिया में दूध पीते हैं क्या?
पीलिया में रोटी खा सकते हैं क्या?
पीलिया होने पर गेहूं की रोटी के बजाय बाजरे की रोटी का सेवन किया जा सकता है। इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में होता है जो लिवर के काम करने की क्षमता को बढ़ाता है। रोटी के अलावा पीलिया में दलिया, चावल, ताजा हरी पत्तियां भी खाई जा सकती हैं।
बिलीरुबिन कैसे कम करें?
बिलीरुबिन को कम करने के लिए निम्नलिखित कुछ उपाय हैं:
- अच्छे खाने की आदतें बनाएं
- पर्याप्त पानी पिएं
- समय पर खाएं
- नियमित व्यायाम करें
Updated on : 17 August 2023
समीक्षक
A specialist in Obstetrics and Gynaecology with a rich experience of over 21 years is currently working in HealthFort Clinic. She has expertise in Hymenoplasty, Vaginoplasty, Vaginal Tightening, Labiaplasty, MTP (Medical Termination...View More
लेखक
Charu Shrivastava
BSc. Biotechnology I MDU and MSc in Medical Biochemistry (HIMSR, Jamia Hamdard)
2 Years Experience
Skilled in SEO and passionate about creating informative and engaging medical content. Her proofreading and content writing for medical websites is impressive. She creates informative and engaging content that educ...View More
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