लिवर में सूजन के लक्षण क्या हैं? - कारण, इलाज, बचाव और घरेलु उपाय
लिवर हमारे स्वस्थ रहने की एक महत्वपूर्ण इकाई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2017 के आंकड़े के अनुसार भारत में 2,59,749 लोगों की मृत्यु लिवर (जिगर) की बीमारी के वजह से हुई है। इसलिए जरूरी है के लिवर सूजन के लक्षण पे ध्यान दिया जाए ताकी आगे होने वाली बड़ी समस्या से बचा जा सके।
आजकल के जीवनशैली के कारण लिवर की बीमारी अब अक्सर लोगों को हो रही है। लिवर की बीमारी की खास बात ये है कि व्यक्ति को इसका पता काफी समय बाद चलता है।
आइए इस लेख में देखते हैं कि लिवर में सूजन होने पर क्या लक्षण दिखते हैं, यह किस वजह से होता है और लिवर के सूजन से बचने के उपाय क्या हैं।
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लिवर सूजन क्या है ?
लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण भाग है जिसके बिना शरीर का स्वस्थ रहना नामुमकिन है। लिवर के कार्यों की बात करें तो यह खून के थक्कों को नियंत्रित करता है, रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) को बरकरार रखता है, चयापचय को सही रखता है, रक्त से हानिकारक रसायनों को फिल्टर करता है। इसके अलावा लिवर हमारे शरीर से जहरीले रसायन को बाहर निकालने में मदद करता है।
लिवर सूजन एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में संयुक्त रूप से सूजन होती है जो उसके कार्यों को अवरुद्ध कर सकती है। यदि इस स्थिति का समय पर निदान नहीं किया जाता है तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है और कई समस्याएं पैदा कर सकती हैं।
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लिवर में सूजन क्यों होता है?
लिवर की सूजन, जिसे हेपेटोमेगाली भी कहा जाता है, तब होता है जब लिवर अपने सामान्य आकार से बड़ा हो जाता है। सूजन के कारण लिवर अपना कार्य ठीक से नही कर पाता है जिसके दुष्परिणाम में आपका शरीर बीमार पड़ने लगता है।
लिवर में सूजन होने का सबसे आम और मुख्य कारण हेपेटाइटिस संक्रमण का होना है| लेकिन अन्य कारणों से भी लिवर में सूजन आ सकता है। लिवर सूजन के लक्षण कई मेडिकल स्थितियों जैसे अनुवांशिक बीमारियों, ऑटोइम्यून बीमारियों, क्रॉनिक बीमारियों और अन्य कारणों के वजह से भी दिख सकते है जो निम्नलिखित हैं :
- हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई संक्रमण के कारण
- लिवर में रक्त का बहाव सही से न होने पर
- लिवर सिरोसिस के कारण भी लिवर में सूजन आ सकता है।
- कुछ दवाइयों या हानिकारक रसायनों के पेट में जाने से लिवर में सूजन आ सकता है।
- लिवर सिस्ट्स: यह बीमारी भी प्रायः जन्मजात ही होती है जिसके कारण लिवर में थैलियां बन जाती हैं और इनमें तरल पदार्थ भर जाता है।
- एमाइलॉयडोसिस: एक प्रकार की बीमारी है जिसमे असामान्य प्रोटीन लिवर में जमा होने लगता है।
- विल्सन की बीमारी: यह एक अनुवांशिक बीमारी है जिसमे लिवर, हृदय, मस्तिष्क और अन्य अंगों में कॉपर जमा होने लगता है।
- हीमोक्रोमैटोसिस: यह एक अनुवांशिक बीमारी है जिससे लिवर, हृदय और मस्तिष्क में आयरन अधिक जमा होने लगता है।
- गौचर रोग: इस बीमारी के कारण लिवर में चर्बी का अधिक जमाव होने लगता है जिससे सूजन आ जाता है।
लिवर में सूजन के लक्षण
प्रायः लिवर में सूजन होने के बाद इसके लक्षण दिखने में कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है। जब तक लिवर के कार्य में बांधा नही आती है तब तक हमें कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। लिवर में सूजन होने पर निम्न लक्षण दिख सकते हैं:
- अचानक वजन कम होना।
- भूख कम लगना।
- पेट के दाहिनी ओर ऊपरी भाग में दर्द होना।
- कमजोरी और थकान आना।
- पीलिया होना (आंखों और त्वचा के सफ़ेद भाग का पीलापन)।
- जी मिचलाना और उल्टी होना।
- बुखार आना।
- त्वचा में खुजली होना।
- पेट फूला हुआ महसूस होना।
लिवर में सूजन का निदान
लिवर की सूजन का उचित निदान महत्वपूर्ण है उसके अंतर्निहित कारण का पता लगाने और उचित उपचार प्रदान करने के लिए। लिवर में सूजन होने पर सबसे पहले डॉक्टर आपके लिवर का निदान करते हैं।
लिवर की सूजन के निदान में एक शारीरिक परीक्षा, यकृत के कार्य को मापने के लिए रक्त परीक्षण और वायरल संक्रमण की उपस्थिति का पता लगाने, और अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन जैसे इमेजिंग परीक्षण शामिल हो सकते हैं ताकि जिगर की कल्पना की जा सके और इसके आकार और स्थिति का आकलन किया जा सके। अगर लिवर की जांच अच्छे से हो जाए तो आगे होने वाली बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।
लिवर के निदान में निम्नलिखित जांच किए जाते हैं:
- लिवर फंक्शन टेस्ट: इस जांच में रक्त से जुड़े सभी जांच किए जाते हैं जिससे लिवर में सूजन का कारण पता चल सके।
- इमेजिंग टेस्ट: इस जांच में अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआइ की मदद से लिवर के आकार का पता लगाया जाता है।
- लिवर बायोप्सी: जब लिवर फंक्शन टेस्ट और इमेजिंग टेस्ट की मदद से सूजन का कारण पता नही चल पाता है तब बायोप्सी की जाती है। लिवर बायोप्सी में लिवर के ऊतकों का एक सैंपल जांच के लिए भेजा जाता है। इस जांच में लिवर के सूजन का कारण पता चल जाता है।
लिवर में सूजन होने के इलाज
लिवर में सूजन होने पर इसका सीधा इलाज नही किया जाता है। सबसे पहले डॉक्टर लिवर का निदान करते हैं। निदान में बीमारी का पता चलने पर इसका उपचार किया जाता है। जैसे - जैसे बीमारी ठीक होती है वैसे - वैसे लिवर का सूजन भी ठीक होने लगता है।
लिवर में सूजन कई बिमारियो की वजह से हो सकते हैं। लिवर में होने वाली बीमारियों का इलाज डॉक्टर निम्न तरीकों से करते हैं:
- अल्कोहलिक फैटी लिवर का इलाज: अधिक मात्रा में शराब पीने के कारण यह बीमारी होती है और शराब को पूरी तरह छोड़ने से कुछ महीनों में यह बीमारी नियंत्रित हो सकती है। अगर अल्कोहलिक फैटी लिवर गंभीर स्थिति में आ गया है तो लिवर ट्रांसप्लांट की भी जरूरत पड़ सकती है।
- नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर का इलाज: इस बीमारी को आमतौर पर अधिक दवाइयों और उपचार की आवश्यकता नही पड़ती है। नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर का इलाज अच्छी जीवनशैली जैसे सुबह उठकर कसरत करना और स्वस्थ आहार लेने से सही हो जाता है।
- हेपेटाइटिस संक्रमण का इलाज: लिवर में सूजन अक्सर हेपेटाइटिस के संक्रमण से ही होता है। अगर हेपेटाइटिस ए या बी का संक्रमण हुआ तो टीकाकरण से इलाज हो जाता है। अगर हेपेटाइटिस सी का संक्रमण हुआ है तो डॉक्टर एंटी - वायरल दवाएं देते हैं जिससे ४ से ६ महीनों में आराम मिल सकता है।
- अल्कोहलिक हेपेटाइटिस: बहुत लंबे समय से और अधिक मात्रा में शराब के सेवन से भी लिवर में संक्रमण हो जाता है जिससे लिवर में सूजन देखने को मिलता है। ऐसे में डॉक्टर आपको शराब धीरे - धीरे छोड़ने की थेरेपी देते हैं। अगर अल्कोहलिक हेपेटाइटिस क्रॉनिक ( लंबे समय ) हुआ तो सिरोसिस हो जाता है जिससे लिवर की कोशिकाएं मरने लगती हैं।
- लिवर सिरोसिस: लिवर सिरोसिस तब होता है जब अधिक शराब पीने या अन्य कारणों से लिवर की कोशिकाएं हमेशा के लिए डैमेज होने लगती हैं। लिवर सिरोसिस को ठीक नही किया जा सकता है लेकिन दवाइयों और जीवनशैली में सुधार लाकर सिरोसिस को बढ़ने से रोका जा सकता है। अगर लिवर सिरोसिस की स्थिति गंभीर हुई तो लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता पड़ सकती है।
- मोनोन्यूक्लियोसिस: यह एक तरह का वायरल संक्रमण है जो एप्सटाइन - बार वायरस के कारण होता है। यह नवयुवकों को अक्सर संक्रमित करता है। इससे हाथ - पैर में दर्द, थकान और बुखार होता है। यह आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है। इसमें डॉक्टर खूब पानी पीने और आराम करने की सलाह देते हैं। बुखार और दर्द के लिए कुछ दवाओं की जरूरत पड़ सकती हैं।
लिवर सूजन का उपचार
लिवर के सूजन से बचने के लिए आपको स्वस्थ जीवनशैली और सही खान - पान रखना जरूरी होता है। लिवर में सूजन आने का कारण कुछ बीमारियां होती हैं जैसे फैटी लिवर, हेपेटाइटिस संक्रमण आदि। अगर इन बीमारियों से आप बच जाते हैं तो लिवर में सूजन नही होगा। इन बीमारियों से बचने के उपाय कुछ इस प्रकार हैं:
लिवर संक्रमण के मरिज़ो के लिए जीवन शैली में बदलाव जरूरी है।
स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, तनाव में कमी, धूम्रपान छोड़ना और नियमित जांच जैसे जीवन शैली में परिवर्तन, ये सभी लिवर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। जीवनशैली में ये बदलाव लिवर की कार्यक्षमता में सुधार कर सकते हैं, सूजन को कम कर सकते हैं और लिवर को होने वाले नुकसान को रोक सकते हैं।
- रोज सुबह उठकर टहलना शुरू करें। इसके अलावा व्यायाम भी कर सकते हैं।
- अगर आपका वजन अधिक है तो इसे कम करने की कोशिश करें।
- हमेशा बैठे या सोए न रहें। ऐसा करने से रक्त संचार ठीक से नही हो पाता है।
- शराब पीना बिल्कुल छोड़ दें।
लिवर को हेल्दी बनाने के लिए घरेलु उपाए
एक स्वस्थ आहार सूजन को कम करने और यकृत समारोह में सुधार करने में मदद कर सकता है। ऐसे आहार का सेवन करना जो फाइबर में उच्च, संतृप्त वसा और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में कम हो, और फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर हो, लिवर में सूजन को कम करने के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है।
जिन लोगों का लिवर फूला हुआ होता है उनके लिए एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, फाइबर में उच्च, पोषक तत्व-घने, कैलोरी में कम और बहुमुखी हैं।
- खाने में ताज़े फलों और जूस को शामिल करें। जैसे संतरा, पपीता, अंगूर, जामुन आदि।
- हरी पत्तेदार सब्जी जैसे पालक, ब्रोकोली का सेवन करें।
- वसायुक्त भोजन से दूर रहें। मलाईदार दूध, मक्खन,आइसक्रीम, पिज़्ज़ा, बर्गर, फ्राइड फूड आदि चीजों का सेवन बिल्कुल न करें।
इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से लिवर की कार्यक्षमता और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने जाना कि लिवर हमारे स्वास्थ्य के लिए एक अहम भूमिका निभाता है। लिवर में कुछ बीमारियों जैसे हैपेटाइटिस संक्रमण, फैटी लिवर आदि के कारण सूजन हो सकता है। लिवर में सूजन होने पर उल्टी होना, अचानक वजन घटना, पेट में दर्द होना जैसे लक्षण दिखते हैं। इन लक्षणों के आधार पर डॉक्टर लिवर का निदान करते हैं और बीमारी का उचित उपचार शुरू करते हैं।
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अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
लिवर में सूजन हो जाए तो क्या करना चाहिए?
सूजन होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?
- शराब को पूरी तरह से छोड़ दें।
- ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमे वसा की मात्रा अधिक हो जैसे समोसा, पूरी,पराठा,रेड मीट ,सभी तरह के फास्टफूड खाना छोड़ दें।
- अधिक नमक और मसालेदार वाली चीजें जैसे नमकीन, छोले, मसाला - चिकन करी आदि।
- मैदे से बनी हुई चीजें जैसे भटूरे, ब्रेड,पास्ता, पिज़्ज़ा, आदि। मैदे वाले खाद्य पदार्थ जल्दी पचते नही हैं जिससे लिवर में चर्बी का जमाव होता है।
- कोल्ड्रिंक और सोडा वाले तरल पदार्थों का सेवन न करें।
- बेकरी वाले खाद्य पदार्थ भी लिवर के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसमें वसा और शुगर की मात्रा अधिक होती है और साथ में मैदा का भी इस्तेमाल होता है।
लिवर में इन्फेक्शन होने के क्या लक्षण होते हैं?
- बुखार आना
- शरीर में हमेशा थकान रहना
- भूख न लगना
- जी मिचलाना और उल्टी होना
- पेट के ऊपरी भाग में दाहिनी ओर दर्द होना
- पेशाब का रंग गहरा हो जाना
- मल का रंग हल्का पीला होना
- घुटनों और जोड़ों में दर्द
- आंख और त्वचा का रंग पीला पड़ना (जौंडिस/पीलिया)
लिवर में सूजन होने का क्या कारण है?
लिवर में सूजन क्यों होती है?
लिवर सूजन का उपचार क्या है?
लिवर सूजन का रामबाण इलाज क्या है?
- रोज व्यायाम करें
- शराब का सेवन करना छोड़ दें।
- चर्बी और शुगर वाली चीजें जैसे फ्राइड फूड, केक, आइसक्रीम, आदि मत खाएं
- दूषित भोजन और पानी के संपर्क से बचें।
- हेपेटाइटिस के लिए टीका और एंटी - वायरल दवाईयां डॉक्टर के सलाह पर लें।
- ऐसी दवाईयां न लें जिनका असर लिवर पर पड़ता है।
सूजन कम करने के लिए कौन सा फल खाएं
- अंगूर: इसमें एंटी - ऑक्सीडेंट खूब होता है जो आपके लिवर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। संतुलित मात्रा में अंगूर खाने से आपके लिवर को वापस ठीक होने में मदद मिलती है।
- संतरा और नींबू : एंटी - ऑक्सीडेंट, विटामिन सी, पोटेशियम
- कांटेदार नाशपाती: कोलेस्ट्राल और एंजाइम का स्तर सामान्य होने में मदद मिलती है।
- ब्लूबेरी: इससे लिवर के एंटी- ऑक्सीडेंट एंजाइम की मात्रा बढ़ती है जिससे लिवर डिटॉक्स होने में मदद होती है।
- जामुन: एंटी - ऑक्सीडेंट और एंटी - इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं
लिवर में सूजन की आयुर्वेदिक दवा क्या है ?
- आरोग्यवर्धिनी वटी: यह जड़ीबूटी लिवर और त्वचा के लिए इस्तेमाल होती रही है। हालांकि इस पर रिसर्च बहुत सीमित है और इसके दुष्परिणाम के बारे में भी अधिक जानकारी प्राप्त नहीं है।
- दरुहरिद्र वटी: आधुनिक विज्ञान के अनुसार इसमें एंटी - ऑक्सीडेंट और एंटी - इंफ्लेम्ट्री गुण होते हैं जो लिवर के सूजन को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
- काटुकी: इसमें पाइक्रोलिव नामक एंजाइम अच्छी मात्रा में होता है जो लिवर से जहरीले पदार्थों को निकालने में मदद करता है और लिवर को ठीक से कार्य करने में मदद मिलती है।
- चिरैता: इसमें एंटी - ऑक्सीडेंट और एंटी - इंफ्लेम्टरी गुण होते हैं जो लिवर की कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाते हैं।
- रोहितकृष्टा: इस जड़ीबूटी का इस्तेमाल खासतौर पर एसाइटिस ( पेट में द्रव इकट्ठा हो जाना ) के कारण हुए सूजन को कम करने में किया जाता है।
- जामुन: जामुन में एंटी - ऑक्सीडेंट और एंटी - इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिससे लिवर की सूजन कम होती है।
लिवर की सूजन में क्या न खाएं
- वसायुक्त भोजन : पिज्जा, बर्गर, फ्राइड फूड, फ्राइड चिकन, रेड मीट, पराठे, भटूरे,आदि खाने से बचना चाहिए। लिवर में चर्बी जमने का मुख्य कारण ऐसे ही खाने हैं।
- कोल्डड्रिंक: अगर लिवर में सूजन है तो सोडा वाले पेय न पिएं। इनमें शुगर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है जिससे लिवर में चर्बी की मात्रा बढ़ती है।
- शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
- मलाई: मक्खन, क्रीम, घी या दूध की मलाई का सेवन न करें।
- दूषित खाद्य पदार्थों को बिल्कुल न खाएं। मेले में जाकर खुले हुए या जिन पर मक्खियां बैठी होती हैं; उन खाद्य पदार्थों को खाने से ही प्रायः हेपेटाइटिस ए का संक्रमण होता है और आपके लिवर में सूजन आ जाता है।
- पैकेट वाले खाने: डिब्बा बंद जूस और अन्य पैकेट वाली चीजों का सेवन न करें। इनमें वसा, शुगर और अन्य रसायन होते हैं जो लिवर के लिए हानिकारक हैं।
लिवर में सूजन आने से क्या परेशानी होती है?
- पैरों और एड़ियों में सूजन आ सकता है।
- आंखों और त्वचा में पीलापन बढ़ जाता है जिसे पीलिया या जॉन्डिस कहते हैं।
- पेट के दाहिनी ओर जहां लिवर होता है वहां दर्द हो सकता है
- चोट लगने पर आसानी से खून बहने लगता है।
- जी मिचलाना और उल्टी हो सकती है।
- शरीर हमेशा थका रहता है इसलिए कुछ काम करने का मन नहीं करता है।
सूजन वाले लिवर को ठीक होने में कितना समय लगता है?
- हेपेटाइटिस सी के लिए कोई टीका नही होता है इसलिए डॉक्टर एंटी - वायरल दवाईयां देते हैं और जीवनशैली में सुधार लाने की सलाह देते हैं। अगर हैपेटाइटिस सी के कारण लिवर में सूजन हुआ है तो इसे ठीक होने में ५ से ६ महीने लग सकते हैं।
- अगर अधिक शराब पीने के कारण लिवर में सूजन हुआ है और शुरुआत में ही इसका पता लग गया तो शराब को बिल्कुल छोड़ देने पर २ से ३ महीने में आराम मिल सकता है।
- अगर सूजन नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर से हुआ है तो इसे भी ठीक होने में आमतौर पर ३ से ४ महीने लग सकते हैं।
- अगर फैटी लिवर या क्रोनिक हेपेटाइटिस के कारण लिवर सिरोसिस हो गया है तो इसे ठीक नही किया जा सकता है।
सूजन की दवाई क्या है?
लिवर के सूजन को कैसे कम करें?
सन्दर्भ
हेक्साहेल्थ पर सभी लेख सत्यापित चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त स्रोतों द्वारा समर्थित हैं जैसे; विशेषज्ञ समीक्षित शैक्षिक शोध पत्र, अनुसंधान संस्थान और चिकित्सा पत्रिकाएँ। हमारे चिकित्सा समीक्षक सटीकता और प्रासंगिकता को प्राथमिकता देने के लिए लेखों के संदर्भों की भी जाँच करते हैं। अधिक जानकारी के लिए हमारी विस्तृत संपादकीय नीति देखें।
Updated on : 8 August 2023
समीक्षक
Dr. Aman Priya Khanna
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
लेखक
Rajath R Prabhu
MSc. Clinical Research I PG Diploma in Public Health Services Management
3 Years Experience
His work in medical content writing and proofreading is noteworthy. He has also contributed immensely to public health research and has authored four scientific manuscripts in international journals. He was assoc...View More
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