कूल्हों में दर्द का मुख्य कारण क्या है? - जानें इलाज और आसान घरेलु उपाय
अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार सामान्य जनसंख्या के १०% लोगों में कूल्हे का दर्द देखा जा सकता है। एक स्टडी में यह भी पाया गया कि ६० साल से अधिक आयु के १४.३% लोगों में कूल्हों का दर्द होता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कूल्हों का दर्द अधिक देखा जाता है।
कूल्हों के दर्द में बैठने और सोने में भी तकलीफ होती है। यह दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाली समस्या है इसलिए कूल्हों के दर्द का उपचार सही समय पर होना जरूरी है। कुछ घरेलू उपायों से कूल्हों का दर्द अस्थाई रूप से ठीक भी हो सकता है। अगर कूल्हों की हड्डी में चोट आई है तो सर्जिकल उपचार की भी जरूरत पड़ सकती है।
आइए जानते हैं कि आखिर कूल्हों का दर्द क्यों होता है, इसके प्रमुख कारण क्या हैं और इसे ठीक करने के लिए कौन से घरेलू उपाय और उपचार अपनाए जाते हैं।
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कूल्हे का दर्द क्या होता है
कूल्हे का दर्द कुछ अन्य स्थितियों का संकेत होता है जैसे कूल्हे की हड्डी में चोट, आर्थराइटिस, बुर्साइटिस और बचपन की बीमारी का संकेत हो सकता है। कूल्हों का दर्द आमतौर पर महिलाओं में अधिक देखा जाता है। यह अक्सर नर्तकियों, खिलाड़ीयो में अधिक देखा जा सकता है।
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कूल्हे में दर्द के कारण
कूल्हे में दर्द होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से कूल्हे के जोड़ या फिर मांसपेशियों में दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके पीछे जो मुख्य कारण है वह निम्नलिखित इस प्रकार से हैं:
जीवनशैली के कारण से
- गलत मुद्रा: गलत मुद्रा में बैठे रहने से कूल्हे में दर्द हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि व्यक्ति को चलते, उठते, बैठते और ड्राइविंग करते हुए अपनी मुद्रा पर ध्यान रखना चाहिए।
- वजन उठाने से: लगातार भारी वजन उठाने की वजह से भी कूल्हे का दर्द हो सकता है।
- संतुलित आहार ना लेना: बाहर का खाना खाने या फिर ऐसे भोजन का सेवन करना जिसमें पोषक तत्व ना होने से भी कूल्हे का दर्द हो सकता है।
- टेंडन में सूजन: जो लोग बहुत ज्यादा व्यायाम करते हैं उसकी वजह से उनके टेंडन में सूजन आ जाती है। इस बीमारी को टेंडोनाइटिस के नाम से जाना जाता है।
बीमारी के कारण से
कुछ बीमारियां जिनकी वजह से कूल्हे में दर्द हो सकता है वो निम्नलिखित हैं:
- आर्थराइटिस: आर्थराइटिस के कारण कूल्हे में दर्द के साथ-साथ सूजन और अकड़न की समस्या हो सकती है।
- इंफेक्शन: किसी चोट, इंजेक्शन या सर्जरी के बाद खून के माध्यम से जोड़ों में इन्फेक्शन हो सकता है। कूल्हे के जोड़ों में संक्रमण होने की वजह से भी कूल्हे का दर्द हो सकता है।
- बुर्साइटिस: बुर्साइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें बुर्सा ( तरल थैली ) में सूजन आ जाता है।
- नस दब जाने से: सायटिक नस के दब जाने से या क्षतिग्रस्त हो जाने से कूल्हे में दर्द के साथ-साथ अकड़न की समस्या रह सकती है।
- कैंसर: हड्डी में होने वाले कैंसर की वजह से भी कूल्हे में दर्द की परेशानी रह सकती है।
चोट के कारण से
किसी दुर्घटना की वजह से कई बार कूल्हे में चोट लग जाती है जिसकी वजह से कूल्हे में दर्द हो सकता है। इसके अलावा कुछ चोट पुरानी भी होती हैं जिनके कारण भी कूल्हे का दर्द हो सकता है जो इस प्रकार हैं:
- दुर्घटना: आम तौर पर कुछ दुर्घटना के कारण कूल्हे की हड्डी में चोट लग सकती है या फ्रैक्चर हो सकता है जिसकी वजह से इसमें दर्द हो सकता है।
- खेलकूद: खेलने - कूदने पर सावधानी न बरतने पर भी कूल्हे की हड्डी में चोट लग सकती है जिसकी वजह से कूल्हे में दर्द की समस्या हो सकती है।
- वृद्धावस्था के कारण: उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्ति के शरीर में कैल्शियम कम होने लगता है जिसकी वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। जैसे-जैसे आयु बढ़ती है वैसे - वैसे बुर्सा ( तरल थैली ) का तरल कम होने लगता है। इसके कारण कूल्हे में दर्द हो सकता है।
कूल्हे के दर्द के लक्षण
जब कोई व्यक्ति कूल्हे के दर्द से पीड़ित होता है तो उसमें कई प्रकार के लक्षण देखे जाते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:
- कूल्हे में दर्द के साथ-साथ अकड़न की समस्या हो सकती है।
- कूल्हे के आसपास के हिस्से में सूजन और ऐंठन देखने को मिल सकती है।
- रोगी को बुखार हो सकता है।
- पीड़ित व्यक्ति को चलने - फिरने में परेशानी हो सकती है।
- रात को सोते समय या फिर आराम करते समय कूल्हे में दर्द का एहसास हो सकता है।
कूल्हे के दर्द के उपाय
कूल्हे के दर्द का उपचार करने के लिए कई प्रकार के उपाय अपनाए जा सकते हैं जैसे कि रोगी को दर्द में आराम पहुंच सके। इसलिए पीड़ित व्यक्ति को कूल्हे के दर्द का उपाय करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाने चाहिए:
घरेलु उपचार
कूल्हे के दर्द का उपचार करने के लिए घरेलू नुस्खे भी काफी कारगर हो सकते हैं। कुछ असरदार घरेलू नुस्खे निम्नलिखित हैं:
- गर्म सिकाई: गर्म बोतल या हीटिंग पैड से कूल्हों में सिकाई करने से हड्डियों और मांसपेशियों में रक्त संचार बढ़ता है जिससे दर्द कम होता है।
- वॉर्म बाथ: हल्के गर्म पानी में नहाने से कूल्हों के साथ - साथ पूरे शरीर की हड्डियों में रक्त संचार और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है जिससे दर्द का एहसास कम होता है।
- ठंडी सिकाई: ठंडी सिकाई करने से कूल्हों में हो रह जलन कम होता है और वह स्थान सुन्न हो जाता है जिससे दर्द का एहसास नहीं होता है।
- हाइड्रोथेरेपी: पानी के उत्प्लावन बल के कारण कूल्हों पर गुरुत्वाकर्षण बल का दबाव कम होता है जिससे कूल्हों में दर्द कम महसूस होता है।
- मालिश: नारियल और नीलगिरी के तेल को मिलाकर मालिश करने से कूल्हों का दर्द कम हो सकता है।
- टॉपिकल पेन रिलिवर्स: कुछ क्रीम और मलहम लगाने से कूल्हों के दर्द से आराम मिल सकता है। इन क्रीम और मलहम में मेंथॉल जैसे तत्व होते हैं जो दर्द का एहसास नहीं होने देते हैं।
- हल्दी और दूध: हल्दी में सुजनरोधी गुण होते हैं जो कूल्हों के सूजन को कम करने में मदद करते हैं। दूध में कैल्शियम होता है जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
अगर इन घरेलू उपायों से कूल्हे का दर्द सही नही होता है तो कुछ सर्जिकल और नॉन सर्जिकल उपचारों की मदद से कूल्हे का दर्द कम किया जा सकता है।
नॉन सर्जिकल उपचार
कूल्हे का दर्द कम करने के लिए ऑर्थोपेडिक डॉक्टर कुछ नॉन सर्जिकल उपचार भी कर सकते हैं जो निम्नलिखित हैं:
- दवाइयां: दर्द को कम करने वाली दवाइयां भी लेने के लिए कह सकते हैं ।
- इंजेक्शन: जब कूल्हे का दर्द दवाइयों से ठीक नही हो पाता तो डॉक्टर स्टेरॉइड इंजेक्शन लगा सकते हैं।
- थेरेपी: स्टेम सेल थेरेपी का इस्तेमाल करके भी कूल्हे के दर्द को कम किया जा सकता है।
सर्जिकल उपचार
जब दवाइयों और इंजेक्शन से रोगी को कूल्हे के दर्द में राहत नहीं मिलती तो डॉक्टर निम्नलिखित सर्जिकल उपचार कर सकते हैं:
- कूल्हे का पूर्ण प्रतिस्थापन (टोटल हिप रिप्लेसमेंट): इस सर्जरी में कूल्हे के खराब जोड़ को निकालकर उसकी जगह कृत्रिम जोड़ लगाया जाता है।
- आंशिक कूल्हा प्रतिस्थापन (पार्शियल हिप रिप्लेसमेंट): इस सर्जरी में कूल्हे के जोड़ की गेंद को बदला जाता है।
- हिप रिसर्फेसिंग: हिप रिसर्फेसिंग सर्जरी के अंतर्गत ऑर्थोपेडिक सर्जन कूल्हे के घिसे हुए हिस्से को बदल देते हैं।
जीवन शैली में बदलाव
जो लोग कूल्हे के दर्द से परेशान हैं उन्हें चाहिए कि वो अपनी जीवनशैली में बदलाव करें।
- खान-पान: आहार में पोषक तत्व लेने चाहिएं जिसमें कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन ज्यादा शामिल हों जैसे मछली, ताज़ा हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध,दही, पनीर।
- वजन पर नियंत्रण: वजन सामान्य और नियंत्रित रखने से कूल्हों पर भार कम पड़ता है जिससे कूल्हों में दर्द नही होता है।
- लगातार बैठने से बचें: लगातार बैठे या खड़े रहने से कूल्हों की हड्डियों और मांसपेशियों में दवाब या खिंचाव होता है जिससे कूल्हों में दर्द हो सकता है।
- उचित मुद्रा: उठते, बैठते या सोते समय मुद्रा का ध्यान रखना चाहिए। मुद्रा सही होने से कूल्हों के दर्द से बचा जा सकता है।
- व्यायाम: कूल्हे में हो रहे दर्द को कम करने के लिए व्यायाम करना भी कारगर हो सकता है जैसे कि हिप फ्लेक्सन,हिप एडक्टर स्ट्रेच,हिप रोटेशन, ग्लूटल सेट्स आदि किए जा सकते हैं।
सारांश
इस लेख में हमने जाना कि कूल्हे में दर्द होने के पीछे आर्थराइटिस, बर्साइटिस, गलत जीवनशैली, मांसपेशियों में तनाव और हड्डी में चोट जैसे कारण हो सकते हैं। कूल्हे में दर्द होने से बचने के लिए कुछ व्यायाम, योगासन और घरेलू उपाय किए जा सकते हैं। सर्जिकल और नॉन सर्जिकल उपचारों से भी कूल्हे का दर्द स्थायी या अस्थायी रूप से ठीक हो सकता है।
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अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल
कूल्हे में दर्द हो तो क्या करना चाहिए?
कूल्हे में दर्द होने पर ठंडी गर्म सिकाई, हल्दी और दूध का सेवन, मेथी दाना, व्यायाम जैसे घरेलू उपायों का सहारा दर्द से राहत पाने के लिए लिया जा सकता है। इसके अलावा डॉक्टर से सलाह लेकर कुछ दर्द को कम करने वाली दवाइयां भी ली जा सकती है।
कूल्हे के पास दर्द क्यों होता है?
कूल्हे के पास दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि मांसपेशियों में खिंचाव , इंफेक्शन , आर्थराइटिस, टेंडन में सूजन, कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर होने से कूल्हे के पास दर्द हो सकता है।
कूल्हे के दर्द के लिए कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए?
कूल्हे के दर्द के लिए कई एक्सरसाइज की जा सकती हैं जो कि निम्नलिखित हैं:
- तितली खिंचाव (बटरफ्लाई स्ट्रेच)
- हिप फ्लेक्सन
- हिप एडक्टर स्ट्रेच
- हिप रोटेशन
- ग्लूटल सेट्स
कूल्हे का जोड़ क्या है?
कूल्हे का जोड़ एक गर्तिका (सॉकेट) और गेंद (बॉल) वाला जोड़ होता है। घुटनों के बाद यह शरीर का वजन सहन करने वाला सबसे महत्वपूर्ण जोड़ होता है।
कूल्हे की हड्डी कौन सी होती है?
कूल्हे की हड्डी ३ भागों से मिलकर बनी हुई होती है। पहला भाग ऊपर की तरफ होता है जिसे इलियम कहते हैं, दूसरा भाग अंदर की तरफ होता है जिसे प्यूबिस कहते हैं और तीसरा भाग प्यूबिस के नीचे स्थित होता है जिसे इस्चियम नाम से जाना जाता है।
कमर की नस दब जाए तो क्या करना चाहिए?
कमर की नस दब जाने पर रोगी ठंडी और गर्म सिकाई करें, खिंचाव वाले व्यायाम करें। डॉक्टर की सलाह पर कुछ दर्द निवारक टेबलेट लेना कारगर साबित हो सकता है।
आम कूल्हे की समस्याएं क्या हैं?
कूल्हे में होने वाली आम समस्याएं कई प्रकार की होती हैं जो कि निम्नलिखित हैं:
- टेंडन्स में सूजन
- आर्थराइटिस
- बर्साइटिस
- कूल्हे की हड्डी का टूटना
- कूल्हो के जोड़ों में इन्फेक्शन होना
- जांघों में दर्द
- नीचे झुकते समय तेज दर्द
कूल्हे के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज
कूल्हे के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज जड़ी बूटियों से किया जा सकता है। निर्गुंडी और शलक्की का उपयोग करना कूल्हे के दर्द के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके साथ ही साथ तेल से मालिश करना और योगासन जैसे कि गोमुखासन ,अर्ध मत्स्येन्द्रासन, आनंद बालासन करना भी दर्द को कम कर सकता है।
क्या कूल्हे के दर्द के लिए चलना अच्छा है?
जब कूल्हे में दर्द हो तो चलने से राहत मिल सकती है लेकिन इस बात का विशेषतौर पर ध्यान रखें कि कूल्हे के दर्द के समय तेजी से भागने, कूदने से बचना चाहिए क्योंकि इससे आपकी समस्या और भी बढ़ सकती है। चलने के लिए हमेशा समतल जगह का इस्तेमाल करें क्योंकि ऐसी जगह पर चलने से कूल्हे की हड्डी में झटके नही लगते हैं और एलाइनमेंट ठीक रहता है ।
कूल्हे का दर्द कहां होता है?
कूल्हे का दर्द कूल्हे में महसूस नहीं होता बल्कि यह कूल्हे के जोड़ में या फिर उसके आसपास के हिस्सों में होता है जिसकी वजह से पीड़ित दर्द को अपनी जांघों, कमर और घुटनों में महसूस कर सकता है।
कूल्हे और पिंडली दर्द है कौन सा योगासन प्राणायाम करें?
कूल्हे और पिंडली के दर्द के लिए आनंद बालासन, गोमुखासन, सर्वांगासन, सुप्त कपोत्सना आसन किए जा सकते हैं। लेकिन कोई भी योगासन करने से पहले एक बार किसी प्रशिक्षित से राय ले लेनी चाहिए।
क्या योग कूल्हे के दर्द में मदद कर सकता है?
योग करने से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर का लचीलापन भी बढ़ता है जिसके कारण अगर किसी व्यक्ति के कूल्हे में दर्द है तो उसके दर्द में काफी हद तक कमी हो सकती है।
कूल्हे में इंजेक्शन कैसे लगाया जाता है?
कूल्हे में इंजेक्शन लगाने के लिए सबसे पहले रोगी को एक्स-रे टेबल पर लिटा दिया जाता है और उसके कूल्हे के एरिया को साफ किया जाता है। उसके बाद जिस जगह पर इंजेक्शन लगाना होता है उसे डॉक्टर सुन्न कर देते हैं। फिर एक्स रे मशीन की स्क्रीन पर उस जगह को ढूंढते हैं जहां पर इंजेक्शन लगाना होता है। सही जगह मिल जाने पर छोटी सुई से दवा कूल्हे में इंजेक्ट कर दी जाती है।
कूल्हे के दर्द के लिए सबसे अच्छा इंजेक्शन कौन सा है?
कूल्हे के दर्द का उपचार के रूप में ऑर्थोपेडिक डॉक्टर रोगी की स्थिति देखते हुए इंजेक्शन देते हैं जिससे कि उन्हें हो रहे दर्द में आराम मिल जाए। इसके लिए स्टेरॉइड इंजेक्शन रोगी को कूल्हे के दर्द को कम करने के लिए दिया जाता है।
कूल्हे के दर्द के लिए कोर्टिसोन इंजेक्शन कितने प्रभावी हैं?
कोर्टिसोन इंजेक्शन दर्द को और सूजन को कम करने के लिए रोगी को दिया जाता है। कूल्हे के दर्द में जब कोर्टिसोन इंजेक्शन दिया जाता है तो इसका प्रभाव कुछ ही दिनों में दिखने लगता है जिसके अंतर्गत कूल्हे के दर्द में काफी हद तक कमी होती है। इस इंजेक्शन का असर २ महीने तक रह सकता है।
Updated on : 22 September 2023
समीक्षक
Dr. Aman Priya Khanna
MBBS, DNB General Surgery, Fellowship in Minimal Access Surgery, FIAGES
12 Years Experience
Dr Aman Priya Khanna is a well-known General Surgeon, Proctologist and Bariatric Surgeon currently associated with HealthFort Clinic, Health First Multispecialty Clinic in Delhi. He has 12 years of experience in General Surgery and worke...View More
लेखक
Rajath R Prabhu
MSc. Clinical Research I PG Diploma in Public Health Services Management
3 Years Experience
His work in medical content writing and proofreading is noteworthy. He has also contributed immensely to public health research and has authored four scientific manuscripts in international journals. He was assoc...View More
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